इंदौर (मध्यप्रदेश), 31 जनवरी (भाषा) गोवा से एक नियमित उड़ान के जरिये इंदौर लाया गया लिवर (यकृत) 67 वर्षीय मरीज को प्रतिरोपित किया गया जिससे उसे नयी जिंदगी मिलने की राह आसान हो गई है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि अजय गिरि (45) को ‘ब्रेन हेमरेज’ के बाद गोवा के एक निजी अस्पताल में 26 जनवरी को भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका और चिकित्सकों ने उन्हें 29 जनवरी को दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया था।
उन्होंने बताया कि गिरि के शोक में डूबे हुए परिजन उनके मरणोपरांत अंगदान के लिए राजी हो गए जिसके बाद शल्य चिकित्सकों ने उनके शरीर से लिवर निकाला।
अधिकारियों ने बताया कि लिवर को एक निजी विमानन कंपनी की नियमित उड़ान के जरिये गोवा से बृहस्पतिवार शाम इंदौर लाया गया। फिर इसे इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती 67 वर्षीय मरीज के शरीर में प्रतिरोपित किया गया।
इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन के संस्थापक सचिव डॉ. संजय दीक्षित ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत फिलहाल ठीक है। गिरि के अंगदान से इन्हें नयी जिंदगी मिलने की उम्मीद है। ’’
भाषा हर्ष प्रशांत निहारिका
निहारिका
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