नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में 2025 के पहले पांच महीनों के दौरान घातक सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कमी आई है, लेकिन शहर की सड़कों पर जान गंवाने वालों की संख्या चिंताजनक रूप से अधिक बनी हुई है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि सड़क हादसों में हर दिन लगभग चार लोगों की मौत हो रही है।
दिल्ली पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष जनवरी से मई के बीच 2,235 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 577 लोगों की मौत हुई और 2,187 लोग घायल हुए।
हालांकि, 2024 में इसी अवधि के दौरान कुल दुर्घटनाओं के 2,322 मामले और 652 मौतों की तुलना में इसमें मामूली गिरावट आई है, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में सड़क दुर्घटना पर अंकुश लगाना अभी भी बड़ी चुनौती है।
इसके अलावा, सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों की कुल संख्या में भी क्रमिक वृद्धि देखी गई है, जो 2024 के पहले पांच महीनों में 2,106 से बढ़कर इस वर्ष 2,187 हो गई है।
मार्च इस साल का सबसे घातक महीना रहा, जिसमें 137 घातक दुर्घटनाएं और 139 मौतें दर्ज की गईं। हैरानी की बात यह है कि अप्रैल में कम घातक दुर्घटनाएं हुईं, ऐसी 91 दुर्घटनाएं हुईं, लेकिन इस साल सबसे अधिक 476 लोग घायल हुए।
मई 2025 में कुल 458 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 100 घातक दुर्घटनाएं शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप 107 मौतें हुईं और 458 घायल हुए। पिछले साल मई में यह आंकड़ा थोड़ा अधिक था, जब कुल 447 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 125 घातक दुर्घटनाएं शामिल थीं, जिसके परिणामस्वरूप 127 मौतें हुईं।
इस वर्ष घातक दुर्घटनाओं की संख्या में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 13.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। ये दुर्घटनाएं 2024 में 643 से घटकर 2025 में 556 हो गई है तथापि घायल लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है।
भाषा
शुभम मनीषा
मनीषा
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