नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने सोमवार को विधानसभा में पेश हुए 2020-21 के बजट में कोरोनावायरस से निपटने के लिए बजट में 50 करोड़ रुपए के प्रावधान किए. वहीं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा दिल्ली सरकार केन्द्र की आयुष्मान भारत योजना लागू करेगी. सरकार ने कुल 65000 करोड़ का बजट पेश किया है. बजट में अगले वित्त वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये कुल 7,704 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को विधानसभा में 2020-21 के लिये 65,000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. आम आदमी पार्टी के पिछले महीने विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद सत्ता में आने के पश्चात यह पहला बजट है.
सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय पिछले पांच साल में 44 प्रतिशत बढ़ी है.
बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर दिया गया है. केजरीवाल के विकास मॉडल में ये दोनों क्षेत्र सबसे ऊपर हैं.
बजट पेश करते हुए सिसोदिया ने कहा कि प्रत्येक स्कूल में डिजिटल कक्षाएं स्थापित की जाएंगी. इसके लिये बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
बजट पारित करने के बाद झारखंड विधानसभा की कार्यवाही समयपूर्व ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
कोरोनावायरस संक्रमण से मद्देनजर झारखंड का वर्ष 2020-21 का वार्षिक बजट गिलोटिन के माध्यम से सोमवार को पारित करने के बाद विधानसभा का सत्र समयपूर्व ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.
विधानसभाध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने कोरोनावायरस के संक्रमण से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए झारखंड विधानसभा के बजट सत्र को निर्धारित 28 मार्च से पांच दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.
बाद में विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष की भी सहमति से आज विधानसभा के सत्र को समय पूर्व ही अनिश्चित काल के लिए विधानसभाध्यक्ष ने स्थगित करने का निर्णय लिया.
उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते देश के अन्य हिस्सों की ही तरह झारखंड में भी स्थितियां धीरे-धीरे बिगड़ती जा रही हैं जिसे संभालने के लिए ही सरकार ने कल रात 31 मार्च तक के लिए राज्य के लॉकडाउन का निर्णय लिया.
आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री सोरेन ने एक बयान में कहा कि सरकार ने लॉकडाउन का फैसला राज्य के लोगों की सुरक्षा के लिहाज से लिया है.
उन्होंने लोगों से आग्रह किया, ‘वह सामाजिक दूरी बनाकर रखें. लोग कम से कम लोगों से मिलें. यह कुछ दिनों की समस्या है. हम मिलकर जंग लड़ेंगे. सरकार ने एहतियात के तौर पर कड़े निर्णय लिए हैं. यह निर्णय राज्यवासियों के जान-माल की सुरक्षा हेतु लिए गए हैं.’
हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए वार्षिक बजट पारित करने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.
पूर्व में घोषित कार्यक्रम के अनुसार, 68 सदस्यीय राज्य विधानसभा की कार्यवाही 15 मार्च से 22 मार्च के बीच अवकाश के बाद आज पूर्वाह्न 11 बजे फिर से शुरू हुई. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बजट सत्र एक अप्रैल तक जारी रहना था.
हालांकि, कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए विधानसभा की शेष सात बैठकों को सर्वसम्मति से निलंबित कर दिया गया.
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विधानसभा की शेष बैठकों को स्थगित करने का प्रस्ताव रखा.
विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने प्रस्ताव का समर्थन किया और मंत्री से शेष सात बैठकों को अगले विधानसभा सत्रों में शामिल करने का आग्रह किया.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 25 फरवरी को शुरू हुआ था. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, जो वित्त विभाग का भी प्रभार संभालते हैं, उन्होंने छह मार्च को 49,131 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था.
नौ से 14 मार्च तक बजट पर चर्चा भी हुई, जो मुख्यमंत्री के जवाब के साथ समाप्त हुई.
राज्य में शुक्रवार को कांगड़ा जिले में कोरोना वायरस के दो मामले सामने आये.
हरचक्कियां तहसील के 32 वर्षीय एक व्यक्ति और शाहपुर उपमंडल के दोहाबे गांव की 64 वर्षीय महिला की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट पोजिटिव आयी.
इसके अलावा, कई लोगों को घर पर पृथक रखा गया है.
कांगड़ा जिले को पहले से अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है जबकि सभी शैक्षणिक संस्थानों और धार्मिक स्थलों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है.
सभी ट्रेन, बस, टैक्सियों को अगले आदेश तक रद्द कर दिया गया है.