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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशटायर से खेलते खेलते, डांस करते कैसे अली और लवली नादिया कामेनिची की आंखों के तारे बने

टायर से खेलते खेलते, डांस करते कैसे अली और लवली नादिया कामेनिची की आंखों के तारे बने

अली और लवली का वीडियो जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, उनके शिक्षक शेखर राव ने शूट किया था, जो कोलकाता के गार्डन रीच इलाके में गरीब बच्चों को प्रशिक्षित करते हैं.

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कोलकाता : भारतीय जिम्नास्ट दीपा करमाकर ने एक पुराने स्कूटर के हिस्से से खुद एक स्प्रिंग बोर्ड बनाया जिसको वो त्रिपुरा के अपने दूरदराज़ गांव में प्रेक्टिस के लिए इस्तेमाल करतीं थी. करमाकर के घर से बहुत दूर नहीं, अली और लवली अपने शिक्षक शेखर राव द्वारा 300 रुपये में एक कूड़ा बीनने वाले से खरीदे गए टायर का उपयोग अपने जिमनास्टिक को बेहतर बनाने के लिए कोलकाता के गार्डन रीच क्षेत्र में एक छोटे से क्लब के अंदर प्रैक्टिस करते हैं.

अली (11) और लवली (12) ने पिछले हफ्ते इंटरनेट पर तूफान खड़ा कर दिया, जब दोंनों के स्कूल के यूनिफॉर्म में कार्टव्हील्स और बैक फ्लिप्स करते हुए एक वीडियो ट्विटर पर साझा किया गया था. ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नादिया एलेना कामेनिची ने वीडियो को रीट्वीट किया, इसे ‘गजब का’ कहा.

इस क्लिप को राव ने शूट किया था, जो गार्डन रीच में एक रेलवे कॉलोनी के अंदर क्लब में वंचित बच्चों के लिए एक छोटा सा डांस स्कूल चलाते हैं.

मदद के लिए सोशल मीडिया

अली उर्फ मोहम्मद इजाज़ुद्दीन और लवली उर्फ जशिखा खान का स्कूल जाते वक्त अपनी 2 किमी पैदल यात्रा के दौरान करतब करने का सिलसिला नियमित था.

राव ने शूट करके 21 अगस्त को पहली बार फेसबुक पर एक क्लिप पोस्ट की, उन्हें उम्मीद थी कि किसी दानवीर समाजसेवी की इस पर नज़र पड़ जाये.

हालांकि, उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि अली और लवली का वीडियो इस तरह से इंटरनेट पर वायरल होगा. उसके एक मित्र ने वायरल हो रहे वीडियो और मशहूर हस्तियों के साथ-साथ राजनेताओं द्वारा ट्वीट किए जाने की खबर दी. केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू ने उन्हें एक जिमनास्टिक अकादमी देने के वादे के साथ ट्वीट किया. सांसद मेनका गांधी ने भी क्लिप को ट्विटर पर शेयर किया है.

शुरुआत में राव को पता नहीं था कि ट्विटर कैसे काम करता है और दोस्त की मदद से नया अकाउंट बनाया.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘मैंने सुना है कि क्लिप के वायरल होने के बाद बहुत से लोग बच्चों से संपर्क करना चाहते थे. सोशल मीडिया पर अटकलें लगाई जा रही थीं. कुछ का कहना है कि बच्चे पूर्वोत्तर से थे, जबकि कुछ अन्य का मानना ​​था कि वे उत्तर भारत के हैं. मैं मीडिया घरानों तक पहुंचना चाहता था और कुछ स्थानीय चैनलों को फोन करता रहा. लेकिन किसी ने भी जवाब नहीं दिया.’

राव ने कहा, ‘मैंने स्थानीय विधायक अनवर खान से बच्चों को कुछ मीडिया हाउसेज़ में ले जाने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया.’ इसके बाद उन्होंने फेसबुक पर एक और वीडियो पोस्ट किया और इस बार अपने पोस्ट में कुछ स्थानीय चैनलों को टैग किया.

उन्होंने कहा, ‘कुछ राष्ट्रीय चैनलों के साथ स्थानीय मीडिया ने आखिरकार मुझसे संपर्क किया. मेरा फोन तब से बज रहा है.’

टॉलीवुड के एक कोरियोग्राफर राव करीब आठ और 10 बैच में सुविधाओं से वंचित लगभग 80 बच्चों को प्रशिक्षित करते हैं. उनकी कक्षाएं सुबह 5 बजे क्लब के अंदर शुरू होती हैं जो आमतौर पर दुर्गा पूजा समारोहों के लिए संरक्षित होते हैं.

गरीबी से वायरल कहानी तक का सफर

अली, लवली और राव के अन्य बच्चों को हाल ही में मिली मीडिया चकाचौंध अपरिहार्य है.

आकाश राजबंशी (जिमनास्ट) ने अली से कहा ‘तुम तो हीरो बन गए, हम लोगों को भूल मत जाना’ अली और लवली ने उन्हें गले लगाते हुए कहा, ‘हम लोग यहां से जायेंगे कहां? तुम्हारे साथ हैं, कहीं भी जाएं तुम लोगों के पास ही लौटेंगे.’

उनकी बातचीत सुनकर राव ने हंसते हुए कहा, ‘बच्चों में कोई शत्रुता, बैर या ईर्ष्या नहीं है. केवल मासूमियत, प्यार और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होती है. यही है जिसकी वजह से मैं उनके साथ काम करता हूं.’

हालांकि, अली के माता-पिता एक स्थानीय चाय निर्माण इकाई में मजदूर के रूप में काम करते हैं. लवली के पिता एक ड्राइवर और मां एक दर्जी हैं. वह अपने परिवार में तीन बेटियों में से एक हैं.

उनके पिता ताज खान ने कहा, ‘मैंने अपनी बेटियों को घरेलू काम करने और शादी करने के लिए पाल-पोस कर बड़ा किया है. ये तीनों राव की कक्षा में डांस सीखती हैं. पिछले चार सालों में राव ने हमसे कभी पैसे नहीं मांगे.’

हालांकि खान ने स्वीकार किया कि उनके समुदाय में ‘बच्चों को घर के अंदर रखने’ और ‘उन्हें उचित भारतीय कपड़े पहनने’ का दबाव है. वह झारखंड के कोडरमा इलाके का रहने वाला है और कोलकाता के किडरपोर में काम की तलाश में आये थे. परिवार झुग्गी में एक छोटे क्वार्टर में रहता है.

लवली की मां रेशमा को भी अपनी बेटियों को ‘कूदने’ की अनुमति देने के लिए रिश्तेदारों और पड़ोसियों से आलोचना का सामना करना पड़ा.

उन्होंने कहा, ‘मेरे पड़ोसियों ने तीन बेटियों की परवरिश के बारे में चिंता जताई और कहा कि हमें उनकी जल्द ही शादी करने की ज़रूरत है’

रेशमा ने कहा, ‘हम 5 रुपये में दूध का एक पैकेट खरीदते हैं, इसे पानी में मिलाते हैं और सप्ताह में एक या दो बार अपनी बेटियों को देते हैं. वे कभी अच्छा खाना नहीं मांगती हैं. लवली सुबह 4 बजे उठती है, बर्तन धोती है और सुबह 5 बजे डांस क्लास के लिए जाने से पहले घर का काम करती है. वह यह चाहती है कि मैं उसे न रोकूं’

अली और लवली दोनों अब जिम्नास्ट होना चाहते हैं भले ही उन्होंने राज्य और केंद्रीय मंत्रियों के नाम के बारे में न सुना हो, लेकिन वे करमाकर और हेमा दास के नामों को जानते हैं.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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