पुणे, 15 नवंबर (भाषा) पुणे जिले में राज्य पशुपालन विभाग के 15 एकड़ के भूखंड को नियमों का उल्लंघन करके बेचे जाने के आरोप में निलंबित एक महिला उप-पंजीयक सहित 26 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुणे शहर के पास पिंपरी चिंचवड़ के तथावड़े इलाके में स्थित यह जमीन गैर-हस्तांतरणीय के रूप में वर्गीकृत होने के बावजूद 33 करोड़ रुपये में बेच दी गई।
इससे पहले पंजीकरण महानिरीक्षक (आईजीआर) ने इस मामले में हवेली संख्या 17 की वरिष्ठ लिपिक और प्रभारी उप-पंजीयक (द्वितीय श्रेणी) विद्या शंकर बडे (सांगले) को निलंबित कर दिया था क्योंकि पंजीकरण और स्टांप के उप महानिरीक्षक एवं जिला रजिस्ट्रार की संयुक्त जांच में पाया गया था कि उन्होंने भूमि हस्तांतरण पर स्पष्ट प्रतिबंधों के बावजूद बिक्री विलेख (सेल डीड) पंजीकृत किया था।
पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय के एक अधिकारी ने बताया यह जमीन 1945 से पशुपालन विभाग के कब्जे में थी। हालांकि, इस जमीन के एक हिस्से पर हेरम्भ गुपचुप नाम के व्यक्ति का नाम था जिनकी 1961 में मृत्यु हो गई थी।
उन्होंने बताया, चूंकि जमीन के इस हिस्से पर गुपचुप के उत्तराधिकारियों के नाम नहीं थे, इसलिए तहसीलदार कार्यालय ने रिकॉर्ड को अद्यतन करते हुए कहा कि यह जमीन पशुपालन विभाग के कब्जे में है और सरकार की अनुमति के बिना इसे बेचा या खरीदा नहीं जा सकता।
अधिकारी ने कहा, ‘‘स्पष्ट उल्लेख के बावजूद गुपचुप के उत्तराधिकारियों ने जमीन को दो लोगों को 33 करोड़ रुपये में बेच दिया और बडे की मदद से बिक्री विलेख तैयार किया जो अद्यतन रिकॉर्ड में पशुपालन विभाग को जमीन का वैध मालिक बताने वाले रिकॉर्ड की पुष्टि नहीं करते हैं।’’
पिंपरी चिंचवड़ पुलिस के सहायक पुलिस आयुक्त सचिन हीरे ने बताया कि 26 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। इनमें से 23 ने गुपचुप के वारिस होने का दावा किया है जबकि अन्य दो लोगों ने जमीन खरीदी थी और बडे ने बिक्री विलेख में मदद की थी।
यह घटनाक्रम जिले के मुंधवा और बोपोडी में अलग-अलग जमीन लेनदेन में कथित अनियमितताओं के सामने आने के कुछ दिनों बाद सामने आया है।
मुंधवा मामले में दो प्राथमिकी पहले ही दर्ज की जा चुकी हैं, जिसमें कथित तौर पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ से जुड़ी एक कंपनी शामिल है।
आईजीआर मुंधवा भूमि सौदा मामले में एक उप-पंजीयक और बोपोडी भूमि सौदा मामले में एक तहसीलदार को पहले ही निलंबित कर चुका है।
भाषा सुरभि पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
