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Friday, 19 April, 2024
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7 लोग, 7 FIR, 7 पुलिस स्टेशन- कैसे बलात्कार के मामले दर्ज कराने वाली गुरुग्राम की 20 वर्षीय युवती खुद जांच के दायरे में आई

हरियाणा की 20 वर्षीय छात्रा ने ‘शादी का झांसा देकर सेक्स’ के लिए बलात्कार के साथ-साथ घरेलू दुर्व्यवहार के भी कई मामले दर्ज कराए हैं जो अब जांच के दायरे में हैं.

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नई दिल्ली: गुरुग्राम की रहने वाली 20 वर्षीय अंडरग्रेजुएट छात्रा ने पिछले करीब 14 महीने के अंतराल में सात थानों में सात अलग-अलग लोगों के खिलाफ रेप के सात मामले दर्ज कराए हैं. इनमें से तीन मामले पहले ही बंद किए जा चुके हैं और अब अन्य में भी आरोपों की सत्यता पर सवाल उठ रहे हैं.

26 अक्टूबर को हरियाणा राज्य महिला आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पी.के. अग्रवाल को मामले की जांच विशेष जांच टीम से कराने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि ये मामले ‘झूठे’ हैं. आयोग ने यह कदम एक्टिविस्ट और फिल्म निर्माता दीपिका नारायण भारद्वाज की तरफ से शिकायत के बाद उठाया है. दिप्रिंट ने डीजीपी को लिखे गए पत्र और शिकायत दोनों को एक्सेस किया है.

डीजीपी अग्रवाल ने दिप्रिंट से बातचीत में इसकी पुष्टि की कि उन्हें हरियाणा महिला आयोग की तरफ से एक पत्र मिला है और इस मामले पर गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त की एक रिपोर्ट भी मिली है.

उन्होंने 30 अक्टूबर को कहा, ‘एक दो दिनों में हम सभी तथ्यों और रिपोर्टों की जांच करेंगे और उसके मुताबिक ही उचित कार्रवाई करेंगे.’

हालांकि, युवती ने इस बात से इनकार किया कि उसने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत सितंबर 2020 और अक्टूबर 2021 के बीच बलात्कार के सात मामले और साथ ही घरेलू दुर्व्यवहार के जो मामले दर्ज कराए हैं वे ‘झूठे’ हैं.

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युवती ने दिप्रिंट को फोन पर बताया, ‘मैंने कुछ गलत नहीं किया है और चाहे कुछ भी हो जाए मैं अपने किसी भी मामले को वापस नहीं लूंगी. इन सभी लोगों ने मेरा इस्तेमाल किया. वे मेरे पास आए, मुझे भरोसा दिलाया, मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाए, झूठे वादे किए और बाद में सब खत्म कर दिया. फिर सवालों के घेरे में मैं क्यों हूं.’

उसने जोर देकर कहा, ‘वे कहते हैं कि मैं हंगामा करती हूं, लोगों के घरों में पहुंच जाती हूं, वहां जाकर चीखती-चिल्लाती हूं, लेकिन मैं यही कहना चाहती हूं कि किसी को भी यह सब करना पसंद नहीं आता है. उन्होंने मुझे इस तरह व्यवहार करने के लिए मजबूर किया है. घर पर मेरा एक छोटा भाई है, जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी मेरी है. मैं ऐसा कभी नहीं करती. मेरी कोई भी शिकायत झूठी नहीं है.’

युवती गुरुग्राम में अपनी मां के साथ रहती है, जो एक स्कूल टीचर है और उसका एक छोटा भाई है, जिसकी स्कूली पढ़ाई पूरी होने वाली है.

तीन मामले बंद

युवती की तरफ से दर्ज कराए गए बलात्कार के सात मामलों में से तीन को बंद किया जा चुका है, जिसमें से एक में उसने अपना बयान बदल दिया है. संबंधित मामलों के जांच अधिकारियों ने दिप्रिंट को इसकी जानकारी दी.

गुरुग्राम के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘शिकायतें, आरोप और दिए गए साक्ष्य झूठे पाए गए हैं. इसलिए तीन मामलों को बंद कर दिया गया क्योंकि बलात्कार का कोई सबूत नहीं मिला था.’

बंद किए गए दो मामलों में युवती के खिलाफ 10 नवंबर और 2 दिसंबर को आईपीसी की धारा 182 (गलत सूचना देना, लोक सेवक का किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुंचाने के इरादे से अपनी वैध शक्तियों का उपयोग करना) के तहत कोर्ट में पेश होने के नोटिस जारी किए गए थे. दोनों को दिप्रिंट ने एक्सेस किया है.

तीसरे मामले में जांच अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट जमा कर दी है और कार्यवाही की प्रतीक्षा कर रही है—महिला के खिलाफ आईपीसी की धारा 182 के तहत नोटिस जारी करना.

आइये सभी सात मामलों, जिनमें चार इस समय जांच के दायरे में हैं, और घरेलू दुर्व्यवहार से जुड़े मामले पर विस्तार से नजर डालें.

7 सितंबर 2020

दिप्रिंट से बात करते हुए इस 20 वर्षीय युवती ने कहा कि उसने पिछले साल 7 सितंबर को राजेंद्र पार्क पुलिस स्टेशन में एक व्यक्ति के खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज कराई थी. लेकिन अभिभावकों और अन्य दबाव के कारण मजिस्ट्रेट (164 सीआरपीसी) के सामने बयान दर्ज नहीं करा सकी. और इसलिए मामला बंद कर दिया गया.

उसने कहा, ‘मुझे बताया गया था कि मेरा करियर खराब हो जाएगा.’

यह पूछने पर कि पहली बार शिकायत क्यों दर्ज कराई थी, उसने बताया, ‘उसने शादी का वादा किया था, हमारे बीच शारीरिक संबंध थे लेकिन मुझे पता था कि हम शादी नहीं कर सकते क्योंकि वह एक मुस्लिम है. इसलिए मैंने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान बदल दिया.’

इस मामले से अवगत वरिष्ठ अधिकारियों ने उसके बयान की पुष्टि की. एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘मामला बंद होने के बाद क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई और उसके खिलाफ 182 आईपीसी (नोटिस) जारी किया गया है.’
आरोपी को एक दिन पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में युवती के बलात्कार से इनकार करने पर उसे छोड़ दिया गया.

7 नवंबर 2020

पहला मामला दर्ज कराने के ठीक दो माह बाद युवती ने सदर थाने में एक दूसरे व्यक्ति के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज कराई. उस व्यक्ति को 8 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और नौ महीने बाद इस साल अगस्त में जमानत दे दी गई थी.

दिप्रिंट को मिली इस प्राथमिकी में महिला ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ बार-बार यौन संबंध बनाए. उसने कहा कि किराये के घर की तलाश में वह उसे गुरुग्राम में डीएलएफ सिटी फेज-3 ले गया. उसने यह भी दावा किया कि आरोपी पहले 2019 में हमले के एक मामले में भोंडसी जेल में बंद था, और 14 दिनों तक हिरासत में रहा था.
शिकायतकर्ता का दावा है कि दोनों सितंबर में एक जिम में मिले थे.

उसने एफआईआर में कहा, ‘उसने मुझसे झूठ बोला कि मुझसे शादी करेगा, यहां तक कि वह मुझे कोर्ट ले गया और फिर किराए का घर ढूंढ़ने भी ले गया. फिर उसने मुझे अपना सामान पैक करने के लिए कहा और कहा कि वह भी ऐसा ही करने जा रहा है. जब मैंने घर छोड़ दिया और उसे फोन किया तो उसका नंबर बंद था.’

मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है. सुनवाई की अगली तारीख 12 नवंबर है.

8 मार्च 2021

महिला ने इस साल मार्च में सेक्टर 5 थाने में तीसरे व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.

उसने दावा किया कि वह इस आदमी से पहली बार एक हफ्ते पहले 1 मार्च को एक वकील के कक्ष में मिली थी. उसने उससे कहा कि वह नवंबर में उस दूसरे व्यक्ति से मिला था, जिस पर उसने बलात्कार का आरोप लगाया है. उस समय वह कथित जबरन वसूली के मामले में जेल में था. युवती ने इसकी पुष्टि करने के लिए उसे उस व्यक्ति की तस्वीर भी दिखाई.


यह भी पढ़ें : ‘प्राइवेट पार्ट्स पर हमला’- AISA की महिला कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस पर लगाया उत्पीड़न का आरोप


इस व्यक्ति ने उसे दूसरे व्यक्ति के खिलाफ अपनी शिकायत वापस लेने को कहा. युवती ने दावा किया कि इस बात को लेकर उन दोनों के बीच कहासुनी भी हुई थी. फिर वे इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक-दूसरे से मिले और उनका रिश्ता बन गया. युवती ने बताया, ‘उसने कहा कि मुझसे शादी करेगा और मुझे संगम होटल ले गया और हमारे बीच शारीरिक संबंध बने. लेकिन बाद में एक महिला उसकी पत्नी ने मुझे गालियां दीं और मुझे उससे दूर रहने को कहा.’

युवती का दावा है कि जब उसने अविवाहित होने के झूठे दावे की बात को तीसरे व्यक्ति के सामने उठाने कोशिश की तो वह अपने कार्यस्थल से खींचकर मुझे पुलिस स्टेशन तक ले गया. लेकिन फिर भाग गया. ‘मैं अंदर गई और वहां जाकर शिकायत दर्ज कराई.’
तीसरे व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया और फिर 2 जुलाई को जमानत दे दी गई. मामले में अगली सुनवाई 2 नवंबर को है.

8 अप्रैल 2021

युवती ने चौथे व्यक्ति पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए एक चौथी एफआईआर गुरुग्राम सिटी थाने में दर्ज कराई है.

अपनी शिकायत, जिसकी एक प्रति दिप्रिंट के पास है, में युवती ने कहा कि आरोपी का परिवार और उसका परिवार एक-दूसरे को जानते हैं. उसने उस पर शादी का ‘झूठा वादा’ करके यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया है. उसका कहना है कि आरोपी मादक द्रव्यों का सेवन करता है और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है.

यह मामला बंद कर दिया गया है और उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 182 के तहत नोटिस जारी किया गया है. मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने उसके आरोपों को झूठा पाया है. 12 जून को प्राथमिकी रद्द करने संबंधी रिपोर्ट फाइल की गई थी.

13 जून 2021

न्यू कॉलोनी थाने में दर्ज कराई गई अपनी पांचवीं एफआईआर में 20 वर्षीय युवती ने पांचवें व्यक्ति पर आरोप लगाया है कि वह चौथे मामले में आरोपी का मित्र है.

उसने अपनी शिकायत में कहा, ‘उक्त व्यक्ति, जो 8 अप्रैल के मामले में आरोपी का दोस्त है, ने मुझसे स्नैपचैट पर बात करने की कोशिश की. उसने मुझसे मिलने के लिए कहा और जब हम बाहर गए तो हमने भरी हुई सिगरेट का नशा किया, और बीयर पी. इसके बाद उसने एक कार में मेरा फायदा उठाया. उसने वादा किया था कि मुझसे शादी करेगा.’

उसने कहा, ‘उसने अपना वादा निभाने से इनकार कर दिया और मुझसे कहा कि जब चौथी शिकायत में कुछ नहीं हुआ, तो मैं उसका क्या बिगाड़ लूंगी.’

इस मामले के जांच अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि दो महीने की जांच में आरोप झूठा निकला. बाद में क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई.

25 जून 2021

सेक्टर 10 पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई अपनी छठी एफआईआर में युवती ने आरोप लगाया कि छठे व्यक्ति ने शुरू में उससे कहा था कि वह पांचवें मामले में उसकी मदद करेगा.

एफआईआर में उसने कहा, ‘उसने कहा था कि वह दूसरे आरोपी को गिरफ्तार कराने में मेरी मदद करेगा, जो उस समय कसोल से फरार था. उसने मुझे 24 जून की रात उससे मिलने को कहा और हमने कार में धूम्रपान किया. उसने मुझसे कहा कि मैं उस पर भरोसा कर सकती हूं और सुबह मुझसे कहा कि वह मुझे ओयो रूम में ले जाने के लिए घर से कुछ पैसे लेने जा रहा है.’
उसने आगे कहा, ‘उसने मुझे कमरे में ले जाकर ड्रग्स पिलाया और फिर मेरे साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए. बाद में होटल से भाग गया.’

छठे व्यक्ति को 2 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और वह अभी न्यायिक हिरासत में है. मामले में अगली सुनवाई 11 नवंबर को है.

शादी और घरेलू हिंसा का मामला

24 अगस्त 2021 को महिला ने आर्य समाज मंदिर में महेश नाम के एक व्यक्ति से शादी कर ली जिससे वह ‘हैपन’ नामक डेटिंग प्लेटफॉर्म के जरिये तीन दिन पहले ही मिली थी. शादी कोर्ट में पंजीकृत नहीं है, दोनों ने दिप्रिंट से बातचीत में इसकी पुष्टि की.
हालांकि, शादी के कुछ दिनों बाद ही दोनों अलग हो गए. महिला का आरोप है कि उस व्यक्ति ने उसे मारा था. महेश के खिलाफ 4 सितंबर को घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया गया था. सुनवाई की अगली तारीख 8 नवंबर है.

महेश ने दिप्रिंट को बताया कि युवती ने कथित तौर पर उससे शादी करने के लिए उसे ‘ब्लैकमेल’ किया था. महेश के मुताबिक, ‘उसने कहा कि वह मेरे खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करा देगी इसलिए मुझे उससे शादी करनी पड़ी.’

हालांकि, युवती ने दावा किया है कि महेश ने उसे प्रताड़ित किया और उसे शादी के लिए ब्लैकमेल किया और उसके घर के सामने हंगामा किया. महिला ने अपनी चोटों की तस्वीरें साझा कीं, जो उसके मुताबिक महेश ने उसे दी थीं. हालांकि. महेश ने इन आरोपों से इनकार किया है.

24 अक्टूबर 2021

पिछले महीने महिला ने डीएलएफ फेज थ्री थाने में सातवें व्यक्ति पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए सातवीं प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

युवती का कहना है, ‘वह आदमी कुछ समय से हमारे किराये के मकान में रह रहा था और हमने बातें करना शुरू कर दिया था. हम एक-दूसरे से को पसंद करने लगे. 17 अक्टूबर को हम एंबिएंस मॉल में मिले. उसने मुझे यह कहते हुए झांसा दिया कि मुझसे शादी करेगा और मुझे लीला एंबिएंस होटल ले गया और मेरे साथ बलात्कार किया.’

उसने दावा किया, ‘कुछ दिन बाद उसने मुझसे लड़ना शुरू कर दिया और मुझे धमकी दी कि उसने मेरे कुछ वीडियो बनाए हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देगा. उसके भाई ने भी मुझे गालियां दीं.’

मामले में गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर मामले की जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘मामले में जांच जारी है.’
युवती का आरोप है कि चौथे, पांचवे और छठे मामले में उसने जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, वे एक-दूसरे को जानते हैं और उन्होंने उससे ‘बदला’ लिया है.

शादी के बहाने सेक्स पर बहस

युवती के खिलाफ अपनी शिकायत में फिल्म निर्माता दीपिका भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि वह इन लोगों के घरों के बाहर पहुंची और ‘उन्हें गालियां दी और हंगामा किया.’

भारद्वाज ने कहा कि इनमें से कुछ आरोपी तो ‘आत्महत्या तक करने की सोचने लगे.’ उन्होंने 20 वर्षीय युवती पर कुछ लोगों से पैसे मांगने का आरोप भी लगाया.

हरियाणा राज्य महिला आयोग के समक्ष भारद्वाज की शिकायत में कहा गया है, ‘बलात्कार की सभी शिकायतें देखने से ऐसा लगता है कि वह सभी लोगों के खिलाफ एक ही आरोप लगाती है—उन्होंने उससे शादी करने का वादा किया था, लेकिन अंततः शादी नहीं की.’

शिकायत में कहा गया है, ‘कानूनों के इस तरह के दुरुपयोग के कारण कई जिंदगियां बर्बाद हो रही हैं. ऐसे दो मामले हैं जिनमें पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 182 के तहत मामला दर्ज किया है, लेकिन वह आराम से घूम रही है और अन्य लोगों को बलात्कार के मामलों में फंसा जारी रखे है.’

वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने इस तरह के मामलों को लेकर व्यापक बहस के संदर्भ में कहा कि कई बार, एक महिला और एक पुरुष के बीच सहमति से संबंध हो सकते हैं.

उन्होने कहा, ‘कुछ मामलों में सोच यह हो सकती है कि भविष्य में वे एक-दूसरे से शादी कर सकते हैं, कभी-कभी यह संभव है कि वे इस पर विचार नहीं कर रहे थे और यह संबंध कैजुअल हो सकता है. यह बहुत कुछ लड़की और लड़के के सामाजिक लोकाचार पर निर्भर करता है न कि उनके परिवारों पर. क्योंकि अक्सर माता-पिता रूढ़िवादी हो सकते हैं लेकिन विपरीत लिंग के दो दोस्त इतने रूढ़िवादी नहीं हो सकते.’

लूथरा ने कहा, ‘बलात्कार के मामलों को दो मानदंडों के आधार पर तय किया जाना चाहिए—एक, जब दोनों पूरी तरह से अजनबी हों या ऐसा व्यक्ति जिसके साथ कोई दोस्ती और संबंध न हो; दूसरा, जिसमें यह एक सहमति का संबंध हो सकता है.’

उसने कहा, ‘कोई भी ऐसे दो मामलों की तुलना नहीं कर सकता, न ही आपके पास ऐसे दोनों तरह के मामलों में सजा के लिए समान मानदंड हो सकते हैं. ऐसे रिश्ते जिनमें सहमति की पृष्ठभूमि होती है, आमतौर पर ऐसे मामलों में मुकदमा होना चाहिए लेकिन ऐसे तथ्यों के आधार पर कोर्ट को जमानत पर विचार करना चाहिए.’

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अनस तनवीर ने शीर्ष कोर्ट के कर्नाटक बनाम उदय फैसले (फरवरी 2003) पर प्रकाश डाला, जिसमें कहा गया था कि ‘अगर कोई पुरुष शादी के झूठे वादों के साथ किसी महिला के साथ यौन संबंध बना रहा है और महिला का मानना है कि वह किसी दिन उससे शादी करेगा. तो यह बलात्कार के समान है.’

उन्होंने कहा, ‘हालांकि, शादी के बहाने बलात्कार एक वैधानिक अपराध नहीं है, यह एक न्यायिक निर्णय से तय होता है.’
तनवीर ने कहा, ‘यह फैसला महिलाओं को इस संवेदनशीलता के साथ बचाने के लिए पारित किया गया था कि वे केवल उन पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाएगी जो अंततः उनसे शादी करेंगे. यह फैसला शादी के झूठे बहाने को बलात्कार का आधार बनाता है, लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि यह प्रावधान दुरुपयोग का विषय बन गया है, खासकर ब्रेक-अप के मामलों में. शायद पुख्ता प्रमाणों की जरूरत है.’

उन्होंने कहा, ‘इन मामलों में मेडिकल टेस्ट यह साबित नहीं करेंगे कि झूठा वादा किया गया था, यह ज्यादातर परिस्थितिजन्य होते हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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