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Friday, 22 November, 2024
होमदेशसर्वे में खुलासा, 75 फीसदी भारतीय चाहते हैं 18 साल से ऊपर वालों के लिए भी शुरू हो वैक्सिनेशन

सर्वे में खुलासा, 75 फीसदी भारतीय चाहते हैं 18 साल से ऊपर वालों के लिए भी शुरू हो वैक्सिनेशन

लोकल सर्कल्स के सर्वेक्षण से ये भी पता चलता है, कि 30% उत्तरदाताओं ने कोविड-19 कार्यक्रम में अनियमितताएं देखी हैं, जिनमें को-मोरबिडीटीज़ के झूठे प्रमाणीकरण और वैक्सीन्स के लिए रिश्वत आदि शामिल हैं.

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नई दिल्ली: भारत के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की धीमी गति को लेकर, जताई जा रही चिंताओं के बीच, एक नए सर्वेक्षण में पता चला है कि 75 प्रतिशत भारतीय इस पक्ष में हैं कि सरकार को 18 वर्ष की उम्र से अधिक के सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने की अनुमति दे देनी चाहिए.

नोएडा स्थित एक कम्यूनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स ने, वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया, वैक्सीन की बर्बादी, और संभावित समाधान से जुड़े, बहुत से मुद्दों पर लोगों की प्रतिक्रिया मांगी थी.

वैक्सीन की बर्बादी को रोकने के लिए, प्राप्त हुए 8,679 जवाबों में से, 75 प्रतिशत इस पक्ष में थे कि टीकाकरण को, 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए खोल दिया जाए, और इसके लिए ‘निजी लैब्स और अस्पतालों को थोड़ा अतिरिक्त पैसा लेकर, शाम 6 बजे के बाद भी, टीका लगाने की अनुमति दे देनी चाहिए’.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को, वैक्सीन की बर्बादी का मुद्दा उठाया था, और राज्यों से आग्रह किया था, कि बरबादी को कम से कम रखा जाए.

टीकाकरण में अनियमितताएं

सर्वे के अनुसार, 70 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्होंने कोई अनियमितता न तो अनुभव की, और न ही देखी. जिन लोगों ने अनियमितताएं देखीं थीं, उनमें से 15 प्रतिशत ने हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को लोगों को प्रभावित करते, या को-मॉर्बिड होने का झूठा प्रमाणपत्र देते हुए देखा था, ताकि उन्हें टीका लगाया जा सके.

इस बीच, 3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा, कि उन्होंने ‘ज़्यादा पैसा लेकर किसी को को-मॉर्बिड बताते, या किसी को हेल्थ या फ्रंटलाइन वर्कर बताते हुए देखा है’, 5 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने बची हुई वैक्सीन्स ऐसे लोगों को लगते हुए देखीं, जो ‘किसी प्रभाव या मौद्रिक संतुष्टि के एवज़ में थीं.’

बाक़ी लोगों ने इन सब अनियमितताओं का मिला जुला रूप देखा. सर्वे में निष्कर्ष निकाला गया कि केवल 30 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने, टीकाकरण कार्यक्रम में अनियमितताओं का उल्लेख किया था, लेकिन फिर भी जो थोड़ी बहुत ख़ामियां हैं, सरकार को उन्हें दूर करना होगा, और सुनिश्चित करना होगा कि सही लोगों को ही टीके लगाए जाएं.

इसमें ये भी ज़ोर दिया गया कि सरकार को टीकाकरण कार्यक्रम और अधिक लोगों के लिए खोलना चाहिए. आज तक देशभर में 3.93 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं.

ये सर्वे देश के 281 ज़िलों के,19,000 लोगों के जवाबों पर आधारित है. इनमें से 68 प्रतिशत उत्तरदाता पुरुष थे, जबकि 32 प्रतिशत महिलाएं थीं.

इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.


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