(फाइल फोटो के साथ)
बेरहामपुर (ओडिशा), 26 फरवरी (भाषा) पिछले दो साल में जिन ओलिव रिडले कछुओं पर धातु के ‘फ्लिपर टैग’ लगाए गए थे उनमें से 55 इस बार अंडे देने के लिए रुशिकुल्या नदी के तट पर लौटे हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
बेरहामपुर के संभागीय वन अधिकारी अमलान नायक ने शनिवार को बताया कि टैग लगे ये जलीय जीव 3.20 लाख ओलिव रिडले कछुओं में से हैं जिनकी प्रजाति खतरे में है। ये कछुए पिछले दो दिनों से रुशिकुल्या नदी के पांच किलोमीटर लंबे पथरीले तट को अपना ठिकाना बनाए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार से कछुओं की इस प्रजाति ने नदी के तट के पास अंडे देना शुरू किया था।
ओलिव रिडले कछुओं को टैग लगाने से वैज्ञानिकों को उनके घोंसले बनाने के बाद और झुंड में आने जाने तथा वे किन जगहों पर जाते हैं, इसका पता चलता है।
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं क्षेत्रीय नदमुखी एवं जीवविज्ञान शोध केंद्र (ईबीआरसी), गोपालपुर के प्रभारी अधिकारी अनिल मोहपात्रा ने कहा, ‘‘पिछले दो दिनों में हमने 55 मादा टैगयुक्त कछुओं की पहचान की है जो इस समय अंडे देने के लिए ओडिशा के तट पर लौटी हैं।’’
पिछले साल रुशिकुल्या नदी के तट पर कछुओं के अंडे देने की इस अवधि के दौरान कम से कम 12 टैगयुक्त कछुओं की पहचान की गई थी।
भाषा सुरभि प्रशांत
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