चंडीगढ़: हरियाणा के नूंह जिले में 31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक झड़पों में छह लोगों की जान जाने के बाद पुलिस ने अब तक 139 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने गुरुवार को उन गांवों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया, जहां आरोपियों का घर है.
सोमवार शाम जिले में एक धार्मिक जुलूस के दौरान झड़प हुई, जिसमें 70 लोग घायल हो गए और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ. ‘ब्रज मंडल यात्रा’, जिसे हिंदुत्व समूह विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी द्वारा आयोजित किया गया था, के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई.
नूंह के पुलिस अधीक्षक (एसपी) वरुण सिंगला ने बताया कि गुरुवार को जिले के चार गांवों- संगेल, मेओली, जलालपुर नूंह और शिकारपुर में संदिग्धों की तलाश के लिए पुलिस द्वारा तलाशी अभियान चलाया गया और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में आठ टीमों का गठन किया गया है. एसपी सिंगला ने गुरुवार को मीडिया से कहा, “टीमें छापेमारी करेंगी और 31 जुलाई को ब्रज मंडल यात्रा पर हुए हमले के पीछे किन लोगों का हाथ था, उसकी पहचान करेगी.”
उन्होंने आगे कहा कि हिंसा के संबंध में अब तक दर्ज 45 एफआईआर की जांच के लिए जिले में पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारियों की अध्यक्षता में तीन विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.
एसपी के मुताबिक, नूंह में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 34 कंपनियां तैनात की गई हैं और लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए फ्लैग मार्च आयोजित किए जा रहे हैं. जिले में 5 अगस्त तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी और स्थिति की समीक्षा के बाद ही इंटरनेट बहाल करने पर फैसला लिया जाएगा.
दिप्रिंट ने दोपहर के करीब मेओली का दौरा किया, जो उन गांवों में से एक है जहां तलाशी अभियान चलाया गया था. चाय की दुकान के मालिक आमीन ने कहा कि पुलिस की एक टुकड़ी सुबह करीब 8.30 बजे पहुंची, गांव की घेराबंदी की और घर-घर की तलाशी ली. उन्होंने कहा, “वे 11 पुलिस वाहनों और पांच बसों के काफिले में आए थे. वे तुरंत एक्शन में आए और अपना ऑपरेशन पूरा करने के बाद सुबह करीब 10 बजे चले गए.”
आमीन ने कहा, गांव में लगभग 2,000 घर है. यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस ने मेओली से किसी को गिरफ्तार भी किया है, उन्होंने कहा कि पुलिस ने ऐसा कुछ नहीं किया.
एक अन्य ग्रामीण शाहजहां ने दिप्रिंट को बताया कि मेओली के 12 से अधिक युवक पहले से ही पुलिस हिरासत में हैं.
उन्होंने कहा, “घटना के दिन ही नूंह से चार-पांच युवकों को गिरफ्तार किया गया था. वे नूंह में काम करते हैं. इनमें से अधिकतर मोटरसाइकिल मैकेनिक हैं. अन्य लोगों को पुलिस 1 अगस्त की सुबह ले गई जब वे अपने घरों में सो रहे थे.”
यह पूछे जाने पर कि 31 जुलाई की हिंसा किस कारण से हुई, आमीन ने कहा कि नूंह हमेशा अपने सांप्रदायिक सद्भाव और सहिष्णुता के लिए जाना जाता है. उन्होंने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे क्षेत्र में कभी ऐसी घटना घटेगी. हमारे गांव में अब भी दोनों समुदाय के लोग मिलजुल कर रहते हैं. ये कुछ युवा लड़के हैं, जिनमें से ज्यादातर 20 साल के आसपास के हैं, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.”
ग्रुप सी पदों की परीक्षा के लिए आयोजित सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) में उपस्थित होने की अनुमति देने के लिए जिले में दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे के बीच इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं.
इस बीच, नूंह के डिप्टी कमिश्नर प्रशांत पंवार और एसपी सिंगला ने उलेमाओं (मुस्लिम मौलवियों) के साथ बैठक की और उनसे अपील की कि वे लोगों को अपने घरों पर जुम्मा नमाज (शुक्रवार की नमाज) अदा करने के लिए कहें. उलेमाओं ने आश्वासन दिया कि ऐसा ही किया जाएगा.
दोनों अधिकारियों की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में, डीसी ने कहा कि उन्होंने उलेमाओं से अधिकारियों के साथ उसी तरह सहयोग करने की अपील की, जैसे उन्होंने महामारी के दौरान किया था.
एसपी सिंगला ने कहा कि उन्होंने उलेमाओं को आश्वासन दिया है कि 31 जुलाई की हिंसा में किसी भी निर्दोष व्यक्ति को फंसाया नहीं जाएगा.
(संपादन: ऋषभ राज)
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