नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 31 दिसंबर, 2024 तक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों के विरूद्ध 60 मामले लंबित थे तथा उनमें 22 मामले चार साल से भी अधिक पुराने हैं।
हाल में जारी सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट 2024 में कहा गया है,‘‘सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ लंबित मामलों से देश की प्रमुख जांच एजेंसी की प्रतिष्ठा और छवि पर असर पड़ता है।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 दिसंबर, 2024 तक, सीबीआई के समूह ‘ए’ अधिकारियों के खिलाफ 39 विभागीय मामले और समूह ‘बी’ एवं ‘सी’ अधिकारियों के खिलाफ 21 मामले विभिन्न चरणों में लंबित थे।
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत कथित रूप से किए गए अपराधों की जांच के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) पर निगरानी रखता है।
अपनी रिपोर्ट में, सीवीसी ने भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति के अभाव में संबंधित प्राधिकारियों के पास लंबित मामलों की प्रगति की भी समीक्षा की।
सीबीआई ने बताया कि 2024 के अंत तक, भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 के तहत अभियोजन स्वीकृति के लिए कुल 200 मामले लंबित थे, जो 46 विभिन्न संगठनों से संबंधित हैं।
विभिन्न संगठनों के पास लंबित इन मामलों में, अभियोजन स्वीकृति के लिए 534 अनुरोध किए गए हैं, क्योंकि कुछ मामलों में एक से ज़्यादा आरोपी हैं। कुल मामलों में से 106 मामले तीन महीने से ज़्यादा समय से अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित हैं।
सक्षम प्राधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अभियोजन की मंजूरी के मामलों पर तीन महीने के भीतर निर्णय लें। ऐसे मामलों में, जहां अटॉर्नी जनरल या अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के किसी विधि अधिकारी से परामर्श की आवश्यकता हो, एक और महीने का समय दिया जा सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग नियमित रूप से केन्द्र सरकार के विभागों और संगठनों के संबंधित प्राधिकारियों को अधिनियम में दी गई अनिवार्य समय सीमा के बाद अभियोजन की मंजूरी के लिए लंबित मामलों में निर्णय शीघ्र लेने के लिए याद दिलाता रहता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 दिसंबर, 2024 तक, 171 अधिकारियों से जुड़े कुल 72 संदर्भ विभिन्न संगठनों के पास लंबित थे, जिनकी सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 17 ए के तहत जांच के लिए पूर्व अनुमति मांगी गई थी।
यह धारा किसी लोक सेवक द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार संबंधी किसी भी अपराध की जांच या जांच शुरू करने से पहले उपयुक्त प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति अनिवार्य बनाती है।
सीवीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई में 1,500 से ज़्यादा पद खाली पड़े हैं। इकत्तीस दिसंबर, 2024 तक सीबीआई में कुल स्वीकृत पद 7,300 थे, जिनमें से 5,798 अधिकारी कार्यरत थे, 1,502 पद खाली पड़े थे।
भाषा
राजकुमार दिलीप
दिलीप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.