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मंगलवार, 13 मई, 2025
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भारत में 2024 में आपदाओं के कारण 54 लाख लोग विस्थापित हुए : रिपोर्ट

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नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) भारत में बाढ़, तूफान और अन्य आपदाओं के कारण 2024 में 54 लाख लोग विस्थापित हुए, जो 12 वर्षों में सबसे अधिक आंकड़ा है। एक नयी रिपोर्ट में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।

जिनेवा स्थित ‘इंटरनल डिस्प्लेस्मेंट मॉनिटरिंग सेंटर’ (आईडीएमसी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में हिंसा से जुड़े विस्थापन के 1700 मामले आए। यह 2023 से कम आंकड़ा है जब मणिपुर में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। मणिपुर में घरों में आगजनी सहित अन्य हिंसक घटनाओं के कारण 2024 में 1,000 लोग विस्थापित हुए।

आईडीएमसी ने कहा कि भारत में दो-तिहाई आंतरिक विस्थापन बाढ़ के कारण हुआ। रिपोर्ट में कहा गया कि जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, भू-क्षरण तथा बांधों और तटबंधों के रखरखाव में कमी जोखिम के मुख्य कारण हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, असम में एक दशक से भी अधिक समय में सबसे भीषण बाढ़ की वजह से 2024 में 25 लाख लोग आंतरिक विस्थापन के शिकार हुए।

भीषण चक्रवातों सहित तूफानों के कारण देश में 16 लाख लोग विस्थापित हुए।

चक्रवात ‘दाना’ के कारण 10 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए। यह चक्रवात अक्टूबर के अंत में बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हुआ था। इसके कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोगों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर कदम भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की चेतावनी के मद्देनजर उठाए गए, जिसके कारण राज्य प्राधिकारियों को स्कूल बंद करने पड़े, हजारों आश्रय स्थल बनाने पड़े तथा लाखों लोगों की आवाजाही में तालमेल बैठाना पड़ा।

पश्चिम बंगाल में चक्रवात ‘रेमल’ के कारण 2,08,000 लोग विस्थापित हुए। यह चक्रवात 24 मई 2024 को बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हुआ था। ‘रेमल’ के उत्तर की ओर बढ़ने से ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियां उफान पर आ गईं, जिससे असम में लगभग 3,38,000 लोग विस्थापित हुए।

त्रिपुरा में 2024 में 40 से ज्यादा सालों में पहली बार मॉनसून के दौरान प्रतिकूल मौसम देखने को मिला। अगस्त के मध्य में भारी बारिश के कारण 2,000 से ज़्यादा जगहों पर भूस्खलन हुआ, जिसकी वजह से कुल मिलाकर 3,15,000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा।

भाषा आशीष नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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