बीजापुर, सात मई (भाषा) छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में जारी नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षाबलों ने बुधवार को 22 नक्सलियों को मार गिराया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तेलंगाना की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के जंगलों में बुधवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 22 नक्सली मारे गए।
उन्होंने बताया कि जिले के कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों और छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित पहाड़ियों में 21 अप्रैल को ‘आॅपरेशन संकल्प’ नाम से अभियान शुरू किया गया था, जिसमें लगभग 28 हजार जवान शामिल हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान के शुरू होने के बाद से अंतरराज्यीय सीमा पर घने जंगल से घिरे कर्रेगुट्टा और आसपास की पहाड़ियों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच कम से कम 35 मुठभेड़ हो चुकी हैं, जिसमें 26 नक्सलियों के शव और करीब 40 हथियार बरामद किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान चार सौ से अधिक बारूदी सुरंग (आईईडी), करीब दो टन विस्फोटक सामग्री और छह टन से अधिक राशन सामग्री, दवाएं, दैनिक उपयोग की सामग्री और अन्य माओवादी सामान जब्त किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में शुरू की गई सबसे बड़ी नक्सल विरोधी कार्रवाइयों में से इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), राज्य पुलिस की सभी इकाइयों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा सहित विभिन्न इकाइयों के लगभग 28 हजार जवान शामिल हैं।
उन्होंने बताया, ”कर्रेगुट्टा क्षेत्र में आज सुबह हुई मुठभेड़ के बाद 22 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं।”
अधिकारियों ने बताया कि मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
उन्होंने बताया कि राजधानी रायपुर से 450 किलोमीटर दूर अंतरराज्यीय सीमा पर बीजापुर (छत्तीसगढ़) और मुलुगु तथा भद्राद्री-कोठागुडेम (तेलंगाना) के दोनों ओर लगभग आठ सौ वर्ग किलोमीटर फैले क्षेत्र में अभी भी अभियान जारी है। इस मुठभेड़ के साथ ही 21 अप्रैल से अभियान संकल्प के तहत मारे गए नक्सलियों की संख्या 26 हो गई है।
अधिकारियों ने बताया कि माओवादियों के सबसे मजबूत सैन्य गठन बटालियन नंबर एक, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) और माओवादियों की तेलंगाना राज्य समिति के नक्सली नेताओं की मौजूदगी के बारे में सूचना मिलने के आधार पर यह अभियान शुरू किया गया था।
उन्होंने बताया कि 24 अप्रैल को माओवादियों की पीएलजीए बटालियन नंबर एक से जुड़ी तीन महिला नक्सली, जिन पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था, को कर्रेगुट्टा पहाड़ियों पर मार गिराया गया। सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से हथियारों, विस्फोटकों और अन्य सामग्रियों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया था।
अधिकारियों ने बताया कि पांच मई को क्षेत्र में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक महिला नक्सली मारी गई थी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा यह इलाका माओवादियों के बटालियन नंबर एक का आधार माना जाता है।
उन्होंने कहा, ”जानकारी मिली है कि इस अभियान के दौरान कई नक्सली नेता या तो मारे गए या गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें उनके साथी जंगल के भीतर खींचने में कामयाब रहे।”
अधिकारियों ने बताया कि अभियान के दौरान अब तक सैकड़ों नक्सली ठिकाने और बंकर नष्ट किए गए हैं और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, डेटोनेटर, दवाइयां और अन्य सामान जब्त किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रेशर बम में विस्फोटों की विभिन्न घटनाओं में कोबरा इकाई के एक अधिकारी सहित कम से कम छह सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। सभी घायल जवान खतरे से बाहर हैं और उनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
अधिकारियों ने बताया, ”चूंकि अभियान अभी जारी है, इसलिए सुरक्षा कारणों से इस समय कई अन्य विवरणों का खुलासा नहीं किया जा सकता है। जल्द ही इस संबंध में जानकारी दी जाएगी।”
छत्तीसगढ़ में इस वर्ष अलग-अलग मुठभेड़ों में 168 नक्सली मारे गए हैं। उनमें से 151 बस्तर संभाग में मारे गए। बस्तर संभाग में बीजापुर सहित सात जिले शामिल हैं।
भाषा संजीव रंजन
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