ठाणे, छह अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे स्थित मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने सड़क दुर्घटना में चोटिल एक शिक्षक की मौत के मामले में उसके परिजनों को 87.13 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
यह दुर्घटना 2015 में हुई थी, जिसके एक साल बाद शिक्षक की मौत हो गई थी।
न्यायाधिकरण के सदस्य आर. वी. मोहिते की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को पारित आदेश में दुर्घटना के लिए टेंपो चालक को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया।
याचिकाकर्ताओं के अनुसार, हादसे में मरने वाले राजकुमार ए मोहनानी (55) 31 जुलाई 2015 को उल्हासनगर में मोटरसाइकिल से जा रहे थे, तभी एक टेंपो चालक ने अचानक और लापरवाही से अपने वाहन का दरवाजा खोल दिया, जिससे इस घटना में मोटरसाइकिल की टक्कर हो गयी और मोहनानी नीचे गिर गए।
मोहनानी के सिर में गंभीर चोट लगी और वह कोमा में चले गए। इसके ठीक एक साल बाद 31 जुलाई 2016 को उनकी मौत हो गई।
मोहनानी की पत्नी और बच्चों ने पहले एक करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा था।
न्यायाधिकरण ने सीसीटीवी फुटेज समेत अन्य साक्ष्यों की जांच की और पाया कि मृतक ही मोटरसाइकिल चला रहे व्यक्ति थे। फुटेज में दिखा कि वह गड्ढे से बचने की कोशिश में टेंपो के पास आ गए, उसी समय टेंपो चालक ने अचानक दरवाजा खोल दिया जिससे वह गिर पड़े।
हालांकि फुटेज में वाहन के पंजीकरण नंबर और चालक स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहा था, लेकिन रिकॉर्ड में मौजूद अन्य साक्ष्यों से यह पुष्टि हुई कि मृतक वही व्यक्ति था।
न्यायाधिकरण ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम का उद्देश्य पीड़ित पक्ष को लाभ देना है, इसलिए फुटेज को लेकर प्रतिवादी की आपत्तियों को महत्व नहीं दिया गया।
मृतक उल्हासनगर नगर निगम के स्कूल में स्थायी शिक्षक के रूप में कार्यरत थे और उन्हें 63,594 रुपये मासिक वेतन मिलता था।
अदालत ने उनकी उम्र और आश्रितों की संख्या को ध्यान में रखते हुए 87,13,856 रुपये का मुआवजा तय किया।
यह राशि टेंपो मालिक और बीमा कंपनी को संयुक्त रूप से नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ याचिका दाखिल करने की तारीख से भुगतान करने का निर्देश दिया गया।
न्यायाधिकरण ने आदेश दिया कि मृतक की पत्नी को 33,13,856 रुपये और बेटे-बेटी को 27-27 लाख रुपये दिए जाएं। मुआवजे की यह राशि राष्ट्रीयकृत बैंकों में सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) में निवेश की जाएगी।
भाषा राखी रंजन
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