नई दिल्ली: ऐसा लगता है कि पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा इस महीने की शुरुआत में पारित किया गया आदेश उन पर उल्टा पड़ गया है. उन्होंने खुद ही अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है, पुलिस को उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है जो सोशल मीडिया पर बंदूक और गोली बारी का महिमामंडन करते पाए जाते हैं.
13 नवंबर को पंजाब के गृह विभाग ने पंजाब में बढ़ती बंदूक संस्कृति पर रोक लगाने के लिए एक आदेश जारी किया. निर्देशों में सार्वजनिक रूप से हथियारों के प्रदर्शन के साथ-साथ सोशल मीडिया और गानों में बंदूकों एवं हथियारों के महिमामंडन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है.
हालांकि, इस आदेश ने मान सरकार को मुसीबत और शर्मिंदगी से भर दिया है.
गौरतलब है कि पंजाब में 10 साल के एक बच्चे के खिलाफ पुरानी तस्वीर—जिसमें उसने कथित तौर पर एक खिलौना बंदूक ले रखी है—को लेकर मामला दर्ज करने पर राज्य पुलिस की आलोचना के बाद आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार विपक्ष के निशाने पर है.
बिक्रम सिंह मजीठिया और अमरिंदर सिंह राजा वारिंग जैसे विपक्षी नेताओं ने अपने आदेश से पीछे हटने और उन पार्टी नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने को आप सरकार को घेरा है, जिनकी हथियारों के साथ खिंचाई तस्वीरें कथित तौर पर सोशल मीडिया पर चल रही हैं.
आप सरकार के लिए शर्मिंदगी के रूप में क्या आया होगा जब विपक्ष द्वारा बाहर लाई गई तस्वीरों में से एक खुद सीएम की है, संभवतः उस समय की है जब वह शोबिज में थे. मान खुद एक स्टैंड-अप कॉमेडियन रह चुके है और उन्होंने राजनीति में आने से पहले टेलीविजन पर द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में भी भाग लिया था.
दूसरी तस्वीर है अनमोल गगन मान की है जो खुद मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं.
बुधवार को लगातार दूसरे दिन शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव को मान के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी, यह आरोप लगाते हुए कि तस्वीरें, जहां वह हथियारों के साथ पोज देती हुई दिखाई दे रही हैं, विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सभी के देखने के लिए उपलब्ध थीं.
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने बुधवार को पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव को मान के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी और आरोप लगाया कि मान के खिलाफ तस्वीरें, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं जिनमे वो हथियारों के साथ दिख रहे हैं.
मजीठिया ने मान को टैग करते हुए एक तस्वीर भी पोस्ट की, जिसमें कैबिनेट मंत्री पुलिस की पोशाक पहने और हाथ में रिवॉल्वर लिए नजर आ रही हैं.
मजीठिया ने ट्वीट किया ‘पंजाब का असली डीजीपी कौन है? अनमोल गगन मान जिन्होंने अब तक अपनी तस्वीरें डिलीट नहीं की हैं? या फिर आदेश देने वाले डीजीपी? दोहरा मापदंड क्यों? आम जनता के लिए एफआईआर क्यों? भगवंत मान यह कानून है या बदला है?
ASLI @DGPPunjabPolice KON ? AJE TAK PHOTO DELETE NA KARN WALI @AnmolGaganMann ? Ja ORDER DEN WALE @DGPPunjabPolice ? 4 DIN BAAD V KOI KARWAI NAI ? DOHRA MAPDAND KIYON ? AAM PUBLIC LAI FIR PARCHE KYON ? @BhagwantMann A Law NAI BADLAW (ਬਦਲਾਵ ) HAI ? pic.twitter.com/0ECArh7Q2i
— Bikram Singh Majithia (@bsmajithia) November 30, 2022
एक दिन पहले, मजीठिया ने एक वीडियो मैसेज में डीजीपी को मान के खिलाफ उसी तरह कार्रवाई करने के लिए कहा था जिस तरह से पुलिस ने, अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हथियारों का महिमामंडन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है.
ਅੱਜ ਲੱਗ ਜਾਊ ਪਤਾ, ਕਿ ਕਾਨੂੰਨ ਸਿਰਫ਼ ਆਮ ਆਦਮੀ ਲਈ ਹੈ ਕਿ ਖਾਸ ਆਦਮੀ ਲਈ ਤੇ ਵੀ ਪਰਚਾ ਹੋਵੇਗਾ?
ਜਾਂ ਮੰਤਰੀ ਲਈ ਕਾਨੂੰਨ ਵੱਖਰਾ ਤੇ ਸੰਤਰੀ ਲਈ ਵੱਖਰਾ ? @DGPPunjabPolice @BhagwantMann @PunjabPoliceInd @PunjabGovtIndia @AnmolGaganMann @CMOPb pic.twitter.com/NrBZQilR43— Bikram Singh Majithia (@bsmajithia) November 29, 2022
एक पंजाबी गायक और खरार से विधान सभा के सदस्य (विधायक), मान के इंस्टाग्राम पर बहुत सारे फॉलोअर हैं और नियमित रूप से तस्वीरें पोस्ट करती हैं.
हालांकि मजीठिया द्वारा 2016 की कुछ तस्वीरों को कथित तौर पर मान की टीम द्वारा SAD नेता की टिप्पणियों के कुछ घंटों के भीतर ही हटा दिया गया था, लेकिन सोशल मीडिया पर अभी भी हथियारों के साथ उनकी कुछ तस्वीरें मौजूद हैं.
इससे पहले रविवार को मजीठिया ने मान की एक तस्वीर ट्वीट की थी जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री बंदूक लिए नजर आ रहे हैं. यह फोटो टेलीविज़न पर मान के समय का एक स्क्रीनग्रैब जैसी प्रतीत होती है.
Mittran nu shonk hathiaran da?
ਪਰ ਪਰਚੇ ਬੱਚਿਆਂ ਤੇ ਹੋ ਰਹੇ ਨੇ 🤔 @BhagwantMann pic.twitter.com/81vHcdWtlf— Bikram Singh Majithia (@bsmajithia) November 27, 2022
मजीठिया एकमात्र विपक्षी नेता नहीं हैं, जो पंजाब में आप प्रशासन को उसके गन ऑर्डर का ऑन-ग्राउंड निष्पादन में खामियों के लिए निशाना बना रहे हैं. कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने भी सोशल मीडिया पर एक 10 साल के बच्चे को बुक करने के लिए अमृतसर पुलिस की आलोचना करने के लिए पिछले हफ्ते ट्विटर का सहारा लिया था.
Dealing firmly against gun culture is welcome.But police should exercise restraint in dealing with children, as happened in Tarn Taran where it booked a 10 yr old.
Kids should better be counselled in such matters.
I urge @BhagwantMann & @DGPPunjabPolice to cancel the FIR. pic.twitter.com/lJSik2jzV8— Amarinder Singh Raja Warring (@RajaBrar_INC) November 25, 2022
मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आईजी मुख्यालय सुखचैन सिंह गिल, जो पंजाब पुलिस के प्रवक्ता भी हैं, ने मीडिया को बताया कि उस बच्चे के खिलाफ की गयी FIR रद्द कर दी गई है और दोषी पुलिस वाले के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है.
सोशल मीडिया पर कैबिनेट मंत्री की कथित तस्वीरों के बारे में पूछे जाने पर गिल ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी बात की जानकारी नहीं है.
पंजाब सरकार का आदेश 4 नवंबर को शिवसेना (टकसाली) नेता सुधीर सूरी और 10 नवंबर को डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी प्रदीप सिंह की हत्या के मद्देनजर आया था. दोनों को गोली मारी गई थी. इस साल की शुरुआत में, गायक-रैपर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसा वाला की भी पंजाब के मनसा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
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आदेश की पुनर्व्याख्या करना
इस बीच, पंजाब पुलिस और प्रशासन – गृह विभाग के आदेशों पर काम करने के तरीकों को लेकर निशाने पर है जिसमें सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं और सरकार के राजनीतिक संदेश की पुनर्व्याख्या करने की कोशिश की जा रही है.
पुलिस ने रविवार को सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ तस्वीरें खिंचवाते पाए जाने वालों पर किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी और जनता से स्वेच्छा से ऐसी सभी तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का अनुरोध किया, जिसके लिए 72 घंटे का समय दिया गया है.
Appeal to Everyone to voluntarily remove any objectionable content from their Social Media handles in the next 72 hours.
CM Punjab has directed that no FIRs for glorifying weapons will be registered for the next 3 days in Punjab to allow people to remove content on their own. pic.twitter.com/JwkrYVhN3N
— DGP Punjab Police (@DGPPunjabPolice) November 26, 2022
पुलिस के आदेश जिसमें हथियारों के प्रदर्शन पर भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध शामिल था, उस मूल आदेश को थोड़ा कम कर दिया और खुद को सोशल मीडिया पर केवल हथियारों के महिमामंडन के खिलाफ कार्रवाई तक सीमित रखा है.
#PunjabPolice conducted a massive state-level Cordon & Search Operations (CASO) in all 28 Police districts led by @DGPPunjabPolice.
District-level operation led by ADGP/IGP rank officers from 11am to 4pm across #Punjab#PunjabPoliceCASO pic.twitter.com/56qqUDlJA3
— Punjab Police India (@PunjabPoliceInd) November 15, 2022
.@PunjabPoliceInd will commence an extensive 90-day drive against illegal arms.
In case of hate speech against any community, FIRs will be registered and strict legal action will be taken. #StopHateSpeech pic.twitter.com/pcNVo8G3Jm
— DGP Punjab Police (@DGPPunjabPolice) November 20, 2022
गिल ने मंगलवार को कहा, ‘हमें हथियार प्रदर्शन क्यों किया जा रहा है उसके पीछे इरादा क्या है वह जानना है. एक व्यक्ति लाइसेंसी हथियार प्रयोग के लिए स्वतंत्र है, लेकिन इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. इसका उपयोग केवल आत्मरक्षा के लिए किया जा सकता है. लाइसेंसी हथियार रखते समय लाइसेंसधारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रिवाल्वर जैसा छोटा हथियार हमेशा उसके होलस्टर में रखा जाए. हम समझते हैं कि हथियार बड़ा होने की स्थिति में कोई विकल्प नहीं बचता है.’
राज्य पुलिस ने कथित रूप से सार्वजनिक रूप से हथियारों का प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ 13 नवंबर से लेकर रविवार के बीच 137 एफआईआर दर्ज की हैं. पिछले हफ्ते, पुलिस भी निशाने पर आ गई थी, जब एक सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर दंपत्ति के खिलाफ खिलौना बंदूकें होने का दावा करते हुए तस्वीरें पोस्ट करने के लिए मामला दर्ज किया गया था.
मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए गिल ने कहा कि पुलिस ने 10 साल के लड़के के मामले से सबक सीखा है जिसने सोशल मीडिया पर हथियार के साथ तस्वीर पोस्ट की थी. ऐसे में स्टेशन हाउस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि किसी भी व्यक्ति पर पोस्ट करने के लिए मामला दर्ज करने से पहले उचित जांच की जाए.
कार्रवाई में अनियमितता
मजीठिया ने मंगलवार को डीजीपी को भेजे एक संदेश में पूछा कि अगर 72 घंटे के बाद भी मान की कथित तस्वीरों को नहीं हटाया गया तो क्या पंजाब पुलिस उसके खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी.
एक दिन पहले, शिअद नेता ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया था कि वे लोगों में डर पैदा करने के लिए हथियार लहरा रहे हैं.
मुकेरियां में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मजीठिया ने ऐसे मामलों में पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाया है.
इस महीने की शुरुआत में, नेता ने सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह संधू पर पंजाब भर में यात्रा करने और भारी हथियारों से लैस लोगों से घिरे खालिस्तान के समर्थन में सभाओं को संबोधित करने के लिए खुले तौर पर हमला किया था.
वारिंग ने हथियारबंद लोगों के साथ संधू के राज्य भर में खुलेआम घूमने पर भी पुलिस का ध्यान आकर्षित किया था.
वारिंग ने 18 नवंबर को संधू और उनके समर्थकों का एक वीडियो पोस्ट किया था, जो हथियारों से लैस होकर मोगा शहर में एक जनसभा के लिए पहुंचे थे.
वारिंग ने लिखा, लोग गाने सहित हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने वाले @AAPP पंजाब सरकार के आदेश का मजाक उड़ा रहे हैं. यहां खुलेआम हथियार लेकर लोग मोगा में प्रतिबंध की अवहेलना कर रहे हैं. क्या सच में पंजाब में कहीं भी सरकार की मर्जी चलती है?
Cock a snook'!
People are 'cocking a snook' at @AAPPunjab government's orders banning public display of weapons, including in songs.
Here people are openly defying the ban in Moga by openly carrying weapons.
Does the will of government really run anywhere in Punjab? pic.twitter.com/6wO3abt8g5— Amarinder Singh Raja Warring (@RajaBrar_INC) November 18, 2022
कांग्रेस नेता ने संधू की एक तस्वीर भी पोस्ट की जिसमें वह हथियार लिए हुए थे और एक हथियारबंद समर्थक के साथ तस्वीर खिंचवा रहे थे.
वारिंग ने लिखा, ‘हम उनका स्वागत करते हैं जो सिख युवाओं को सिख धर्म के करीब लाने का काम कर रहे हैं लेकिन गुरुओं के लिए नहीं जो हथियारों को बढ़ावा देते हैं जो अंततः हिंसा का कारण बनेंगे. हम पहले ही भारी कीमत चुका चुके है. वो भयानक यादें अब भी हमें सता रही हैं. कृपया पंजाब को फिर से अंधेरे युग में न धकेलें. ‘
We welcome & appreciate baptising youth & bringing them close to Sikhi, but for Gurus' sake don't promote weapons which will eventually lead to violence.
We have already paid heavy price. Those horrible memories are still haunting us. Please don't push Punjab again into dark era. pic.twitter.com/JUFSL76Lq7— Amarinder Singh Raja Warring (@RajaBrar_INC) November 21, 2022
जबकि संधू के एक सहयोगी पर 22 नवंबर को सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन करने के लिए मामला दर्ज किया गया था, लेकिन सार्वजनिक रूप से हथियार प्रदर्शित करने और अपना ठाट-बाट दिखाने के लिए किसी भी नेता के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है.
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अनुवाद: अलमिना खातून
संपादन: पूजा मेहरोत्रा
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