जयपुर, 19 अगस्त (भाषा) राजस्थान में 27 लाख से अधिक सक्षम लाभार्थियों ने खाद्य सब्सिडी स्वेच्छा से छोड़ने का फैसला किया है। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
गोदारा ने एक बयान में बताया कि ‘गिव अप’ अभियान के तहत 27 लाख से अधिक सक्षम लाभार्थियों ने खाद्य सब्सिडी स्वेच्छा से छोड़ने का फैसला किया है।
बयान के अनुसार, राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में जरूरतमंद हकदारों को खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) में स्थान देने के लिए विभाग ने गत वर्ष एक नवंबर को ‘गिव अप’ अभियान शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य सक्षम लोगों को खाद्य सब्सिडी स्वेच्छा से त्यागने के लिए प्रेरित करना है ताकि गरीबों को खाद्य सुरक्षा का लाभ मिल सके।
गोदारा ने बताया कि इस अभियान के तहत राज्य में अब तक 27 लाख से अधिक सक्षम लाभार्थियों ने खाद्य सब्सिडी स्वेच्छा से छोड़ी है।
मंत्री ने कहा कि अभियान की सफलता के कारण पात्र वंचित लाभार्थी खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़ पा रहे हैं तथा ‘गिव अप’ अभियान के तहत स्वेच्छा से खाद्य सब्सिडी त्यागने एवं ईकेवाईसी न करवाने के कारण एनएफएसए में बनी रिक्तियों से विभाग 56,62,268 पात्र वंचितों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ पाया है।
ईकेवाईसी यानी ‘इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर’ पहचान सत्यापन का एक डिजिटल तरीका है।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से नयी रिक्तियां बनने से खाद्य सुरक्षा सूची में जुड़े पात्र परिवारों को न केवल पोषण युक्त अन्न उपलब्ध कराया जा रहा है बल्कि उन्हें 25 लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज, 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा एवं 450 रुपये में प्रतिवर्ष 12 घरेलू सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
गोदारा ने बताया कि ‘गिव अप’ अभियान में व्यापक जनभागीदारी को देखते हुए इसकी अवधि 31 अगस्त 2025 तक बढ़ा दी गई है।
बयान के अनुसार ‘गिव अप’ अभियान के तहत जयपुर जिले में 2,21,726 लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सब्सिडी छोड़ कर इस मुहिम में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इससे जिले के 2,42,813 जरूरतमंद लोगों को खाद्य सुरक्षा सूची से जोड़ा जा सका है।
भाषा पृथ्वी सिम्मी
सिम्मी
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