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भारत में 69 फीसदी लोग देख रहे हैं जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभाव: सर्वेक्षण

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नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) भारत के करीब दो तिहाई लोगों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन का पहले ही उन क्षेत्रों में गंभीर प्रभाव पड़ा है, जहां वे रहते हैं और इस बात की आशंका है कि अगले 25 वर्षों में उनके परिवार अपने घरों से विस्थापित हो जाएंगे। विश्व आर्थिक मंच के लिए किए गए एक नए सर्वेक्षण में इसकी जानकारी दी गयी है।

इपसोस ग्लोबल एडवाइजर ऑनलाइन सर्वेक्षण प्लेटफॉर्म पर 22 जुलाई से पांच अगस्त के बीच 34 देशों के 23, 507 लोगों के बीच यह सर्वेक्षण किया गया ।

औसतन, 34 देशों में सर्वेक्षण के दायरे में शामिल किए गए सभी वयस्कों में से आधे से अधिक (56 प्रतिशत) ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का पहले से ही उन क्षेत्रों में गंभीर प्रभाव पड़ा है जहां वे रहते हैं।

सर्वेक्षण में शामिल 22 देशों में अधिकतर लोगों का कहना है कि वे लोग जलवायु परिवर्तन के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हैं। इनमें वे नौ देश भी शामिल हैं जहां यह आंकड़ा दो तिहाई से अधिक है । इनमें मेक्सिको (75 प्रतिशत), हंगरी (74 प्रतिशत), तुर्की (74) प्रतिशत), कोलंबिया (72 प्रतिशत), स्पेन (71 प्रतिशत), इटली (70 प्रतिशत), भारत (69 प्रतिशत), चिली (69 प्रतिशत) और फ्रांस (68 प्रतिशत) शामिल है ।

इसमें कहा गया है कि 10 में से सात से अधिक (करीब 71 प्रतिशत) लोगों को इस बात की आशंका है कि अगले 10 वर्षों में उनके क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन का गंभीर प्रभाव पड़ेगा। इसमें कहा गया है कि भारत में सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 76 प्रतिशत ने ऐसी आशंका जतायी है ।

इसमें कहा गया है कि अगले एक दशक में जलवायु परिवर्तन से गंभीर रूप से प्रभावित होने के बारे में सभी देशों के अधिकतर लोगों ने चिंता जतायी है । इनमें मलेशिया में 52 प्रतिशत तो पुर्तगाल, मैक्सिको, हंगरी, तुर्की, चिली, दक्षिण कोरिया, स्पेन और इटली में 80 प्रतिशत से अधिक लोग शामिल हैं ।

इसके अनुसार अगले 25 वर्षों में जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप एक तिहाई (35 प्रतिशत) लोगों ने अपने घरों से विस्थापित हो जाने की आशंका व्यक्त की है । ऐसी आशंका जताने वालों में सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से भारत के दो-तिहाई, करीब 65 फीसदी लोग शामिल हैं ।

भारत के अलावा तुर्की (64 प्रतिशत) मलेशिया (49 प्रतिशत), ब्राजील (49 प्रतिशत), स्पेन (46 फीसदी) और दक्षिण अफ्रीका (45 प्रतिशत) शामिल हैं ।

भाषा रंजन नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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