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Thursday, 13 March, 2025
होमदेशविधायकों के लिए अवधी,ब्रज,भोजपुरी,बुंदेली और अंग्रेजी में संबोधन की व्यवस्था पर प्रतिवेदन प्रस्‍तुत

विधायकों के लिए अवधी,ब्रज,भोजपुरी,बुंदेली और अंग्रेजी में संबोधन की व्यवस्था पर प्रतिवेदन प्रस्‍तुत

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लखनऊ, 19 फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदन की कार्यवाही के समय सदस्यों को अवधी, ब्रज, भोजपुरी, बुंदेली और अंग्रेजी में अपना संबोधन देने की व्यवस्था के संबंध में बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सदस्य श्रीकांत शर्मा ने नियम समिति (2024-25) का पहला प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में गठित 18वीं विधानसभा की छह सदस्यीय नियम समिति में मथुरा के विधायक और पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा भी सदस्य हैं।

श्रीकांत शर्मा ने बजट सत्र के दूसरे दिन बुधवार को सदन में ब्रज की बोली में अपनी बात रखी। शर्मा के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य मनोज कुमार पांडेय ने अवधी और भाजपा की केतकी सिंह ने भोजपुरी में प्रस्ताव का समर्थन किया।

नियम समिति के सदस्य शर्मा ने कहा कि विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली, 2023 के नियम-282 की ‘भाषा’ में संशोधन किया गया है।

पहले सभा की भाषा के लिए यह व्यवस्था दी गयी थी कि संविधान के उपबंधों के अधीन सभा का कार्य हिंदी भाषा और देवनागरी लिपि में होगा। अब इसको बरकरार रखते हुए यह भी जोड़ा गया है कि विधानसभा के सदस्‍य अवधी, ब्रज, भोजपुरी, बुंदेली एवं अंग्रेजी में भी अपना संबोधन कर सकते हैं। उक्त समस्त भाषाओं (बोलियों) के भाषांतरण की सुविधा सदन में उपलब्‍ध होगी।

शर्मा ने ब्रज में कहा,‘‘हम अपने घर में अपनी पारंपरिक बोली बोलते हैं और घर से बाहर संकोच करते हैं लेकिन हम सदस्यों से अनुरोध करते हैं कि कहीं जाएं तो अपनी क्षेत्रीय बोली बोलें।’’

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने हस्तक्षेप करते हुए कहा,‘‘हम पूरे संशोधन के विरोध में नहीं हैं, स्‍थानीय बोली रखें लेकिन अंग्रेजी न हमारी मातृभाषा है और न स्‍थानीय भाषा है तो इसका विरोध है।’’

पांडेय ने कहा, ‘‘अगर जोड़ रहे हैं तो मैंने कल भी कहा था कि इसमें संस्कृत और उर्दू को भी जोड़ दीजिए।’’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने कल जो कठमुल्लापन शब्द का प्रयोग किया था, उस पर उन्हें एतराज हैं क्योंकि उर्दू में तो रघुपति सहाय फिराक गोरखपुरी और मुंशी प्रेमचंद भी अपनी रचनाएं रचते रहे हैं।

वरिष्ठ सदस्य मनोज कुमार पांडेय ने अवधी में अपनी बात शुरू करते हुए कहा कि प्रस्ताव में कहीं भी अनिवार्यता नहीं की गयी है, बल्कि इसमें सदस्यों को विकल्प दिया गया है।

भाजपा की सदस्य केतकी सिंह ने भोजपुरी में बोलते हुए प्रस्ताव का स्वागत किया। समाजवादी पार्टी के सदस्य नफीस अहमद ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष किसी क्षेत्रीय बोली का नहीं बल्कि अंग्रेजी का विरोध कर रहे हैं और समाजवादी हमेशा से अंग्रेजी का विरोध करते आये हैं।

उन्होंने कहा कि इंकलाब-जिंदाबाद का नारा भी उर्दू में ही है।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्‍ना ने कहा कि नियम समिति के जरिए आज जो प्रस्ताव आया है, उसका स्वागत है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को लक्ष्य करते हुए कहा ,‘‘हम अंग्रेजी थोप नहीं रहे हैं, बल्कि एक सुविधा दी जा रही है।’’

इसके पहले मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन को बताया था कि मुख्‍यमंत्री (योगी आदित्‍यनाथ) के आदेश से क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान बढ़ाने के लिए एक पहल की गयी है।

महाना के अनुसार, इस पहल के तहत सदस्य जिस भाषा में बोलेंगे वह चैनल नंबर जीरो पर सामान्य रूप में आएगी और फिर एक नंबर पर अवधी, दो नंबर पर भोजपुरी, तीन नंबर पर ब्रज, चार नंबर पर बुंदेली और पांचवें नंबर पर अंग्रेजी भाषा में अनुवादित बात सुनाई देगी। अब विधानसभा की कार्यवाही हिंदी के साथ ही अंग्रेजी, भोजपुरी, ब्रज, बुंदेलखंडी और अंग्रेजी में भी सुनी जा सकेगी।

भाषा आनन्द

राजकुमार

राजकुमार

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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