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रविवार, 4 मई, 2025
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मंदिर में पिछले साल भी मामूली स्तर पर इसी प्रकार की घटना हुई थी: अधिकारी ने गोवा भगदड़ को लेकर कहा

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पणजी, चार मई (भाषा) उत्तरी गोवा के एक मंदिर में उत्सव के दौरान भगदड़ की घटना की जांच कर रही समिति ने पाया है कि इसी समारोह में पिछले साल भी मामूली स्तर पर ऐसी ही एक घटना हुई थी तथा जिस जगह पर भगदड़ मची वह दुर्घटना संभावित क्षेत्र था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

पणजी से लगभग 40 किलोमीटर दूर शिरगांव के श्री लईराई देवी मंदिर में शनिवार को तड़के करीब तीन बजे भगदड़ की घटना में छह लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

अधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा गठित तथ्यान्वेषी समिति ने कार्यक्रम में भीड़ प्रबंधन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं।

सरकार ने राजस्व सचिव संदीप जैक्स की अध्यक्षता में एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया है जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वर्षा शर्मा, राज्य परिवहन निदेशक परिमल अभिषेक और दक्षिण गोवा के पुलिस अधीक्षक टीकम सिंह वर्मा शामिल हैं।

वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भगदड़ एक ढलान पर मची जो दुर्घटना संभावित क्षेत्र है और समिति घटना के पीछे की सटीक वजह का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें पता चला है कि पिछले साल भी मंदिर में उत्सव के दौरान इसी स्थान पर एक ऐसी ही घटना हुई थी लेकिन यह घटना मामूली स्तर की थी।’’

अधिकारी ने कहा कि समिति इस बात की भी जांच करेगी कि इस प्रकार की घटना को रोकने के लिए सावधानी क्यों नहीं बरती गई।

उन्होंने कहा, ‘‘समिति ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इसने जिलाधिकारी स्नेहा गिट्टे, पुलिस अधीक्षक अक्षत कौशल, पुलिस उपाधीक्षक जिवबा दलवी, उपजिलाधिकारी भीमनाथ खोरजुवेकर, मंदिर समिति के सदस्यों और अन्य लोगों के बयान दर्ज किए हैं ताकि यह पता लग सके कि उस दिन वास्तव में क्या हुआ था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जानकारी जुटाने और रिपोर्ट दाखिल करने में कम से कम दो दिन और लगेंगे।’’

अधिकारी ने कहा कि समिति भगदड़ में घायल हुए लोगों से भी बातचीत करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ पीड़ितों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। हम उन्हें एक दिन घर पर आराम करने और सहज होने का समय देंगे तथा उसके बाद उनके बयान दर्ज किए जाएंगे।’’

अधिकारी ने कहा कि समिति इस बात की भी जांच कर रही है कि तीर्थयात्रियों के दो समूहों के बीच कथित तौर पर झगड़े के कारण भगदड़ मची।

उन्होंने कहा कि मंदिर की ओर जाने वाली गलियां संकरी होने के बावजूद मंदिर समिति ने रास्ते में दुकानें लगाने की अनुमति दे दी, जिससे इलाके में भीड़भाड़ और बढ़ गई।

पुलिस महानिदेशक आलोक कुमार ने शनिवार को कहा था कि उत्सव में शामिल होने के लिए कम से कम 30,000 से 40,000 श्रद्धालु एकत्र हुए थे जिनमें से कुछ एक ढलान पर खड़े थे। ढलान पर खड़े कुछ लोग गिर गए, जिससे अन्य लोग लुढ़ककर एक-दूसरे पर गिर गए।

कुमार के अनुसार, करीब 50 लोग ढलान पर गिर गए जिसके कारण भगदड़ मच गई। उन्होंने कहा कि यह भगदड़ ढलान वाले स्थान तक सीमित रही।

भाषा

सिम्मी नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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