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Friday, 19 April, 2024
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‘दुर्घटना नहीं हत्या’- सुल्तानपुरी हादसे पर आक्रोशित परिजन, स्थानीय लोगों ने की न्याय की मांग

भीड़ बढ़ने के बीच पुलिस थाने के बाहर केंद्रीय पुलिस बल की भी टुकड़ी को भी बुलाया गया जिससे पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया. हालांकि पुलिस के रवैये को लेकर स्थानीय लोगों में काफी रोष है.

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नई दिल्ली: बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी पुलिस स्टेशन के बाहर सोमवार को लोगों का गुस्सा जमकर फूटा और उन्होंने 20 वर्षीय महिला की मौत पर पुलिस को निशाने पर लिया. 1 जनवरी की रात को सुल्तानपुरी इलाके में एक लड़की को कार से कई किलोमीटर तक घसीटा गया जिसने पूरी दिल्ली को नए साल पर दहला दिया.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा से कंझावला मामले में जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगी है. गौरतलब है कि पीड़िता का पोस्टमार्टम मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में कराया गया है. अभी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है.

बता दें कि 20 साल की लड़की रात में अपना काम कर के घर लौट रही थी जब कार में सवार पांच लोगों ने उसमें टक्कर मारी जिसके बाद उसका शरीर करीब 10-12 किलोमीटर तक सुल्तानपुरी से लेकर कंझावला तक घसीटता रहा.

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने नए साल के जश्न के दौरान सतर्कता अपनाते हुए शहर में तकरीबन 18 हजार जवानों को लगाया था.

इस घटना ने पीड़िता के परिवार और स्थानीय लोगों को काफी आक्रोशित कर दिया और पुलिस थाने के बाहर जमा होकर उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. दिप्रिंट ने जब सुल्तानपुरी पुलिस स्टेशन का दौरा किया तो सैकड़ों की संख्या में लोग बाहर खड़े होकर पुलिस की नाकामी को लेकर नारे लगा रहे थे और आरोपियों को फांसी देने की मांग भी कर रहे थे.

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भीड़ बढ़ने के बीच पुलिस थाने के बाहर केंद्रीय पुलिस बल की भी टुकड़ी को भी बुलाया गया जिससे पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया. हालांकि पुलिस के रवैये को लेकर स्थानीय लोगों में काफी रोष है.

थाने के बारे स्थानीय लोगों ने कहा, ‘लड़की के साथ ऐसा किया गया, पुलिस ने कुछ भी नहीं किया.’ बता दें कि पीड़िता का नाम अंजलि कुमारी है जो कि शादी के कार्यक्रमों में ब्यूटिशियन का काम करती है और अमन विहार में रहती है.

पीड़िता के एक रिश्तेदार प्रमोद कुमार ने दिप्रिंट को बताया, ‘यह दुर्घटना नहीं है बल्कि हत्या है. इसलिए सभी आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302 लगाया जाना चाहिए.’ उन्होंने आगे कहा, ‘वह अपने परिवार की एकमात्र कमाने वाली थी. वह अपने परिवार में अपने तीन अन्य भाई बहनों के साथ रहती थी.’

हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस रेप के मामले को दुर्घटना के तौर पर दिखाना चाहती है.

दिप्रिंट ने जब सुल्तानपुरी स्टेशन का दौरा किया तो उस समय पीड़िता का परिवार वहीं मौजूद था. थोड़ी देर बाद पुलिस अपनी गाड़ी में उन्हें उनके घर छोड़ने गई. मौके पर मौजूद एसीपी जयपाल सिंह ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने पीड़िता के परिवार से बात की है और जरूरी कार्रवाई जारी है.’

बता दें कि पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों में दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (27) और मनोज मित्तल (27) शामिल हैं. पांचों पर आईपीसी की धारा 279, 304 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि परिवार वालों की मांग है कि सभी पर धारा 302 लगाई जाए.

इस बीच पुलिस ने सभी आरोपियों को रोहिणी अदालत में पेश किया जहां सभी को तीन दिन की हिरासत में भेजा गया है.


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‘आरोपियों को फांसी दो’

सोमवार सुबह से ही सुल्तानपुरी स्टेशन के बाहर लोग जमा होने लगे थे और दिन भर काफी दूर-दूर से लोग यहां आए.

इस बीच घटना के एकमात्र चश्मदीद दीपक दहिया ने समाचार एजेंसी एएनआई को कंझावला घटना के बारे में बताया, ‘सुबह के 3:20 हो रहे थे…मैं एक दुकान के बाहर खड़ा था जब मैंने वाहन की आवाज सुनी. पहले मुझे लगा कि पहिया फटने की आवाज है. जैसे ही कार आगे गई तो मैंने देखा कि एक शरीर को घसीटा जा रहा है. मैंने तुरंत ही पुलिस को खबर दी.’

Posters on the wall near Sultanpuri police station carrying picture of one of the accused Mittal | photo by Krishan Murrari | ThePrint
सुल्तानपुरी थाने के पास दीवार पर एक आरोपी मित्तल की तस्वीर वाले पोस्टर | फोटो: कृष्ण मुरारी | दिप्रिंट

पुलिस थाने के बाहर बड़ी संख्या में महिलाएं भी नज़र आईं जिन्होंने जमकर पुलिस पर निशाना साधा. एक महिला ने कहा, ‘ये लोग आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे सभी रसूखवाले हैं. इन लोगों ने उसके साथ गलत काम किया है. सबको फांसी होनी चाहिए.’

स्थानीय लोगों ने पांच आरोपियों में से एक मनोज मित्तल के पोस्टर भी फाड़े. मित्तल को स्थानीय भाजपा नेता बताया जा रहा है. इसे लेकर आम आदमी पार्टी ने भी भाजपा को घेरा है. बता दें कि स्टेशन के पास ही मित्तल के पोस्टर लगे हुए हैं.

लेकिन दिल्ली पुलिस स्पेशल सीपी (कानून व्यवस्था) एसपी हुड्डा का कहना है, ‘मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है. विस्तृत जांच के बाद और भी जानकारी निकलकर आएगी.’

उन्होंने कहा, ‘एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है ताकि जांच कर रिपोर्ट सौंपी जा सके. मामले की जांच के लिए कई टीमें बनाई गई हैं. दिल्ली पुलिस पीड़िता के परिवार के भी संपर्क में बनी हुई है.’


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घटना पर हो रही राजनीति

1 जनवरी को हुई घटना के बाद इस पर राजनीति भी शुरू हो गई. सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने ने भाजपा और दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है. आम आदमी पार्टी ने सक्सेना को पद से बर्खास्त करने की भी मांग की.

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर सोमवार को कहा, ‘कंझावला में हमारी बहन के साथ जो हुआ, वो बेहद शर्मनाक है. मैं उम्मीद करता हूँ कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाएगी.’

आप कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के उपराज्यपाल के घर का घेराव भी किया. हालांकि एलजी सक्सेना ने कहा था, ‘मेरा सर शर्म से झुक गया है.’

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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