इंफाल: 53 वर्षीय हिजाम कुलजीत 6 जुलाई के बाद से एक पल भी सोए नहीं हैं. उनकी 17 वर्षीय बेटी हिजाम लिनथोइनगांबी और उनकी दोस्त, 20 वर्षीय फिजाम हेमजीत, उस दिन से लापता हैं. दोनों लंबे समय से गायब है और अब केवल उम्मीद ही की जा रही हैं कि वे जीवित हो.
मैतेई समुदाय की दोनों छात्रों की पहचान 25 सितंबर को सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों में की गई थी. एक तस्वीर में कथित तौर पर एक पेड़ के नीचे उनके शरीर को दिखाया गया है, और दूसरे में उन्हें हथियारबंद लोगों के साथ दिखाया गया है.
बुधवार को इंफाल में अपने घर पर, कुलजीत अपनी बेटी की आंखों के पोस्टर के सामने खड़े थे, जो वायरल हुई तस्वीरों में से एक का क्लोज़-अप था.
उन्होंने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा, “उसकी आंखें बस एक ही सवाल पूछ रही हैं, मैं ही क्यों? उसकी गलती क्या थी? उसे क्यों निशाना बनाया गया? मेरे पास उसे देने के लिए कोई जवाब नहीं है.”
दो छात्रों की मौत से मणिपुर में ताजा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है, जो इस साल मई की शुरुआत से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष से जूझ रहा है.
कथित हत्याओं के लिए सीबीआई ने रविवार को कुकी समुदाय की दो महिलाओं सहित चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया. लेकिन पीड़ितों के परिवारों को अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है, क्योंकि शव बरामद नहीं हुए हैं.
लिनथोइनगांबी की 45 वर्षीय मां जयश्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन उनकी बेटी के शव को अंतिम विदाई के लिए ढूंढ़ने और वापस लाने में सक्षम होगा.
उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “तस्वीरें इस बात का सबूत हैं कि वह मर चुकी है. लेकिन अगर हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे तो हमें शांति कैसे मिलेगी? अगर सीबीआई अधिकारी चाहें तो शव ढूंढ सकते हैं. उनके पास बहुत सारे सबूत हैं.” बता दें कि इंफाल में टीजी एचएस स्कूल से लिनथोइनगांबी के सहपाठी उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने भी आए थे.
इंफाल के उसी इलाके में सड़क के करीब, एक और परिवार बिखर गया है.
हेमजीत की मां, 51 वर्षीय बिरोहिनी देवी, अपने बेटे के पसंदीदा गिटार और उनकी तस्वीरों के पास बैठी थीं. उनके लिए मोमबत्ती जलाने के लिए उठते हुए, उन्होंने अफसोस जताया कि वह कभी भी गाना गाने के लिए वापस नहीं आएगा.
बिरोहिनी ने कहा, “वह एक उद्यमी बनना चाहता था. वह परिवार की मदद करना चाहता था, उसने कभी भी दूसरों से आर्थिक मदद नहीं मांगी.”
कहा जाता है कि इंफाल में किंडरगार्टन मोंटेसरी स्कूल का छात्र हेमजीत, उस दिन कोचिंग क्लास के बाद लिनथोइनगांबी के साथ निकला था, जिस दिन दोनों लापता हुए थे.
हेमजीत के 55 वर्षीय पिता फिजाम इबुंगोबी सिंह ने बताया, “तस्वीरें, उसकी बाइक, उसका बैग, तस्वीरों में पहने हुए उनके कपड़े ये सभी सबूत हैं और सीबीआई को इसका इस्तेमाल हमारे बच्चों के शवों को ढूंढने के लिए करना चाहिए.”
उन्होंने आगे कहा कि “हम यह जानकर न तो सो पा रहे हैं और न ही खा पा रहे हैं कि हमारा बेटा मर चुका है. लेकिन हम कैसे जी सकते हैं? हमने शव नहीं देखा है. अब तक शरीर सड़ चुका होगा, लेकिन भले ही इसका एक छोटा सा हिस्सा बचा हो, हम अंतिम संस्कार के बाद आत्मा को मुक्त कर देते हैं.”
इंफाल में नागरिकों द्वारा एक संयुक्त कार्रवाई समिति का गठन किया गया है, जिसके सदस्य मंगलवार से सड़क पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उनकी एकमात्र मांग यह है कि छात्रों के शव उनके परिवारों को सौंप दिए जाएं.
समिति के एक सदस्य महेंद्र सिंह ने दिप्रिंट को बताया, “हम अपने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के माध्यम से जो संदेश दे रहे हैं वह युवा छात्रों के शवों को बरामद करना है. जब तक शव नहीं मिलते, परिवार भूखा रहेगा. मुझे लगता है कि शवों को ढूंढना संभव है. मैं सीबीआई जांच से संतुष्ट हूं और यह सही दिशा में जा रही है.”
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आरोपी को पांच दिन की CBI हिरासत में भेजा गया
1 अक्टूबर को सीबीआई ने एक बयान जारी कर दो छात्रों की कथित मौत से जुड़ी चल रही जांच में चुराचांदपुर से चार गिरफ्तारियों की पुष्टि की. यह मणिपुर में महिलाओं और बच्चों से जुड़े 11 मामलों में से एक है जिसे जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी को सौंप दिया था.
मणिपुर पुलिस में दर्ज परिवारों की शिकायत के आधार पर सीबीआई ने 23 अगस्त को मामले में एफआईआर दर्ज की थी.
गिरफ्तार किए गए चार लोगों में दो पुरुष, पाओमिनलुन हाओकिप और स्मालसॉम हाओकिप और दो महिलाएं, ल्हिंगनीचोंग बैतेकुकी और टिननेइलिंग हेंथांग शामिल हैं.
आरोपियों को असम के गुवाहाटी लाया गया, जहां एक विशेष अदालत ने उन्हें पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया. उन्हें 7 अक्टूबर को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा.
सीबीआई बैतेकुकी की नौ और 11 साल की बेटियों को भी असम ले गई और उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें राज्य के कामरूप मेट्रो जिले में एक बाल संरक्षण अधिकारी को सौंप दिया गया.
(संपादन: अलमिना खातून)
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