नई दिल्ली: देश आज 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के आंदोलन और स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, वीर सावरकर और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों एवं महापुरुषों को याद किया तथा उन्हें नमन किया.
मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम दिए गए अपने संबोधन में कहा, ‘आजादी की जंग में गुलामी का पूरा कालंखड संघर्ष में बीता है. हिन्दुस्तान का कोई कोना ऐसा नहीं था, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सालों साल तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हों, आहुति न दी हो.’
उन्होंने कहा, ‘आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरूष को, हर त्यागी को, हर बलिदानी को नमन करने का अवसर है. उनका ऋण स्वीकार करने का अवसर है और उनका स्मरण करते हुए उनके सपनों को जल्द से जल्द पूरा करने का संकल्प लेने का भी अवसर है. हम सभी देशवासी पूज्य बापू, नेता जी सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब आम्बेडकर, वीर सावरकर के कृतज्ञ हैं जिन्होंने कर्तव्य पथ पर जीवन को खपा दिया. कर्तव्य पथ ही उनका जीवन पथ रहा.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह देश मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकउल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल और उन अनगिनत क्रांति वीरों का कृतज्ञ हैं जिन्होंने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी. यह राष्ट्र रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, दुर्गा भाभी, रानी गाइदिन्ल्यू, रानी चेनम्मा, बेगम हजरत महल, वेलु नाच्चियार जैसी वीरंगनाओं का कृतज्ञ है जिन्होंने दिखाया कि भारत की नारी शक्ति क्या होती है.’
उनके अनुसार, ‘भारत की नारी शक्ति का संकल्प क्या होता है. भारत की नारी त्याग और बलिदान की क्या पराकाष्ठा कर सकती है, वैसी अनगिनत वीरांगनाओं का स्मरण करते हुए हर हिन्दुस्तानी गर्व से भर जाता है.’
मोदी ने कहा, ‘आजादी की जंग लड़ने वाले और आजादी के बाद देश बनाने वाले डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी हों, नेहरू जी हों, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, लाल बहादुर शास्त्री, दीनदयाल उपाध्याय, जय प्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, आचार्य विनाबाभावे, नाना जी देशमुख, सुब्रह्मण्यम भारती, अनगिनत ऐसे महापुरुषों को आज नमन करने का अवसर है.’
उन्होंने कहा, ‘हम आजादी की जंग की चर्चा करते हैं तो जंगलों में जीने वाले हमारे आदिवासी समाज का भी गौरवगान करना हम नहीं भूल सकते हैं. भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू कान्हू, अल्लूरी सीताराम राजू, गोविंद गुरू, अनगिनत नाम हैं जिन्होंने आजादी के आंदोलन की आवाज बनकर के दूर-सदूर जंगलों में भी…. मेरे आदिवासी भाई-बहनों, मेरी माताओं, मेरे युवकों में मातृभूमि के लिए जीने-मरने के लिए प्रेरणा जगाई.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह देश का सौभाग्य रहा है कि आजादी की जंग के कई रूप रहे हैं और उसमें एक रूप वह भी था जिसमें नारायण गुरू हों, स्वामी विवेकानंद हों, महर्षि अरविंदो हों, गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर हों, ऐसे अनेक महापुरुष हिन्दुस्तान के हर कोने में, हर गांव में भारत की चेतना को जगाते रहे. भारत को चेतनमन बनाते रहे.’
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