इंफाल, छह मार्च (भाषा) संघर्षग्रस्त मणिपुर में लूटे गए तथा अवैध रूप से रखे गए हथियारों को स्वेच्छा से सौंपने की विस्तारित समय सीमा बृहस्पतिवार को समाप्त होने से एक दिन पहले चुराचांदपुर, इंफाल ईस्ट और कांगपोकपी जिलों में 32 और हथियार तथा गोला-बारूद सुरक्षा बलों को सौंपे गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को इंफाल ईस्ट जिले में कमांडो यूनिट, लामलाई, पोरोमपट और हिंगांग थानों और ‘7वीं मणिपुर राइफल्स बटालियन यूनिट’ को हथियार और गोला-बारूद सौंपे गए।
अधिकारियों ने बताया कि लोगों ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) चुराचांदपुर कार्यालय और कांगपोकपी जिले के सैकुल थाने में भी स्वेच्छा से हथियार जमा किए।
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लूटे गए और अवैध हथियारों को जमा कराने की समयसीमा को छह मार्च शाम चार बजे तक के लिए बढ़ा दिया था। ऐसा पर्वतीय और घाटी दोनों क्षेत्रों के लोगों की ओर से अतिरिक्त समय की मांग के बाद किया गया था।
प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया कि इस अवधि के भीतर हथियार जमा कराने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘यह सभी संबंधित लोगों के लिए शांति, सांप्रदायिक सद्भाव, हमारे युवाओं के भविष्य और समाज की सुरक्षा में योगदान देने का अंतिम अवसर है।’’
भल्ला ने 20 फरवरी को संघर्षरत समूहों से सुरक्षा बलों से लूटे गए हथियारों और अवैध रूप से रखे गए अन्य हथियारों को सात दिनों के भीतर स्वेच्छा से सौंपने का आग्रह किया था।
इन सात दिनों की अवधि में मुख्य रूप से घाटी के जिलों में 300 से अधिक हथियार जनता द्वारा सौंपे गए। मई 2023 से मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र ने 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है, इसका कार्यकाल 2027 तक है।
भाषा सुरभि शोभना
शोभना
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