नयी दिल्ली, सात जून (भाषा) वर्ष 2022 के दौरान देश में लगभग साढ़े 86.5 लाख लोगों की मौत हुई जो कोविड प्रभावित वर्ष 2021 में हुई 1.02 करोड़ से अधिक लोगों की मौत की तुलना में 15 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट को दर्शाता है। नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) के एक नए आंकड़े से यह जानकारी मिली।
सीआरएस की रिपोर्ट के माध्यम से भारत के महापंजीयक कार्यालय द्वारा प्रदर्शित 2022 के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2021 के मुकाबले मौतों की संख्या में 15.74 लाख की गिरावट ने मृत्यु दर के आंकड़ों को मोटे तौर पर 2020 में देखी गई पूर्व-महामारी पैटर्न के अनुरूप ला दिया है।
सीआरएस के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में देश भर में 1.02 करोड़ लोगों की मौतों के साथ मृतक संख्या में तेज उछाल दर्ज किया गया था, जबकि यह आंकड़ा 2020 में 81.1 लाख, 2019 में 76.4 लाख और 2018 में 69.5 लाख था।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘पंजीकृत मौतों के मामले में, मौतों की संख्या 2021 में 102.2 लाख से घटकर 2022 में 86.5 लाख रह गई यानी 15.4 प्रतिशत की कमी आई। गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, बिहार और हरियाणा जैसे कुछ प्रमुख राज्यों ने पंजीकृत मौतों की संख्या में कमी लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।’’
लोकसभा में 29 जुलाई, 2022 को सरकार द्वारा दिए गए उत्तर के अनुसार, 26 जुलाई, 2022 तक कोविड-19 के कारण लगभग 5.26 लाख मौतें हुईं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में कोविड-19 से जुड़ी 47 लाख से ज्यादा मौतों की रिपोर्ट दी थी, जिसका सरकार ने कड़ा विरोध किया था। केंद्र ने कहा था कि डब्ल्यूएचओ के अनुमान ‘कई विसंगतियों और गलत धारणाओं’ से ग्रस्त हैं।
सरकार ने जवाब में कहा था, ‘‘भारत ने इस अवैज्ञानिक मॉडलिंग दृष्टिकोण की प्रक्रिया, कार्यप्रणाली और परिणाम पर कड़ी आपत्ति दर्ज की थी, खासकर तब जब भारत ने डब्ल्यूएचओ को भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा नागरिक पंजीकरण प्रणाली के माध्यम से प्रकाशित प्रामाणिक डेटा प्रदान किया था।’’
सीआरएस रिपोर्ट ने यह भी दिखाया कि 2022 में 2.54 करोड़ से ज्यादा शिशुओं के जन्म पंजीकृत किए गए। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘पंजीकृत शिशु जन्म की संख्या 2021 में 242.0 लाख से बढ़कर 2022 में 254.4 लाख हो गई, जो लगभग 5.1 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।’’
भाषा
संतोष माधव
माधव
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