नई दिल्ली : राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एसएन प्रधान ने मंगलवार को कहा कि आसन्न महाचक्रवात ‘अम्फान’ से उत्पन्न किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बल की कुल 41 टीमों को तैनात किया गया है.
प्रधान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चक्रवात ‘अम्फान’ के रूप में यह दूसरी आपदा आ रही है क्योंकि हम पहले ही कोविड-19 का मुकाबला कर रहे हैं और इसलिए बड़े स्तर पर तैयारियां की गई है.
उन्होंने कहा, ‘अम्फान से प्रभावित होने वाले दो राज्य ओडिशा और पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की कुल 41 टीमों को तैनात किया गया है.’
उन्होंने कहा कि ओडिशा के सात जिलों में एनडीआरएफ की 15 टीमों को तैनात किया गया है और पांच टीमों को तैयार रखा गया है जबकि पश्चिम बंगाल के छह जिलों में 19 टीमों को तैनात किया गया है जबकि दो टीमों को तैयार रखा गया है.
बल के महानिदेशक ने कहा कि अम्फान जब 20 मई को पहुंचेगा तो यह बेहद प्रचंड चक्रवाती तूफान होगा, इसके नुकसान पहुंचाने की क्षमता बनी हुई है. उन्होंने कहा, ‘इसलिए, हमने उसी के अनुसार तैयारी की है.’
प्रधान ने कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाये रखने संबंधी नियमों के कारण लगभग एक हजार की क्षमता वाले चक्रवात राहत केन्द्रों में केवल 400-500 स्थानीय लोग होंगे.
उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ ने मई 2019 में ओडिशा में आये चक्रवात ‘फोनी’ से निपटने के अपने अनुभव से सीखा है.
उन्होंने कहा, ‘वायरलेस सेट, सैटेलाइट फोन और अन्य संचार उपकरण भी हमारी टीमों के साथ हैं. हमारी तैयारी 1999 में ओडिशा तट पर आये महाचक्रवात का सामना करने जैसी ही है.’
सरकार ने कहा था कि चक्रवात ‘अम्फान’ बंगाल की खाड़ी में सोमवार को महाचक्रवात के रूप में बदल गया और इसके पहुंचने के बाद पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में इससे व्यापक स्तर पर नुकसान हो सकता है.
वर्ष 1999 में ओडिशा में आये महाचक्रवात के बाद अम्फान बंगाल की खाड़ी में यह ऐसा दूसरा चक्रवात है.
चक्रवात के 20 मई की दोपहर को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच पश्चिम बंगाल और बांग्लादेशीय तटों को पार करने की संभावना है.
अधिकारी ने कहा कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में मंगलवार को राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक हुई. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात कर आसन्न चक्रवात की तैयारियों का जायजा लिया.
उन्होंने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र के बीच पूर्ण समन्वय है.
प्रधान ने कहा कि वाराणसी, पटना, गुवाहाटी, विजयवाड़ा, अराकोणम और पुणे में बल की छह अन्य बटालियनों में चार-चार टीमों को तैयार रहने को कहा गया है ताकि दो राज्यों में जरूरत पड़ने पर उन्हें भारतीय वायुसेना के विमानों से ले जाया जा सके.