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Tuesday, 3 December, 2024
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हरियाणा जेल विभाग के फाइनेंशियल रूल में 27 में से 26 और हिंदी की परीक्षा में 24 में से 15 अधिकारी फेल

जून में आयोजित इस परीक्षा में जेल अधीक्षक, उपाधीक्षक (डीएसपी) से लेकर सहायक अधीक्षक (एएसपी) और उप-सहायक अधीक्षक रैंक के जेल अधिकारियों ने हिस्सा लिया था.

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गुरुग्राम: विभागीय परीक्षा के नतीजों के अनुसार, हरियाणा के जेल विभाग के आधे से ज़्यादा वरिष्ठ अधिकारी जेल मैनुअल से अच्छी तरह वाकिफ नहीं हैं और कई को हिंदी का ज्ञान नहीं है.

जून में आयोजित इस परीक्षा में जेल अधीक्षक, उपाधीक्षक (डीएसपी) से लेकर सहायक अधीक्षक (एएसपी) और उप-सहायक अधीक्षक रैंक के जेल अधिकारियों ने हिस्सा लिया था. परीक्षा में जेल प्रबंधन के प्रमुख क्षेत्रों, जिसमें ऑपरेशनल और कानूनी ढांचे शामिल हैं, के बारे में उनकी जानकारी और स्किल का मूल्यांकन किया गया था.

चूंकि, बड़ी संख्या में जेल अधिकारी सामान्य स्टैंडर्ड को भी पूरा नहीं कर पाए, इसलिए नतीज़ों ने ट्रेनिंग प्रोग्राम की प्रभावशीलता और विभाग के नेतृत्व की योग्यता पर सवालिया निशान लगा दिया है.

जेल कर्मियों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय पंजाब जेल मैनुअल (विदआउट अपेंडिसिस) के पेपर में 33 में से 19 अधिकारी पास नहीं हुए और 13 अन्य ‘लॉवर’ स्टैंडर्ड के साथ पास हुए. केवल एक ने ‘हाई’ स्टैंडर्ड के साथ पेपर पास किया. फाइनेंशियल रूल के पेपर में 27 में से 26 फेल हो गए, जबकि सिर्फ एक अधिकारी पास हुए और वे भी काफी ‘लॉवर’ स्टैंडर्ड के साथ.

और, सबसे ज़्यादा चौंकाने वाली बात है हिंदी पट्टी के इस राज्य में भाषा के नतीजे. 24 में से 15 अधिकारी लिखित और मौखिक हिंदी में फेल हो गए, पांच ‘कम’ स्टैंडर्ड के साथ पास हुए और सिर्फ चार के ‘हाई’ स्टैंडर्ड थे. हिंदी भाषा के पेपर को पास करने के लिए उम्मीदवार को कुल अंकों में से कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाने होंगे.

पंजाब विभागीय परीक्षा नियम, 1965 के अनुसार, जिसका हरियाणा में भी पालन किया जाता है, परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाती हैं, जिसमें पंजाब जेल मैनुअल (I), जेल मैनुअल (II), आपराधिक कानून (III), वित्तीय नियम (IV) और हिंदी भाषा (V) के विषय शामिल होते हैं. नियम उम्मीदवार के रैंक और पद के आधार पर मूल्यांकन के दो स्टैंडर्ड देते हैं — हाई और लॉवर.

अगर कोई उम्मीदवार किसी पेपर के लिए आवंटित अधिकतम स्कोर में से दो-तिहाई स्कोर लाते हैं, यानी 100 में से कम से कम 67 स्कोर लाते हैं, तो उन्हें ‘हाई’ स्टैंडर्ड मिलता है. इसी तरह, अगर उम्मीदवार अधिकतम स्कोर में से तीन-चौथाई स्कोर लाते हैं, यानी 100 में से कम से कम 75 अंक प्राप्त करते हैं, तो उन्हें ‘क्रेडिट’ के साथ पास माना जाता है.

नियमों के अनुसार, अधिकतम स्कोर के आधे से कम स्कोर ‘लॉवर’ स्टैंडर्ड माने जाते हैं.

26 नवंबर को हरियाणा सरकार के आधिकारिक राजपत्र में परिणाम अधिसूचित किए गए.

दिप्रिंट ने हरियाणा के जेल मंत्री अरविंद शर्मा से फोन पर संपर्क किया, लेकिन वे मौजूद नहीं थे. उनकी ओर से कोई भी जवाब आने पर यह रिपोर्ट अपडेट कर दी जाएगी.

जेल महानिदेशक मोहम्मद अकील को फोन किए जाने पर उनके कार्यालय के कर्मचारियों ने कहा कि वे एक बैठक में व्यस्त हैं. दिप्रिंट ने व्हाट्सएप मैसेज के जरिए भी उनसे संपर्क किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

हरियाणा के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी जॉन वी. जॉर्ज, जो जेल विभाग के प्रमुख थे, ने कहा कि यह परिणाम हरियाणा में सामान्य शैक्षिक स्टैंडर्ड को दर्शाता है.

पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा, “जब पंजाब जेल मैनुअल की बात आती है, तो यह काफी बड़ा विषय है और नतीजे प्रश्न पत्र के डिफिकिल्टी लेवल पर निर्भर करेंगे. हालांकि, जेल अधीक्षक और उपाधीक्षक लेवल के अधिकारियों को इस विषय से परिचित होना चाहिए. इसी तरह, फाइनेंशियल रूल्स ऐसा नहीं जिससे उन्हें रोज़ाना निपटना पड़ता है.”

उन्होंने बताया कि हालांकि, हरियाणा एक हिंदी भाषी राज्य है, लेकिन स्थानीय निवासी हरियाणवी बोली बोलते हैं.

हालांकि, जॉर्ज ने स्वीकार किया कि नतीजों ने चिंताजनक तस्वीर पेश की है — जो हरियाणा में गिरते एजुकेशनल स्टैंडर्ड को दर्शाती है क्योंकि ज्यादातर वर्कफोर्स राज्य के स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ चुके हैं.


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किसका रहा अच्छा प्रदर्शन

नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि 17 एएसपी और दो डीएसपी, पंजाब जेल मैनुअल (विदआउट अपेंडिसिस) में पास नहीं हुए, जबकि 3 उप-सहायक अधीक्षक और 1 डीएसपी आपराधिक कानून खंड में पास नहीं हो पाए. इसके अलावा, 19 उप-सहायक अधीक्षक फाइनेंशियल रूल्स का पेपर पास नहीं कर पाए.

पंजाब जेल मैनुअल (विदआउट अपेंडिसिस) में 33 अधिकारी उपस्थित हुए — एक जेल अधीक्षक, 3 डीएसपी और 29 उप-सहायक अधीक्षक. जेल अधीक्षक लॉवर स्टैंडर्ड के साथ पास हुए, दो डीएसपी पास नहीं हुए जबकि अन्य ‘हाई’ स्टैंडर्ड के साथ पास हुए. 29 उप-सहायक अधीक्षकों में से 17 पास नहीं हुए और 12 ‘लॉवर’ स्टैंडर्ड के साथ पास हुए.

सबसे खराब नतीजे फाइनेंशियल रूल वाले पेपर में देखे गए, जिसमें 27 में से 26 अधिकारी पास नहीं हुए. एक उप-अधीक्षक ‘लॉवर’ स्टैंडर्ड के साथ पास होने वाले एकमात्र अधिकारी थे.

जेल मैनुअल 2 और आपराधिक कानून से संबंधित पेपर में परिणाम बेहतर थे.

जेल मैनुअल 2 की परीक्षा देने वाले 31 अधिकारियों में से केवल 3 ही फेल हुए, पांच ‘लॉवर’ स्टैंडर्ड के साथ पास हुए जबकि 23 को ‘हाई’ स्टैंडर्ड मिले. इसी तरह, आपराधिक कानून के पेपर में 14 ‘हाई’ स्टैंडर्ड के साथ पास हुए, जबकि केवल चार अन्य परीक्षा पास नहीं कर पाए.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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