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Tuesday, 18 June, 2024
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3 करोड़ लखपति दीदी और ग्रामीण आवास ‘प्राथमिकता’, नए ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज ने लिया जायजा

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यभार संभालने के बाद से ही कई बैठकें कीं. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय 100 दिवसीय योजना पर तुरंत काम शुरू करेंगे.

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नई दिल्ली: नवनियुक्त केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ज़मीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है और कहा कि लखपति दीदी योजना के तहत तीन करोड़ ग्रामीण महिलाओं को कौशल प्रदान करना और सशक्त बनाना उनके मंत्रालय की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक होगा.

मंगलवार को ग्रामीण विकास, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद से ही मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कई बैठकें की हैं.

उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) और पीएम ग्राम सड़क योजना जैसी चल रही योजनाओं की समीक्षा के लिए ग्रामीण विकास अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों से ग्रामीण क्षेत्र के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रमुख चुनावी वादों के कार्यान्वयन के लिए पहल की योजना बनाने को भी कहा.

ग्रामीण विकास मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद 100 दिवसीय योजना पर चर्चा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने वाले चौहान ने कहा, “महिला सशक्तिकरण हमारी सरकार का मिशन है. प्रधानमंत्री का सपना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में तीन करोड़ लखपति दीदी हों. उनकी मदद के लिए कई योजनाएं हैं. स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने का काम तेज़ी से चल रहा है. हमारे पास एक करोड़ लखपति दीदी हैं और अब हमारा लक्ष्य दो करोड़ और महिलाओं को प्रशिक्षित करना है. यह परियोजना मेरे दिल के बहुत करीब है, यह मिशन हमारे रोडमैप का हिस्सा होगा.”

चौहान ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, पिछले साल शुरू की गई लखपति दीदी योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है ताकि वे ‘लखपति दीदी’ (सालाना 1 लाख रुपये की आय) बन सकें. वर्तमान में नौ करोड़ से अधिक महिलाओं के साथ 83 लाख एसएचजी हैं जो “सशक्तीकरण और आत्मनिर्भरता के साथ ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं”. उन्होंने कहा कि योजना के शुभारंभ के बाद से एक करोड़ से अधिक महिलाएं लखपति दीदी बन गई हैं.

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मंत्रालय पीएमएवाई-ग्रामीण योजना शुरू करेगा, जिसके तहत अगले पांच साल में ग्रामीण क्षेत्रों में दो करोड़ घरों के निर्माण के लिए परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि योजना के लाभार्थियों को मैदानी इलाकों में 1.2 लाख रुपये और पहाड़ी राज्यों में 1.3 लाख रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता बढ़ाए जाने की संभावना है.

मंत्रालय ने पहले ही कई सुधारों को लागू किया है जैसे कि काम की निगरानी में प्रौद्योगिकी का उपयोग और मनरेगा के तहत श्रमिकों को मज़दूरी का भुगतान. जानकारी मिली है कि सरकार निगरानी प्रणाली को सुव्यवस्थित करने और योजना के तहत बनाई गई संपत्तियों के आकलन में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की योजना बना रही है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण एक और प्रमुख फोकस क्षेत्र है. चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने ग्रामीण भारत की सूरत बदल दी है. योजना के तहत करीब 4 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़क नेटवर्क का निर्माण किया गया है. वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कम आबादी वाले दूरदराज के इलाकों को जोड़ने की योजना पाइपलाइन में है.

मोदी की गारंटी को लागू करना

चौहान ने कहा कि मंत्रालय भाजपा द्वारा अपने चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में काम करेगा. तीन करोड़ लखपति दीदी, रोज़गार के अवसर, कृषि-बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वय के लिए कृषि अवसंरचना मिशन की शुरुआत, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, कृषि उपग्रह का प्रक्षेपण आदि ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र के लिए भाजपा द्वारा अपने घोषणापत्र में किए गए प्रमुख वादे थे.

चौहान ने कहा कि दोनों मंत्रालयों के लिए 100-दिवसीय योजना पर काम तुरंत शुरू हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि वे दोनों मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ भाजपा के घोषणापत्र को साझा करेंगे ताकि ‘मोदी की गारंटी’ के कार्यान्वयन की योजना शुरू हो सके.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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