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Saturday, 2 November, 2024
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‘एक बड़ा कदम’— गुजरात सरकार ने GIFT सिटी में दी शराब बेचने की छूट, उद्योग जगत ने फैसले का किया स्वागत

शुक्रवार को एक बयान में गुजरात सरकार ने कहा कि 'GIFT सिटी एक वैश्विक वित्तीय और तकनीकी केंद्र के रूप में उभरी है' और यहां के होटल, रेस्तरां और क्लबों को 'शराब और भोजन सुविधाओं के लिए परमिट दिए जाएंगे'.

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मुंबई: गुजरात सरकार ने शुक्रवार को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेकसिटी (GIFT सिटी) को राज्य के शराब निषेध कानून से छूट दे दी. GIFT सिटी एक प्रकार का विशेष आर्थिक क्षेत्र है.

मौजूदा कानूनों के तहत गुजरात आने वाले पर्यटक अस्थायी परमिट प्राप्त करके अधिकृत दुकानों से शराब खरीद सकते हैं.

हालांकि, छूट के साथ GIFT सिटी में काम करने वाली कंपनियों के मालिक और कर्मचारी होटल, रेस्तरां और क्लबों में शराब का सेवन कर सकेंगे. साथ ही इन कंपनियों के अधिकृत आगंतुक भी स्थायी कर्मचारियों की उपस्थिति में अस्थायी परमिट के साथ इन प्रतिष्ठानों में शराब पी सकेंगे. ऐसी कंपनियों में शराब परोसने वाले होटल और रेस्तरां में मौके पर ही अस्थायी परमिट प्राप्त किया जा सकता है.

1960 में अपनी स्थापना के बाद से ही गुजरात एक ड्राई स्टेट रहा है, और GIFT सिटी में शराब पीने की छूट से विशेष आर्थिक क्षेत्र में “व्यवसाय को बढ़ावा” मिलने की उम्मीद है.

यह छूट 9 जनवरी को अहमदाबाद में शुरू होने वाले 10वें तीन दिवसीय वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन से कुछ दिन पहले दी गई है.

शुक्रवार को एक बयान में गुजरात निषेध और उत्पाद शुल्क विभाग ने कहा, “GIFT सिटी एक वैश्विक वित्तीय और तकनीकी केंद्र के रूप में उभरा है जो आर्थिक गतिविधियों से भरपूर है. वैश्विक निवेशकों, तकनीकी विशेषज्ञों और वहां के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को वैश्विक व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए GIFT सिटी क्षेत्र में ‘वाइन एंड डाइन’ सुविधाओं की अनुमति देने के लिए निषेध नियमों को बदलने के लिए शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है.”

बयान में कहा गया है: “नई नीति के तहत, GIFT सिटी क्षेत्र में होटल, रेस्तरां और क्लबों को वाइन और भोजन सुविधाओं के लिए परमिट दिया जाएगा.”

हालांकि, बयान में स्पष्ट किया गया है कि इन सुविधाओं में शराब परोसी और पी जा सकती है, लेकिन होटल और रेस्तरां परिसर के बाहर शराब की बोतलें नहीं बेच सकेंगे.

 बयान में कहा गया, “GIFT सिटी क्षेत्र में आधिकारिक तौर पर काम करने वाले और उनके आधिकारिक मेहमान वाइन और भोजन सुविधाओं के लिए ऐसे होटलों, रेस्तरां और क्लबों में जा सकेंगे. GIFT सिटी के सभी कर्मचारियों और मालिकों को शराब पहुंच परमिट दिया जाएगा, जिसका उपयोग करके वे शराब का सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा, कंपनियों द्वारा अधिकृत व्यक्ति या उनके आगंतुक अस्थायी परमिट का उपयोग करके नियमित कर्मचारियों की उपस्थिति में शराब का सेवन कर सकते हैं.”

जानकारों के मुताबिक GIFT सिटी के लिए शराबबंदी में छूट एक सकारात्मक कदम है.

स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने दिप्रिंट से कहा, “अल्कोहल की परमिट न होना वैसे भी एक बाधा थी. इसलिए अब कुछ छूट और परमिट के साथ, मैं कहूंगा कि यह एक कदम आगे है.”


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‘एक बड़ा प्रोत्साहन’

गांधीनगर जिले में स्थित GIFT सिटी की परिकल्पना 2007 में की गई थी और इसे भारत का पहला ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) माना जाता है.

विशेष आर्थिक क्षेत्र ओरेकल, बैंक ऑफ अमेरिका, सिरिल अमरचंद मंगलदास लॉ फर्म, सिटी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज सहित यहां संचालित 400 से अधिक कंपनियों में काम करने वाले 20,000 से अधिक लोगों का घर है. यहां एक कमोडिटी एक्सचेंज और एक बुलियन एक्सचेंज भी है.

GIFT इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (IFSC) कई सुविधाएं देता है, जिसमें IFSC क्षेत्र में ऑफिस यूनिट के लिए 10 सालों के लिए टैक्स में छूट, नई टैक्स व्यवस्था का चयन करने वाली कंपनियों के लिए कोई न्यूनतम वैकल्पिक टैक्स नहीं, वस्तु और सेवा कर (GST) छूट IFSC में यूनिट द्वारा प्राप्त सेवाओं पर और निवेशकों के लिए IFSC एक्सचेंजों में किए गए लेनदेन पर कोई जीएसटी नहीं तथा स्टेट सब्सिडी की एक सीरीज़ शामिल है.

रमाकांत झा, जिन्होंने 2010 से 2015 तक GIFT सिटी के प्रबंध निदेशक और ग्रुप सीईओ के रूप में काम किया, ने दिप्रिंट को बताया, “यह एक अच्छा फैसला है क्योंकि GIFT सिटी को SEZ क्षेत्र के रूप में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित किया गया है और स्थानीय कानून वहां लागू नहीं होने चाहिए.”

झा ने कहा: “अभी यह बहुत अलग नहीं है. परमिट की अभी भी आवश्यकता है लेकिन यह होटल के कर्मचारियों द्वारा मौके पर ही जारी किया जाएगा. लेकिन अभी भी फॉर्म भरना बाकी है. SEZ क्षेत्र में, सच बताऊं तो परमिट की जरूरत नहीं होनी चाहिए. लेकिन फिर भी यह एक कदम आगे है.”

बालिगा के अनुसार, किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने के लिए एक टिपिंग पॉइंट की आवश्यकता होती है और वह तब दिया जाता है जब अधिक से अधिक लोग इसमें आते हैं. उन्होने कहा, “एक बार जब टिपिंग पॉइंट वहां आ जाता है, तो अन्य लोग खुद उसका फॉलो करते हैं.”

और यहीं पर रियल एस्टेट इंडस्ट्री को उम्मीद है.

गांधीनगर स्थित वागाबॉन्ड रियल एस्टेट के मालिक अनीश ठक्कर लंबे समय से GIFT सिटी इलाके में काम कर रहे हैं. उन्होंने दिप्रिंट को बताया कि पहले बहुराष्ट्रीय कंपनियां GIFT सिटी में आने से झिझकती थीं क्योंकि उनके कर्मचारी यहां ट्रांसफर के इच्छुक नहीं थे.

उन्होंने कहा, “लेकिन अब इजाजत मिलने से, अधिक कंपनियां आएंगी और मौजूदा बुनियादी ढांचे की कमी हो जाएगी. यह एक बड़ा बढ़ावा होगा और कल शाम से जब यह खबर आई, क्षेत्र के डेवलपर्स ने अपने खुदरा स्थान दरों में 5-10% की वृद्धि की है, जिससे वाणिज्यिक संपत्तियों को बढ़ावा मिलेगा.”

हालांकि, उन्होंने कहा कि आवासीय संपत्ति को बढ़ावा देने के लिए नई प्रक्रिया पर अधिक स्पष्टता की जरूरत है.

(संपादनः ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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