नाडियाड, 28 अप्रैल (भाषा) गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय ने सोमवार को कहा कि बिना किसी दस्तावेज के भारत में रह रहे 450 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की गयी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के नागरिक होने के संदेह में 6500 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
डीजीपी सहाय ने कहा कि अहमदाबाद और सूरत में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान के बाद पूरे राज्य में इसी तरह के अभियान चलाए गए, जिनमें लगभग 6,500 संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया गया और उनकी पहचान का सत्यापन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया, ‘‘अहमदाबाद और सूरत में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाये जाने के बाद गुजरात के सभी जिलों और पुलिस आयुक्तालयों को ऐसा (बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने) करने को कहा गया। मेरे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, हमने करीब 6,500 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की है।’’
सहाय ने कहा, ‘‘अभी तक करीब 450 बांग्लादेशी नागरिकों के यहां (गुजरात में) अवैध रूप से रहने की पुष्टि हुई है। बाकी हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है। हमें लगता है कि हम बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशियों की पहचान स्थापित करने में सफल होंगे।’’
उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी नागरिक के रूप में उनकी पहचान स्थापित हो जाने के बाद, केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के समन्वय से उनके निर्वासन के लिए कदम उठाए जाएंगे।
पुलिस के मुताबिक अहमदाबाद और सूरत में तलाशी अभियान चलाये जाने के बाद हिरासत में लिए गए 1,000 से अधिक संदिग्ध बांग्लादेशियों से पूछताछ की जा रही है।
सहाय ने कहा कि उनके निर्वासन के लिए कदम उठाने से पहले उनकी राष्ट्रीय पहचान स्थापित करने के लिए दस्तावेजी और तकनीकी साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं।
गुजरात सरकार ने शनिवार को दावा किया था कि उसने राज्य में अवैध बांग्लादेशी निवासियों के खिलाफ अपना ‘अब तक का सबसे बड़ा अभियान’ शुरू किया और सिर्फ एक रात में अहमदाबाद और सूरत में बांग्लादेश के क्रमश: 890 और 134 ‘अवैध’ प्रवासियों को हिरासत में लिया।
सरकार ने एक बयान में कहा कि कार्रवाई के बाद, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की और उन्हें ‘अभियान को तेज करने और बांग्लादेशियों की सभी गतिविधियों की गहन जांच करने और जहां भी आवश्यक हो, सख्त कार्रवाई करने’ का निर्देश दिया।
भाषा राजकुमार माधव अविनाश
अविनाश
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