नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने बुधवार को भारत में COVID-19 स्थिति की समीक्षा, निगरानी, रोकथाम और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.
बैठक के दौरान, मंडाविया ने COVID-19 वायरस के नए और उभरते तनाव के खिलाफ सतर्क और तैयार रहने के महत्व पर जोर दिया.
मंडाविया ने कहा, “कोविड-19 वायरस के नए और उभरते प्रकार के खिलाफ सतर्क और तैयार रहना महत्वपूर्ण है.”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी राज्यों से सतर्क रहने, निगरानी बढ़ाने, दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और टीकों का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
कोविड-19 के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता को दोहराते हुए, मंडाविया ने कहा, “हम केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर हर तीन महीने में एक बार मॉक ड्रिल करेंगे और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करेंगे.”
JN.1 के नए मामले
बता दें कि नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी. के. पॉल ने बुधवार को कहा कि देश भर में अब तक कोविड-19 के उप-स्वरूप जेएन.1 के 21 नए मामले सामने आए हैं, लेकिन इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है.
पॉल ने कहा कि भारत में वैज्ञानिक समुदाय नए स्वरूप की बारीकी से जांच कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने राज्यों को परीक्षण बढ़ाने और अपनी निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
पॉल ने कहा कि संक्रमण की चपेट में आए लोगों में से लगभग 91 से 92 प्रतिशत लोग घर पर ही उपचार का विकल्प चुन रहे हैं.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, उप स्वरूप जेएन.1 के नए मामलों में से 19 मामले गोवा में दर्ज किए गए जबकि केरल तथा महाराष्ट्र में एक-एक मामला सामने आया है. बीते दो सप्ताह में कोविड-19 से संबंधित 16 मरीजों की मौत हो गई जिन्हें गंभीर सह-रुग्णताएं थी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे समय पर समीक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की त्वरित समीक्षा करने के लिए मामलों, परीक्षणों, सकारात्मकता आदि के बारे में वास्तविक समय में COVID पोर्टल पर जानकारी साझा करें. उन्होंने राज्यों को केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन भी दिया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के ‘जेएन.1’ स्वरूप के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ करार दिया है. डब्यूएचओ ने साथ ही कहा कि इससे वैश्विक जनस्वास्थ्य के लिए ज्यादा खतरा नहीं है.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह अब ‘ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंजा डेटा’ (जीआईएसएआईडी) से जुड़े बीए.2.86 वंशानुक्रम (लीनिएज) से संबंधित है. हालांकि, हाल के सप्ताहों में कई देशों में जेएन.1 के मामले सामने आते रहे हैं और वैश्विक स्तर पर इसका प्रसार तेजी से बढ़ा है.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, देश में सक्रिय COVID मामलों की कुल संख्या वर्तमान में 2,311 है, भारत में महामारी के आगमन के बाद से होने वाली मौतों की कुल संख्या 5,33,321 है.
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