पणजी, 29 मई (भाषा) अपनी साथी लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के साथ सफलतापूर्वक विश्व का चक्कर लगाने के बाद गोवा लौटीं लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘समुद्र की दुनिया समान ग्रह पर है, लेकिन एक पूरी तरह से भिन्न दुनिया है।’’
नौसेना के सहयोग से दोनों ने आईएनएसवी तारिणी जहाज से 238 दिनों में 25,600 समुद्री मील से अधिक की दूरी तय की। नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि यह भारतीय महिलाओं द्वारा नौकायन जहाज से दुनिया की पहली परिक्रमा थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वास्को के ‘मोरमुगाओ पोर्ट अथॉरिटी’ में आठ महीने का ‘नाविका सागर परिक्रमा द्वितीय’ अभियान पूरा कर लौटीं इन दो साहसी महिलाओं और उनके जहाज का स्वागत किया। पिछले साल दो अक्टूबर को अभियान को हरी झंडी दिखाने वाले नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी भी इस मौके पर मौजूद थे।
सिंह ने कहा कि दोनों महिला अधिकारियों की उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है। उन्होंने कहा, ‘‘आपने न केवल पृथ्वी का चक्कर लगाया है, बल्कि आपने हर भारतीय के दिल में जगह बनाई है।’’
उन्होंने उन्हें ‘‘देश की बहादुर बेटियां’’ कहा।
रक्षामंत्री ने कहा, ‘‘आज आप दोनों से मिलने के बाद मुझे ऐसा लग रहा है जैसे एक पिता अपनी दो बेटियों से मिल रहा है।’’
उन्होंने कहा कि महिलाओं ने प्रवेश पाने के बाद से भारतीय रक्षातंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर हवाई हमलों में महिला अधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इस अवसर पर लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के ने कहा, ‘‘हां, हमने यह कर दिखाया। दो अक्टूबर को हम बहुत उम्मीद और साहस के साथ गोवा से निकले थे….आज हम यहां मजबूत होकर खड़े हैं।’’
भाषा राजकुमार माधव
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