कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक बलात्कार पीड़िता के पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में लापरवाही बरतने के आरोपी दो पुलिस उप निरीक्षकों और एक सिपाही को बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया गया.
कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि सजेती थाने के बीट इंचार्ज राम शिरोमणि और कांस्टेबल आदेश कुमार को सामूहिक बलात्कार के मामले में लापरवाही बरतने आरोप में निलंबित किया गया है. वहीं, घाटमपुर पुलिस चौकी के प्रभारी अब्दुल कलाम को बलात्कार पीड़िता के पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया है.
उन्होंने बताया कि घाटमपुर के पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा की गई शुरुआती जांच में दोषी पाए जाने पर इन तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है. निलंबित पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है.
सिंह ने बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) बृजेश श्रीवास्तव को यह जांच सौंपते हुए उनसे जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है. विभागीय जांच में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर निलंबित पुलिस कर्मियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर कोई फैसला किया जाएगा.
पुलिस उपमहानिरीक्षक ने इस बात की पुष्टि की कि बलात्कार का दूसरा आरोपी दीपू यादव भी गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी गोलू यादव के भाई सौरभ की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.
इस बीच बलात्कार के मुख्य आरोपी गोलू यादव के पिता पुलिस उप निरीक्षक देवेंद्र यादव को भी निलंबित कर दिया गया है. यादव को जालौन जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के मद्देनजर वीआईपी ड्यूटी पर भेजा गया था. उसके बाद से वह लापता है.
गौरतलब है कि 13 वर्षीय एक बलात्कार पीड़िता के पिता की बुधवार को कानपुर के घाटमपुर क्षेत्र में उस वक्त एक ट्रक की चपेट में आने से मौत हो गई थी जब पास में ही स्थित अस्पताल में उसकी बेटी का मेडिकल परीक्षण किया जा रहा था.
परिवार के सदस्यों ने इसे सुनियोजित हत्या का मामला करार दिया था.
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