नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की सोच की जटिलताओं पर बात करने वाली पुस्तक ‘बीइंग हिंदू, बीइंग इंडियन’ उनके राष्ट्रवादी विचारों की पहली बार व्यापक समीक्षा करने का दावा करती है।
राय की 159वीं जयंती के अवसर पर घोषणा की गई कि उनके जीवन पर आधारित पुस्तक ‘बीइंग हिंदू, बीइंग इंडियन’ का अगले महीने विमोचन किया जाएगा। यह पुस्तक पाठकों से ‘‘इतिहास, राजनीति, धार्मिक पहचान और राष्ट्रीयता के बारे में और गहराई से सोचने के प्रवेश द्वार’’ के तौर पर राय के विचारों को समझने का अनुरोध करती है।
इस पुस्तक को इतिहासकार वान्या वैदेही भार्गव ने लिखा है और ‘पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया’ (पीआरएचआई) ने इसे प्रकाशित किया है।
लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब प्रांत में हुआ था। भारत के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राय को ‘पंजाब केसरी’ भी कहा जाता था। वर्ष 1928 में साइमन कमीशन के विरोध में हिस्सा लेने के दौरान लाठीचार्ज में घायल होने के बाद 17 नवंबर 1928 को उनका निधन हो गया।
भार्गव ने कहा, ‘‘इस पुस्तक में राय को उसी रूप में पेश किया गया है जो वह थे: राष्ट्रीयता के विविध विचारों का स्रोत।’’
उन्होंने अपनी बात को पुष्ट करने के लिए विस्तार से बताया कि किस प्रकार हिंदुत्व के विपरीत, राय के हिंदू राष्ट्रवाद ने ‘‘एक व्यापक ‘भारतीय’ राष्ट्र में हिंदू और मुस्लिम ‘राष्ट्रीयताओं’ के अंततः एकीकरण की कल्पना की।’’
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सिम्मी नरेश
नरेश
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