नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) दक्षेस साहित्य महोत्सव के 66वें संस्करण की शुरुआत रविवार को ललित कला एवं साहित्य अकादमी में शुरू होगा, जिसमें पाकिस्तान को छोड़कर दक्षेस के सभी सदस्य देशों के लेखक, कवि, विद्वान, कलाकार और सांस्कृतिक विचारक भाग लेंगे।
दक्षेस लेखक एवं साहित्य फाउंडेशन (फोसवाल) द्वारा आयोजित इस साहित्य महोत्सव में आठ दक्षेस देशों में से सात देशों के लेखक और विद्वान भाग ले रहे हैं, जिनमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका और भारत शामिल हैं।
प्रसिद्ध पंजाबी लेखक और फोसवाल के अध्यक्ष अजीत कौर ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से इस महोत्सव का हिस्सा रहा है, लेकिन वर्तमान संस्करण में देश की भागीदारी अब एक ‘‘राजनीतिक मुद्दा’’ है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘दक्षेस शिखर सम्मेलन हर दो साल में बारी-बारी से अलग-अलग दक्षेस देशों में आयोजित होता था। 2016 में, मेजबानी की बारी पाकिस्तान की थी, लेकिन पाकिस्तानी घुसपैठियों ने हमारे जवानों पर बड़े पैमाने पर हमला किया और हम भारतवासी बहुत नाराज हुए। इसलिए हमारे प्रधानमंत्री ने इसमें भाग लेने से इनकार कर दिया। इसलिए, जहिर है कि जब तक आतंकवाद बंद नहीं हो जाता, हम पाकिस्तानी लेखकों को आमंत्रित नहीं कर सकते।’’
इस उत्सव की शुरुआत साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक, विद्वान आशीष नंदी और राजनयिक महिषिनी कोलोन (श्रीलंका), शंकर प्रसाद शर्मा (नेपाल), एम रियाज़ हमीदुल्लाह (बांग्लादेश) और ऐशथ अज़ीमा (मालदीव) के उद्घाटन सत्र से होगी।
भाषा वैभव माधव
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