scorecardresearch
सोमवार, 23 जून, 2025
होमदेशआप ने गोवा में जनजाति कल्याण के लिए निधि का उचित तरीके से उपयोग करने की मांग की

आप ने गोवा में जनजाति कल्याण के लिए निधि का उचित तरीके से उपयोग करने की मांग की

Text Size:

पणजी, 23 जून (भाषा) विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली गोवा सरकार के समक्ष जनजातियों के कल्याण को लेकर पांच मांगें रखीं। आप ने दावा किया कि राज्य में अनुसूचित जनजाति समुदाय को उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है।

आप की गोवा इकाई के प्रमुख अमित पालेकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि या तो निधि आवंटित नहीं की जाती है, या उसे इधर-उधर कर दिया जाता है या नौकरशाही की लालफीताशाही में उलझा दिया जाता है, जबकि जनजातीय समुदाय गरीबी, बेरोजगारी और खराब बुनियादी ढांचे से पीड़ित हैं।

उन्होंने दावा किया, ‘‘जनजातीय उप-योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत आवंटित निधियां, जो विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए हैं, साल-दर-साल उपयोग के अभाव में शेष रह जाती हैं।’’

आप ने लंबित आदिवासी कल्याण निधियों के तत्काल आवंटन, मंजूरी और उपयोग तथा योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन की मांग की।

आप ने जनजाति उप-योजना व्यय का नियमित लेखा-परीक्षण और इसे सार्वजनिक करने की भी मांग की। पालेकर ने कहा कि गोवा में अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों को अधिसूचित किया जाना चाहिए और आदिवासी आबादी के वन अधिकारों को मान्यता दी जानी चाहिए।

आप ने शिक्षा, कौशल और रोजगार से जुड़े कार्यक्रमों के माध्यम से जनजातीय युवाओं के सशक्तीकरण की भी मांग की। पालेकर ने कहा कि आदिवासी उप-योजना के तहत बजट का कम से कम 10.23 प्रतिशत जानजातीय समुदाय को आवंटित किया जाना चाहिए।

उन्होंने दावा किया, ‘‘लेकिन केवल चार प्रतिशत यानी 1,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। हमने देखा है कि अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए वास्तव में 300 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत या खर्च नहीं की गई।’’

भाषा संतोष मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments