तिरुवनंतपुरम, 30 जनवरी (भाषा) केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में देश के प्रमुख मीडिया हाउस में से एक ‘मातृभूमि’ के शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में साहित्यिक उत्सव के चौथे संस्करण की शुरुआत होगी।
मीडिया हाउस द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि, चार दिवसीय कार्यक्रम मातृभूमि इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ लेटर्स (एमबीआईएफएल 2023) 2 फरवरी से 5 फरवरी तक चलेगी।
सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों में से एक ‘एमबीआईएफएल’ कला, मीडिया, राजनीति, सामाजिक कार्य और फिल्मों में वैश्विक साहित्यिक चेहरों और बड़े नामों को एक साथ लाएगा, ताकि मुद्दों के विशाल संग्रह पर बात की जा सकें।
इस कार्यक्रम में तीन साहित्यिक क्लासिक्स – कुमारन आशान की ‘चंडाल भिक्षुकी’, टी एस एलियट की ‘बंजर भूमि’ और खलील जिब्रान के ‘पैगंबर’ पर भी चर्चा होगी।
साहित्य महोत्सव की शुरूआत 2 फरवरी को ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एमटी वासुदेवन नायर के भाषण के साथ होगी। जिसके बाद शाम के वक्त मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन उत्सव का औपचारिक उद्घाटन करेंगे।
‘एमबीआईएफएल’ को मलयालम में ‘का’ के रूप में जाना जाता है। यह कार्यक्रम रचनात्मक क्षेत्रों के 400 से भी अधिक प्रतिष्ठित नामों का गवाह बनेगा। जिसमें नोबेल पुरस्कार, बुकर पुरस्कार और ज्ञानपीठ पुरस्कार के विजेता शामिल होंगे।
कार्यक्रम का थीम ‘इतिहास की छाया, भविष्य की रोशनी’ रखी गई है।
कार्यक्रम के उद्घाटन के दिन, तंजानिया में जन्मे ब्रिटिश लेखक और नोबेल पुरस्कार विजेता अब्दुलराजाक गुरनाह ‘इतिहास की छाया, भविष्य की रोशनी’ जबकि बुकर पुरस्कार विजेता और ओमानी लेखक जोखा अलहर्थी ‘अरब महिलाओं के लिए सामाजिक परिवर्तन के लिए एक उपकरण के रूप में कथा’ पर अपने विचार रखेंगे।
उद्घाटन के दिन वक्ताओं की सूची में ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता अमिताव घोष भी शामिल है. वो ‘स्टोरीज ऑफ द मोर दैन ह्यूमन: फिक्शन इन एन एज ऑफ़ प्लैनेटरी क्राइसिस’ पर अपने विचार रखेंगे।
वहीं, गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई समापन सत्र को संबोधित करेंगे।
भाषा साजन माधव
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