नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) दिल्ली की ऐतिहासिक विधानसभा की विरासत को संरक्षित करने और परिसर को सांस्कृतिक प्रतिष्ठा के केंद्र में बदलने की योजना पर काम जारी है।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मंगलवार को प्रतिष्ठित भवन के लिए एक व्यापक विरासत एवं संरक्षण योजना के विकास की पहल के लिए विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ बैठक की।
मंगलवार को जारी एक बयान के मुताबिक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) द्वारा तीन सप्ताह के भीतर प्रस्तुत की जाने वाली व्यवहार्यता रिपोर्ट के आधार पर व्यापक विकास योजना तैयार की जाएगी।
बयान के मुताबिक, इस पहल की देखरेख के लिए आईजीएनसीए, राष्ट्रीय अभिलेखागार, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विधानसभा के अधिकारियों और विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाएगी।
बयान में बताया गया कि 1912 में निर्मित विधानसभा भवन शुरू में केंद्रीय विधानसभा था, जिसे बाद में 1927 में संसद भवन में स्थानांतरित कर दिया गया। बयान के मुताबिक, इस पहल के तहत विधानसभा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा।
मंगलवार को हुई बैठक में विधानसभा को राष्ट्रीय धरोहर के रूप में विकसित करने के लिए रूपरेखा तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
बयान में बताया गया कि बैठक में भवन के मूल निर्माण में इस्तेमाल की गई पारंपरिक वास्तुकला विशेषताओं और तकनीकों को संरक्षित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया, ताकि पिछली पीढ़ियों के शिल्प कौशल का सम्मान हो सके।
गुप्ता ने राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देने और युवा पीढ़ी को शिक्षित करने में इस तरह की पहल के महत्व पर जोर दिया।
भाषा जितेंद्र माधव
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