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Friday, 26 April, 2024
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नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी जल शक्ति मंत्रालय के बजट में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी

गंगा की सफाई के लिए मोदी सरकार की एक प्रमुख योजना नमामि गंगे ने 2019-20 में 100 करोड़ रुपये के आवंटन में वृद्धि देखी.

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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जलशक्ति मंत्रालय के लिए केंद्रीय बजट 2020-21 में 30,478 हज़ार करोड़ रुपए का आवंटन किया है.

आवंटन 2019-20 के बजट में 28,261 करोड़ रुपये की राशि पर 7.84 प्रतिशत की वृद्धि के साथ चिह्नित है, जो मंत्रालय के लिए पहला था जो पिछले मई में दो केंद्रीय मंत्रालयों- जल संसाधनों और पेयजल और स्वच्छता को एकीकृत करके बनाया गया था.

यह वृद्धि मोदी सरकार के जल क्षेत्र पर बढ़ते जोर के अनुरूप है, जिसमें 2024 तक 18 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पीने का पानी लेने की योजना शामिल है.

समग्र जल जीवन मिशन के लिए आवंटन, जो देश भर में जल सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास करता है, 2019-20 में 10,000 करोड़ रुपये से 11,500 करोड़ रुपये है.

‘हर घर नल से जल’ योजना, 2024 तक सभी घरों में एक कार्यात्मक नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए, जल जीवन मिशन का हिस्सा है.

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निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में, पीएम नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस 2019 के वादे को दोहराया, कि सरकार ने जल जीवन मिशन के लिए पांच साल के लिए 3.6 लाख करोड़ रुपये रखे थे. इसमें से 50 फीसदी केंद्र सरकार का हिस्सा होगा, जबकि बाकी 50 फीसदी राज्यों के पास होगा.

‘हर घर नल से जल’ मोदी सरकार द्वारा अपने दूसरे कार्यकाल में घोषित की गई पहली योजनाओं में से एक थी. यह राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम का उन्नत संस्करण है, जिसे 2009 में लॉन्च किया गया था.

एनआरडीडब्ल्यूपी का लक्ष्य 2030 तक ग्रामीण क्षेत्रों में 6 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पेयजल आपूर्ति प्रदान करना है.

गंगा की सफाई के लिए मोदी सरकार की एक और प्रमुख योजना नमामि गंगे को 2019-20 में 700 करोड़ रुपये से 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. 2019-20 के लिए परिव्यय संशोधित अनुमानों में आधे से 353 करोड़ रुपये तक कम हो गया क्योंकि कुल आवंटन खर्च नहीं किया जा सका.

सीतारमण ने कहा कि सरकार का लक्ष्य सभी घरों तक पाइप से पानी पहुंचाने का है जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से जल जीवन मिशन के तहत घोषणा की थी.

उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने इस मिशन के लिए 3.6 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. वित्त वर्ष 2020-21 में योजना के लिए 11,500 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता दी जाएगी.’

मंत्री ने रेखांकित किया कि योजना में स्थानीय जल स्रोतों के परिवर्धन, मौजूदा स्रोतों के पुनर्भरण और जल संरक्षण एवं विलवणीकरण पर जोर दिया जाएगा.

सीतारमण ने कहा कि दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को इसी वित्तवर्ष में लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

गंगा की सफाई के लिए मोदी सरकार की एक प्रमुख योजना नमामि गंगे ने 2019-20 में 100 करोड़ रुपये के आवंटन में वृद्धि देखी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने अपने बजट 2019 में जल संरक्षण और हर घर तक पानी पहुंचाने और साफ पानी पहुंचाने को लेकर विशेष जोर दिया था. इसके अलावा शुद्ध पीने का पानी मुहैया करवाना सरकार की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से एक बताया था. उन्होंने कहा था कि 2024 तक हर घर में नल से पानी की आपूर्ति की जाएगी.

पिछले बजट की महत्वपूर्ण अटल जल योजना की शुरुआत 25 दिसंबर 2019 को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर की गई थी. छह हजार करोड़ रुपए की ‘अटल भूजल योजना’ से सात राज्यों के 8,350 गांवों को फायदा होगा.

अटल भूजल योजना से महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात इन सात राज्यों के भूजल के स्तर को उठाने में बहुत मदद मिलेगी.

(मौसमी दास गुप्ता और राहुल संपाल के इनपुट के साथ)

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