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Saturday, 21 December, 2024
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लद्दाख मामले के बाद कैंसिल हुआ था भारत चीन का रेलवे करार, अब 44 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें बनेंगी भारत में

भारतीय रेलवे ने 44 वंदे भारत ट्रेन सेट के लिए संशोधित टेंडर आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत जारी किया गया है. इन ट्रेनों में इस्तेमाल होने वाला 75 प्रतिशत सामान स्वदेशी होगा.

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नई दिल्ली: ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने को लेकर भारतीय रेलवे के प्रयास लगातार जारी हैं. इस दिशा में रेलवे ने 44 वंदे भारत ट्रेनों के लिए फिर से टेंडर निकाला है. वंदे भारत ट्रेन सेट के लिए संशोधित टेंडर आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत जारी किया गया है. ये टेंडर तीन चरणों में पूरा किया जाएगा इसमें  प्रोपल्सन सिस्टम, कंट्रोल सिस्टम और ट्रेन सेट की बॉगी के साथ अन्य इक्यूपमेंट भी शामिल हैं.

भारतीय रेलवे ने सेमी हाईस्पीड वंदेभारत ट्रेन की सफलता के बाद 44 ट्रेन सेट चलाने का ये निर्णय लिया है. भारतीय रेलवे की ओर से इस टेंडर को लेकर कंपनियों के साथ 29 सितंबर को प्री बिड मीटिंग की जाएगी. वंदे भारत ट्रेनों के लिए निकाले गए टेंडर की ओपनिंग डेट 17 सितंबर रखी गई थी.

भारतीय रेलवे इन 44 वंदे भारत ट्रेनों को मेक इन इंडिया अभियान के तहत निर्माण करना चाहता है. टेंडर में भी स्पष्ट तौर कहा गया है, ‘इन ट्रेन सेट को चैन्नई स्थित आईसीएफ, कपूरथला स्थित एमसीएफ और रायबरेली कोच फैक्ट्री में बनाया जाएगा.’

मेक इंडिया को ध्यान में रखते हुए इन ट्रेनों में इस्तेमाल होने वाले 75 प्रतिशत सामान स्वदेशी होंगे. आत्मनिर्भर भारत अभियान के डीपीआईआईटी के नियमों के तहत ये पहला सबसे बड़ा टेंडर है. इसमें वे ही कंपनियां हिस्सा ले सकती है जिनका पंजीयन भारत में है. ये टेंडर पूरी तरह से देश की कंपनियों के लिए ही है.


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भारत चीन गतिरोध के बीच कैंसिल हुए थे टेंडर

बता दें कि भारत चीन के बीच लद्दाख में चल रहे गतिरोध के बाद भारत सरकार ने चीन की कई कंपनियों के ठेके रद्द कर दिए थे. इन ठेकों में रेलवे के भी प्रोजेक्ट शामिल थे.

पिछले अगस्त माह में भारतीय रेलवे ने 44 सेट सेमी हाई स्पीड ट्रेन के निर्माण के लिए जारी टेंडर को रद्द कर दिय़ा था. वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए मंगाए गए इस ग्लोबल टेंडर में चीन की सरकारी कंपनी भी शामिल थी.

टेंडर कैंसिल किए जाने के दौरान रेलवे ने कहा था कि एक हफ्ते के भीतर संशोधित सरकारी खरीद ऑर्डर के मुताबिक नया टेंडर जारी किया जा रहा है.

जुलाई में जब निविदा खोली गई तो 16 डिब्बे वाली इन 44 ट्रेनों के इलेक्ट्रिकल उपकरणों एवं अन्य सामान की आपूर्ति के लिए छह दावेदारों में से एक चीनी संयुक्त उपक्रम एकमात्र विदेशी दावेदार के रूप में सामने आया था.

पिछली बार जो टेंडर जारी किया गया था उसमें चीन की एक कंपनी ने ट्रेन सेट बनाने की इच्छा जाहिर की थी.इस वजह से पिछली बार इस पूरे टेंडर को निरस्त कर दिया गया था.

वंदे भारत एक्सप्रेस पूरी तरह से भारत में निर्मित है और भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन है.ये ट्रेन दिल्ली-वैष्णो देवी व दिल्ली-वाराणसी के बीच चल रही है.


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