लखनऊ: यूपी के शिक्षा विभाग में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. अनामिका शुक्ला नाम की कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड टीचर पिछले 13 महीनों से 25 अलग-अलग स्कूलों से सैलरी लेती रही लेकिन विभाग में किसी को इसकी जानकारी तक नहीं लगी. इस शिक्षिका ने एक करोड़ से अधिक रुपए कमा लिए. इसका खुलासा तब हुआ जब शिक्षकों का डिजिटल डेटाबेस बनाया गया तो पता चला कि अनामिका शुक्ला नामक शिक्षिका को यूपी के 25 विभिन्न स्कूलों में नियोजित किया गया था. वहीं हर जगह से उनके खाते में सैलरी भी आ रही थी.
डिजिटल डेटाबेस से सामने आए इस खुलासे से पूरा विभाग हैरान है. यूपी स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने मीडिया को बताया, ‘कुछ जिलों के स्थानीय मीडिया में मार्च के महीने में इससे संबंधित स्टोरी छपी थी उसके बाद से ही इस मामले की जांच शुरू कर दी गई थी. जहां-जहां टीचर की तैनाती बताई गई वहां पर अधिकारियों से डेटाबेस तैयार कर जांच करने को बोला गया तो ये पूरा मामला सामने आया.
अंबेडकरनग, प्रयागराज, के साथ सहारनपुर, बागपत, अलीगढ़ समेत कई जिलों में शिक्षिका की तैनाती की रिपोर्ट मिली. दरअसल, मैनपुरी जिले की रहने वाली अनामिका नाम की टीचर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड पर तैनात है लेकिन इसकी असली पोस्टिंग किस जिले में हुई थी इसकी भी जांच चल रही है. शिक्षा महानिदेशक के मुताबिक, इस मामले में जांच पूरी होते ही दोषियों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. फिलहाल, शिक्षिका ने खुद को अंडरग्राउंड कर लिया है और सभी संवाद के माध्यम बंद कर लिए हैं.
रायबरेली में भी मिली तैनाती
अनामिका शुक्ला नाम की टीचर की तैनाती रायबरेली में भी हुई इसकी पुष्टी शुक्रवार को हुई. रायबरेली के बीएसए आनंद प्रकाश ने दिप्रिंट को बताया कि 11 मार्च को इस मामले से संबंधित लेटर विभाग की ओर से आया. जब उन्हें पता चला कि एक ऐसे मामले की जांच चल रही है तो उन्होंने जिले के अधिकारियों से अपना डेटाबेस भी खंगालने को कहा तो पता चला कि इस शिक्षिका की तैनाती रायबरेली के बछरावां में भी हुई थी. 8 मार्च 2019 को इनकी नियुक्ति हुई थी लेकिन अभी तक ये फ्राॅड कैसे हुआ इसकी जांच चल रही है. शिक्षिका को 22 हजार रुपये प्रतिमाह सैलरी दी जा रही थी. डेटाबेस में शिक्षिका का जो नंबर था उस पर संपर्क किया गया तो वॉट्सऐप के माध्यम से उसने अपना इस्तीफा भेज दिया. इस मामले में अभी स्थानीय स्तर पर जांच कराके जो भी दोषी हैं उन पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
रोकी गई सैलरी
बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो आरोपी शिक्षिका के वेतन को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. फिलहाल जांच में ये पता लगाने की कोशिश चल रही है कि क्या सभी स्कूलों से उसके एक ही बैंक खाते में सैलरी जाती थी. अगर जाती थी तो किसके सिग्नेचर से. इस मामले में कई अधिकारी भी जांच के घेरे में आ सकते हैं.
आरोपी टीचर अनामिका शुक्ला, मैनपुरी जिले की रहने वाली हैं. विभाग ने आरोपी को नोटिस भी भेजा है लेकिन उसकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
इस मामले में यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी का कहना है कि विभाग की ओर से जांच के आदेश दिए गए हैं और अगर सभी आरोप सही पाए जाते हैं तो शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बेसिक शिक्षा मंत्री के मुताबिक डिजिटल डेटाबेस तैयार होने से ही ये फ्रॉड सामने आया है. उनकी सरकार की प्राथमिकता है कि डिजिटल डेटाबेस के जरिए पारदर्शिता लाई जाए और ऐसे मामलों को पकड़ा जाए.
प्रदेश के सभी 746 कस्तूरबा विद्यालय के शिक्षकों की जांच होगी
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने शुक्रवारों को प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कहा कि प्रदेश के सभी 746 केजीबीवी (KGBV) (कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय) में शिक्षकों की जांच होगी. उनके मुताबिक, अभी जांच चल रही लेकिन कुछ बातें सामने आई हैं.
बागपत में तैनात अनामिका शुक्ल नाम की विज्ञान शिक्षिका का कई दिन से ना आने का मामला सामने आया है. अब तक कि जांच में कुछ तथ्य सामने आए हैं कि बागपत के अलावा इसके दस्तावेज पर अलीगढ़, अमेठी, सहारनपुर और अम्बेडकरनगर में दूसरे लोग नौकरी कर रहे थे जिन्होंने दूसरों के डाॅक्युमेंट लगाकर नौकरी की उनके खिलाफ एफआईआर कराएंगे.
किसी मंत्री जी की पहचान वाली होगी ,खुश करती रही होगी बदले में मंत्री जी ने करोडो रूपये की मालकिन बनवा दिया