बेलागावी (कर्नाटक), 18 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि वह वक्फ संपत्तियों के मुद्दे पर विचार करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के लिए तैयार हैं।
मुख्यमंत्री ने कर्नाटक विधानसभा को यह भी आश्वासन दिया कि वक्फ संपत्तियों पर बने मंदिरों को सरकार नहीं हटाएगी और अगर उन्हें नोटिस जारी कर दिए गए हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाएगा।
विधानसभा के जारी सत्र में वक्फ भूमि मुद्दे पर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने विपक्षी दल के आरोपों का विस्तृत जवाब दिया है।’’
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया, ‘‘अगर वे हमारे जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो सरकार एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के लिए तैयार है।’’
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं है।
सिद्धरमैया ने कहा कि केंद्र सरकार ने 1954 में वक्फ अधिनियम बनाया था, जिसमें राज्य सरकार संशोधन नहीं कर सकती।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार 2008 से 2013 और 2019 से 2023 तक राज्य में सत्ता में थी और 2014 से भाजपा केंद्र में सत्ता में है। फिर, वक्फ अधिनियम में संशोधन के बारे में सोचे बिना, वे अब विवाद खड़ा कर रहे हैं।’’
सिद्धरमैया ने कहा कि भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में कहा था कि वह मुस्लिम धार्मिक नेताओं के साथ चर्चा करेगी और अतिक्रमण वाली वक्फ संपत्तियों को खाली कराएगी।
भाषा यासिर आशीष
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