नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड वीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद में 3600 करोड़ घोटाले में मुख्य आरोपी और संदिग्ध दलाल की भूमिका निभाने वाले ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को मंगलवार रात को भारत लाया गया है. मिशेल को यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया है.
मिशेल पर आरोप है कि उन्होंने हेलीकॉप्टर खरीद को कंपनी के पक्ष में कराने के लिए हेलीकॉप्टर बनाने वाली एंग्लो इटालियन कंपनी से रिश्वत ली. यूपीए सरकार के कार्यकाल में अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से 12 वीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदे गए थे. मिशेल को दुबई में हिरासत में लिया गया था. उन्हें एक निजी विमान से दिल्ली लाया गया, इसके बाद उसे सीबीआई ने अपनी हिरासत में ले लिया.
यह मोदी सरकार की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि इस मामले में सरकार पहला प्रत्यर्पण कराने में सफल रही है.
डोभाल के नेतृत्व में आॅपरेशन
इसके बाद सीबीआई ने एक बयान जारी करके कहा कि यह पूरा आॅपरेशन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व में चलाया गया और सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव और सीबीआई के संयुक्त निदेशक ने आॅपरेशन को संचालित किया.
सीबीआई जब इसे अपनी सफलता बता रही है, लेकिन इसके पहले जेम्स मिशेल ने आरोप लगाया था कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है और मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि आम चुनाव के पहले उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जेम्स को सीबीआई के हेडक्वार्टर में रखा जाएगा और उसे न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाएगा. उसे बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाना है.
एक सीबीआई अधिकारी ने कहा, ‘स्विस अथॉरिटीज की जांच में जो दस्तावेज बरामद हुए उसमें संकेत हैं कि उसने वीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद को सुनिश्चित करवाने के लिए भारतीय पदाधिकारियों को घूस दी. उनसे सम्मानजनक ढंग से इस मामले में उनकी संलिप्तता के बारे में सवाल पूछा जाएगा.’
कौन है क्रिश्चियन मिशेल जेम्स
जेम्स अगस्ता वेस्टलैंड, ब्रिटेन में सलाहकार थे. उन्हें एयरक्राफ्ट के तकनीकी प्रक्रियाओं की जानकारी थी. वे सैन्य शिविरों में और पायलटों को सेवाएं देते थे.
1980 में उन्होंने वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर्स लिमिटेड, यूनाइटेड किंगडम में ज्वानिंग ली और इसमें नौकरी शुरू की.
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद पर यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2010 में हस्ताक्षर किए गए थे लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया. इसके तहत भारतीय वीआईपी लोगों के लिए 12 हेलीकॉप्टर खरीदे जाने थे.
आरोप है कि अगस्ता वेस्टलैंड के बिचौलिये के अलावा एक गिरोह था जिसमें भारतीय वायुसेना (आईएएफ) अधिकारियों, भारत सरकार के अधिकारियों ने मिलकर षडयंत्र रचा और इस सौदे को फाइनल कराया.
30,000 पेज की चार्जशीट
सूत्रों का कहना है कि जेम्स एक बिचौलिये की हैसियत से रक्षा प्रबंधों के सिलसिले में लगातार भारत आता था. सूत्रों के नेटवर्क के जरिये उसने आईएएफ और रक्षा मंत्रालय में विभिन्न स्तरों पर अपनी पहुंच बना ली थी.
इस मामले में 30,000 पेज की चार्जशीट फाइल हुई है. इसमें जेम्स के अलावा आईएएफ प्रमुख एसपी त्यागी, पूर्व एयर मार्शल जेएस गुजराल, एसपी त्यागी के भाई संजीव त्यागी और वकील गौतम खेतान के नाम हैं.
सीबीआई के मुताबिक, जेम्स को इंजीनियरिंग में महारात हासिल है, इसलिए वह हेलीकॉप्टर की उड़ान को 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर करने के षडयंत्र में शामिल था.
इस केस में जेम्स का नाम 2012 में सामने आया. जांच में सामने आया है कि जेम्स ने अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में सौदा करवाने के लिए बिचौलिये की भूमिका निभाई और इसके लिए भारतीयों को घूस दिए.
पहले इटालियन जांच एजेंसी ने जेम्स को अंतर्राष्ट्रीय रिश्वतखोरी के लिए और भ्रष्टाचार के लिए का दोषी ठहराया, जिसके बाद सीबीआई ने भी उसके खिलाफ जांच शुरू की. हालांकि, इससे पहले कि वह गिरफ्तार होता, वह भारत छोड़ चुका था.
जांच में सहयोग करने के लिए उसे कई बार नोटिस भेजा गया था. हालांकि, जब वह जांच में शामिल नहीं हुआ तो सितंबर, 2015 में एक गैरजमानती वारंट उसके नाम जारी किया गया.
गैरजमानती वारंट के आधार पर इंटरपोल ने भी उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. फरवरी, 2017 में उसे यूएई में गिरफ्तार किया गया था. सात महीने बाद सीबीआई ने उसके खिलाफ चार्जशीट दायर की और प्रत्यर्पण के लिए अपील की गई थी.
इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.