नई दिल्ली: बिहार के फुलवारी शरीफ के हारून नगर के 18 वर्षीय आमिर हंजला का सड़ा हुआ शव 11 दिन बाद हिंसा की जगह से कुछ दूर ही बरामद हुआ. शव 3 फीट गड्ढे में मिला. 11 दिन तक अपने बेटे के जिंदा या मरे होने की खबर का इंतजार करते हुए परिवार के मुताबिक कम से कम वो उसका अंतिम संस्कार तो कर सके.
चार दिन पहले दिप्रिंट से बातचीत में आमिर के पिता सोहैल अहमद ने कहा था कि आमिर को लेकर अच्छी या बुरी, कोई भी खबर मिले तो सही. वो पुलिस की खोजबीन से संतुष्ट नहीं थे. आमिर के फूफेरे भाई ने आरोप लगाया था कि पुलिस सारा समय हंसी-ठ्ठठा करने में व्यस्त रही और उसके भाई को मानसिक रूप से पीड़ित भी घोषित कर चुकी थी.
इस मामले में अब जाकर फुलवारी शरीफ पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक इन्हीं लोगों ने आमिर की हत्या कर शव को ठिकाने लगाया है. इनके नाम हैं- नागेश सम्राट, विकास कुमार, दीपक महतो, सनोज महतो, छोटू महतो और रईस पासवान हैं.
एसएचओ रफीकर रहमान ने दिप्रिंट से हुई बातचीत में कहा, ‘आरोपियों में से ही एक ने ये जुर्म कबूल किया है. सारे आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है. वो कहते हैं कि पुलिस के सामने हुए बयान में आरोपियों ने हत्या का तरीका और लाश का ठिकाना बताया. तब जाकर ही पुलिस खोज पाई वरना जिस जगह जानवर भी नहीं जाते वहां से लाश के होने की कल्पना पुलिस भी नहीं कर पाती.’
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वो आगे कहते हैं, ‘इनमें से ज्यादातर लोग आपराधिक बैकग्राउंड के हैं. चैतू कुमार और सनोज कुमार पर दो मर्डर केस भी चल रहे हैं जिसमें वो जमानत पर बाहर हैं. नागेश सम्राट और विकास कुमार हिंदू संगठनों से जुड़े हुए हैं और इस हिंसा व हत्या से पहले एक फेसबुक लाइव के जरिए धार्मिक भावनाएं भी भड़का रहे थे. इसके अलावा आरोपियों में से कोई टैम्पो चालक है तो कोई पॉकेटमार.’
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक आमिर के सिर पर चोट के निशान मिले हैं. साथ ही यह भी सामने आया है कि उसके शरीर पर ईंट और किसी नुकीली चीज से कई वार किए गए हैं. उसके शरीर पर दो कट के निशान भी मिले हैं. बता दें कि शव एक सड़ी अवस्था में बरामद किया गया था.
पुलिस के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान गोलियां चली. जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो भीड़ इधर-उधर हो गई. आमिर को उस इलाके के बारे में ज्यादा मालूम नहीं था. ऐसे में वो भागता हुआ संगत गली पहुंचा. यहीं पर आरोपियों ने उसकी पहचान कर उसे मार दिया और एक ठेले पर लादकर लाश को पास ही के एक गंदे पानी के गड्ढे में फेंक दिया. पुलिस के मुताबिक दोनों ही धर्मों के लोग इस हत्या के बाद माहौल को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश में हैं लेकिन पुलिस ऐसा होने नहीं देगी.
वहीं आमिर का परिवार अब गम में डूबा हुआ है. पहले उसके ना लौटने का गम और अब कभी ना लौटने का गम. दिप्रिंट से हुई बातचीत में आमिर के पिता कहते हैं, ‘मेरे पास बहुत से मुस्लिम संगठन आ रहे हैं लेकिन मैं मामले को सांप्रदायिक नहीं बनाना चाहता. बस हमें न्याय मिल जाए. मेरे बेटे के हत्यारों को सजा हो. वो बेहद मासूम था. मैंने आपको शुरू से ही बताया था कि उसे एनआरसी या सीएए के बारे में कुछ नहीं मालूम था. वो भोलेपन में उस भीड़ में चला गया.’
अब आमिर के परिवार के पास लाल स्वेटर और हाथ में तिरंगा लिए आमिर की तस्वीर ही केवल रह गई है.