scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेशमंदिर में प्रवेश से पहले आधार कार्ड ज़रूरी, भड़काऊ भाषण का आरोपी यति फरार, गाजियाबाद में सुरक्षा बढ़ी

मंदिर में प्रवेश से पहले आधार कार्ड ज़रूरी, भड़काऊ भाषण का आरोपी यति फरार, गाजियाबाद में सुरक्षा बढ़ी

पुलिस गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद की तलाश कर रही है, जिनके पैगंबर मोहम्मद पर भड़काऊ बयानों के कारण देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं.

Text Size:

डासना (गाजियाबाद): चार अक्टूबर को डासना देवी मंदिर के बाहर पथराव के बाद किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती के कारण सुनसान सड़कों पर दोनों तरफ शटर बंद हैं. इस बीच, मंदिर के विवादास्पद महंत यति नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई भड़काऊ टिप्पणियों को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है.

सोमवार को, विभिन्न हिंदुत्व संगठनों से जुड़े सैकड़ों लोगों ने पथराव की घटना के विरोध में गाजियाबाद पुलिस आयुक्त के कार्यालय के बाहर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन कर रहे लोगों में शामिल जितेंद्र हिंदू ने कहा, “पुलिस ने हमें बताया कि यति नरसिंहानंद की तलाश की जा रही है; कोई नहीं जानता कि वे कहां हैं. हम पुलिस के आश्वासन से खुश नहीं हैं और अगर अगले कुछ दिनों में वे नहीं मिले, तो हम बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन करेंगे.”

पेशे से डेंटिस्ट प्रकाश सिंह ने कहा कि वे नरसिंहानंद के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए हैं, “ताकि मुसलमानों से हिंदुओं को होने वाले खतरे का मुकाबला किया जा सके”.

गाजियाबाद पुलिस आयुक्त के कार्यालय के बाहर सोमवार को प्रदर्शनकारी | फोटो: कृष्ण मुरारी/दिप्रिंट
गाजियाबाद पुलिस आयुक्त के कार्यालय के बाहर सोमवार को प्रदर्शनकारी | फोटो: कृष्ण मुरारी/दिप्रिंट

पुलिस ने बताया कि नरसिंहानंद की तलाश की जा रही है, जिन पर नफरत फैलाने वाले भाषण का नया आरोप है.

डासना देवी मंदिर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. भक्तों को आधार कार्ड दिखाने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है. किसी भी शरारती तत्व पर नज़र रखने के लिए प्रवेश द्वार पर पुलिस की एक टीम तैनात है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा-163 गाजियाबाद पुलिस आयुक्तालय की सीमा में लागू है.

जानकारी मिली है कि 10 एकड़ में फैले मंदिर परिसर में नरसिंहानंद के करीब 25 शिष्य रहते हैं, इसके अलावा 30 से ज्यादा सेवादार भी रहते हैं. परिसर में 15 अन्य छोटे मंदिर भी हैं, इसके अलावा एक ‘चर्चा कक्ष’ भी है, जहां नरसिंहानंद — जिन्होंने 2007 में डासना देवी मंदिर के महंत का पद संभाला था, नियमित रूप से दरबार लगाते हैं.

पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए चार शिष्यों में से एक निर्भयानंद ने दिप्रिंट से कहा, “नवरात्रि के दौरान मुसलमानों ने मंदिर पर हमला किया. यह कोई साधारण हमला नहीं है, बल्कि हिंदुओं पर हमला है. हिंदू समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा और इसका जवाब दिया जाएगा. हम अलग-अलग जिलों में इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.”

इस बीच, खुद को आस्था मां बताने वाली एक महिला ने आरोप लगाया कि नवरात्रि के दूसरे दिन मुस्लिम पुरुषों के एक समूह ने मंदिर को चारों तरफ से घेर लिया था.

अभद्र भाषा के आरोपी महंत के समर्थन में आस्था मां ने किया प्रदर्शन | फोटो: कृष्ण मुरारी/दिप्रिंट
अभद्र भाषा के आरोपी महंत के समर्थन में आस्था मां ने किया प्रदर्शन | फोटो: कृष्ण मुरारी/दिप्रिंट

उन्होंने कहा, “जब हिंदू मंदिरों पर हमला होता है, तो हमारी भावनाएं भी आहत होती हैं. ये लोग सर तन से जुदा की बात करते हैं, लेकिन हम भी यहां चूड़ियां पहनकर नहीं बैठे हैं.”


यह भी पढ़ें: हरियाणा की दीवारों पर लगे पोस्टर में मोदी की फोटो सबसे पहले तो है, मगर छोटी है


नरसिंहानंद पर भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज

29 सितंबर को गाजियाबाद के लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में एक सभा को संबोधित करते हुए यति नरसिंहानंद ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में भड़काऊ टिप्पणी की थी. उनके खिलाफ विभिन्न शहरों में सांप्रदायिक तनाव भड़काने के आरोप में एक दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं.

जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद को इससे पहले जनवरी 2022 में दो अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया गया था. उन पर हरिद्वार में धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने और महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है. हालांकि, उन्हें एक महीने के भीतर ही दोनों मामलों में ज़मानत पर रिहा कर दिया गया था.

उन्होंने 2021 में भी इसी तरह की विवादित टिप्पणी की थी. गाजियाबाद में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196 (शत्रुता), 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप/अभिकथन), 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया दुर्भावनापूर्ण कार्य) और 302 (किसी अन्य व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाने के लिए टिप्पणी करना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

टिप्पणी के लिए पूछे जाने पर, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (वेव सिटी गाजियाबाद) लिपि नगायच ने दिप्रिंट को बताया, “यति नरसिंहानंद के सहायक अनिल यादव की तलाश अभी भी जारी है. फिलहाल, थाना स्तर पर छह टीमें बनाई गई हैं जो तीन मामलों की जांच कर रही हैं.”

एसीपी नगायच ने कहा कि हिंदुत्व संगठन आरोप लगा रहे हैं कि नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर ठीक से तैयार नहीं की गई है और इसे रद्द किया जाना चाहिए.

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में नरसिंहानंद के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान शेखपुरा में पुलिस चौकी के बाहर पथराव की घटना के सिलसिले में पुलिस ने सोमवार को 13 लोगों को गिरफ्तार किया. जम्मू और कश्मीर के राजौरी जिलों में शनिवार को भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए.

इस बीच मुस्लिम संगठनों ने नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग की है और समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने उनकी मांग का समर्थन किया है.

‘जब से ये बाबा यहां आए हैं…’

गाजियाबाद का डासना मुस्लिम बहुल इलाका है, जहां 80 फीसदी से ज्यादा स्थानीय आबादी मुस्लिम है.

डासना देवी मंदिर से कुछ मीटर की दूरी पर रहने वाले मोहम्मद मेहराज ने कहा कि इस सांप्रदायिक तनाव से न तो हिंदुओं को फायदा है और न ही मुसलमानों को, इससे दोनों पक्षों को ही नुकसान होता है. “जब से ये बाबा इस इलाके में आए हैं, तब से माहौल खराब करने की कई बार कोशिशें हुई हैं, लेकिन इस इलाके के लोगों में कभी आपस में लड़ाई नहीं हुई.”

डासना देवी मंदिर के अंदर, जिसके महंत यति नरसिंहानंद हैं | फोटो: कृष्ण मुरारी/दिप्रिंट
डासना देवी मंदिर के अंदर, जिसके महंत यति नरसिंहानंद हैं | फोटो: कृष्ण मुरारी/दिप्रिंट

नरसिंहानंद के डासना आने से पहले के दिनों को याद करते हुए मेहराज ने कहा कि तब मंदिर परिसर में आयोजित होने वाले मेलों में मुसलमान हिस्सा लेते थे. “वो समय अलग था. इस बाबा ने पूरे शहर का माहौल बदल दिया.”

पत्थरबाजी की घटना को तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन डासना देवी मंदिर के आसपास के इलाके में अभी भी तनाव बरकरार है.

बंद दुकान के सामने बैठे मेहराज ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में “कई युवा लड़कों को उठा लिया है”. यह सभी “सभी निर्दोष हैं”.

मेहराज के दावों पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर पुलिस ने दिप्रिंट से पुष्टि की कि अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 100 से अधिक लोगों के नाम एफआईआर में दर्ज किए गए हैं.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: मंदिरों पर हमले, 5 लाख टका की डिमांड; कट्टरपंथियों के चलते बांग्लादेश में हिंदू नहीं मना पाएंगे दुर्गा पूजा


 

share & View comments