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शुक्रवार, 9 मई, 2025
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मेडिकल कॉलेजों में संकाय सदस्यों के लिये 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य : एनएमसी

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नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने मेडिकल कॉलेजों में संकाय सदस्यों (फैकल्टी) को कॉलेज समय के दौरान निजी प्रैक्टिस में शामिल होने से रोक दिया है और उनके लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी है।

इस कदम से फर्जी संकाय सदस्यों (घोस्ट फैकल्टी) की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।

चिकित्सा नियामक ने पिछले सप्ताह “स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए आवश्यकताओं के न्यूनतम मानक-2023 (पीजीएमएसआर-2023)” दिशानिर्देश जारी किए।

दिशानिर्देश में कहा गया, “संकाय सदस्य पूर्णकालिक होगा और कॉलेज समय के दौरान निजी प्रैक्टिस में संलग्न नहीं होगा। संकाय सदस्यों की अपेक्षित संख्या के लिए कुल कार्य दिवसों की कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी।”

दिशानिर्देशों में यह भी निर्धारित किया गया है कि पूरे वर्ष अस्पताल के 80 प्रतिशत बिस्तरों पर आंतरिक रोगी देखभाल की आवश्यकता वाले रोगियों की भर्ती होनी चाहिए और स्नातकोत्तर प्रशिक्षण प्रदान करने वाले विभाग में कुल बिस्तरों का न्यूनतम 15 प्रतिशत गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) बिस्तर/उच्च निर्भरता इकाई (एचडीयू) बिस्तर विशेष रूप से उस विभाग का होना चाहिए।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि अस्पताल भवन एक सेवा प्रदाता के रूप में अस्पताल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए मौजूदा राष्ट्रीय भवन मानदंडों और अस्पतालों के लिए विभिन्न स्थानीय वैधानिक नियमों के अनुरूप होगा, जिसमें प्रशासन, पंजीकरण, रिकॉर्ड भंडारण, बाह्य रोगी और आंतरिक रोगी क्षेत्र, ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू, रेडियोलॉजी और प्रयोगशाला सेवाएं और आपातकालीन क्षेत्र आदि शामिल हैं।

भाषा प्रशांत पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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