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Monday, 23 December, 2024
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केजरीवाल-शाह की बैठक के बाद फैसला, कोविड टेस्टिंग बढ़ाई जाएगी और निजी अस्पतालों पर लगेगी लगाम

केंद्र ने दिल्ली में कोरोना संक्रमण को रोकने और इससे मजबूती से लड़ने के लिए दिल्ली सरकार को भारत सरकार के और पांच वरिष्ठ अधिकारी देने का निर्णय भी किया है.  

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नई दिल्ली: गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के लेफ़्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल और सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ कोविड की स्थिति को लेकर जो बैठक की उसमें कई अहम फ़ैसले लिए गए. बड़े फ़ैसलों में दिल्ली में टेस्टिंग बढ़ाना, बेड्स की संख्या बढ़ाने के लिए रेलवे कोच देना और निजी अस्पतालों की भारी कीमत पर लगाम लगाना शामिल हैं.

बैठक के फ़ैसलों पर चर्चा करते हुए शाह ने कहा, ‘मोदी सरकार दिल्ली में कोविड- 19 के प्रसार को फ़ैलने से रोकने को लेकर प्रतिबद्ध है. दिल्ली के लोगों की सुरक्षा और इंफ़ेक्शन के फ़ैलने से जुड़े आज कई फ़ैसले लिए गए हैं.’ मीटिंग में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन भी मौजूद थे.

मीटिंग में ये तय किया गया है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में टेस्टिंग को दोगुना किया जाएगा और छह दिनों में इसे तिगुना किया जाएगा. दिल्ली से लगातार ऐसी ख़बरें आई हैं कि लोगों को बेड्स की कमी की वजह से मरीजों को एडमिट होने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.

केंद्र ने तय किया है कि इसके लिए दिल्ली सरकार को 500 रेलवे कोच दिए जाएंगे. शाह ने कहा, ‘ये रेलवे कोच ना सिर्फ़ दिल्ली में बेड्स की संख्या में 8000 का इज़ाफ़ा करेंगे, बल्कि इनमें कोविड 19 से लड़ने की सारी सुविधाएं मौजूद होंगी.’

गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद एक ट्वीट में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे बेहद सफ़ल करार दिया. ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच हुई मीटिंग बेहद सफ़ल रही. कई अहम फ़ैसले लिए गए. हम कोरोना के के ख़िलाफ़ साथ मिलकर लड़ेंगे.’

शाह ने कहा कि निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीज़ों के इलाज के लिए डॉक्टर पॉल की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है. इसके तहत निजी अस्पतालों को कम कीमत में अपने 60 प्रतिशत बेड कोविड-19 के इलाज के लिए देने होंगे. कोरोना ट्रीटमेंट और कोविड-19 टेस्टिंग पर पॉल कमेटी सोमवार को अपनी रिपोर्ट देगी.

शाह ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को इस बात का पूरा भरोसा दिलाया है कि ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर, पल्स ऑक्सीमीटर और इस महामारी से लड़ने के लिए अन्य ज़रूरी चीज़ें दिल्ली को मुहैया कराई जाएंगी.’

उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली के छोटे अस्पतालों तक कोरोना की सही जानकारी और दिशा निर्देश देने के लिए मोदी सरकार ने एम्स में टेलिफोनिक गाइडेंस के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों की एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया है. इससे जुड़ा हेल्पलाइन नंबर सोमवार को जारी किया जाएगा.

गृहमंत्री ने कहा, ‘कोरोना संक्रमण से अपनी जान गंवाने वाले लोगों के लिए सरकार दुखी भी है और उनके परिजनों के प्रति संवेदनशील भी है. सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए नई गाइडलाइन्स जारी करने का निर्णय लिया है जिससे अंतिम संस्कार की प्रतीक्षा अवधि कम कम हो जाएगी.’

केंद्र का मानना है कि कोरोना से लड़ाई में कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने बहुत उत्कृष्ट भूमिका निभाई है. इसे देखते हुए सरकार ने एनसीसी, स्काउट एंड गाइड, एनएसएस औप अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं को इस महामारी में स्वास्थ्य सेवाओं में वॉलंटियर्स के नाते जोड़ने का निर्णय लिया है.

गृहमंत्री शाह ने अहम फ़ैसलों से जुड़ा एक बड़ा कदम बताते हुए ये भी कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में कोरोना संक्रमण को रोकने और इससे मजबूती से लड़ने के लिए दिल्ली सरकार को भारत सरकार के और पांच वरिष्ठ अधिकारी देने का निर्णय भी किया है.

यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब दिल्ली में कोविड- 19 के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. दिल्ली में संक्रमण के मामले बढ़कर 39,000 हो गए हैं और 1,200 लोगों की मौत हो गई है. देश में महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद दिल्ली में कोरोनावायरस संक्रमण के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं.

दिल्ली में मृतकों के आंकड़े का भी हेरफ़ेर है. दिल्ली सरकार द्वारा 10 जून तक दिए गए मृतकों का आंकड़ा 984 का था जबकि 11 जून को दिल्ली नगर पालिका द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक यहां 2098 लोगों की कोविड से मौत हुई है.

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शहर की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि दिल्ली के अस्पतालों की स्थिति बेहद ‘भयावह’ है और कोविड-19 मरीजों के पास शव रखे दिख रहे हैं.

ऐसी टिप्पणी के बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने कहा कि वह पूरे सम्मान और ईमानदारी के साथ न्यायालय की टिप्पणियों को स्वीकार करती है और दिल्ली सरकार सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने और प्रत्येक कोविड-19 मरीज के लिए हरसंभव इलाज सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है.

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