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Friday, 20 December, 2024
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कोविड की वजह से 2021 की जनगणना में देरी, मोदी सरकार ने इस साल संचालन रोकने का फैसला किया

राज्यों को इस कैलेंडर वर्ष में जनगणना के कार्यों को रद्द करने और 31 दिसंबर तक प्रशासनिक सीमाओं में परिवर्तन की इजाजत दी गई है.

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नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के कारण नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा दिसंबर तक किसी भी जनगणना कार्य को संचालित न करने से जनगणना 2021 में हरहाल में देरी होना तय है.

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश में कोविड के मामले बेरोकटोक बढ़ रहे हैं और अधिकतम पर पहुंचने से थोड़ा ही दूर हैं.

राज्यों को लिखे पत्र में, भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने राज्यों के लिए प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव करने की तारीख 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है.

आमतौर पर, जब जनगणना का संचालन में घरों को लिस्ट करने और जनसंख्या गणना दोनों का काम किया जाता है, जिसमें राज्यों को अपने जिलों, कस्बों, गांवों और तहसीलों की सीमाओं को नहीं बदलने के लिए कहा जाता है.

पिछले साल सितंबर में, सरकार ने राज्यों को 2020 और 2021 में जनगणना कार्यों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए दिसंबर 2019 तक इस तरह के किसी भी बदलाव की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहा था. लेकिन कोविड महामारी की शुरुआत के साथ, अब राज्यों को ऐसी किसी भी तरह के सीमा परिवर्तन की 31 दिसंबर तक अनुमति दी है.

28 जुलाई को राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘आने वाली जनगणना के लिए प्रशासनिक इकाइयों की सीमाएं अब 31 दिसंबर, 2020 को बंद की जाएंगी.’

इसने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि 31 दिसंबर के बाद कोई बदलाव नहीं किया जाए, जब तक कि जनगणना यह संकेत नहीं करती कि ‘जनगणना के सफल आयोजन के लिए प्रशासनिक इकाइयों को अंतिम रूप देना पहले जरूरी है.’ दिप्रिंट ने पत्र की प्रति हासिल की है.

दशकीय जनगणना भारत द्वारा किया गया सबसे बड़ा डेटा संग्रह करने का काम होता है और यह न केवल जनसंख्या की वृद्धि के आकलन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पेयजल, स्वच्छता, आवास और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं तक उनकी पहुंच के लिए भी. आखिरी जनगणना 2011 में हुई थी.

दिप्रिंट जोशी तक फोन और टेक्स्ट मैसेज के जरिए पहुंचा लेकिन इस रिपोर्ट को प्रकाशित करने तक उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.


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‘इस साल कोई संचालन नहीं’

दिप्रिंट से बात करते हुए, एक जनगणना अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘यह पत्र प्रभावी तरीके से समझाता है कि वर्तमान कैलेंडर वर्ष में किसी जनगणना का संचालन नहीं होगा.’

केंद्र की पूर्व-कोविड योजना के अनुसार, इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच घरों की लिस्ट करने (हाउस लिस्टिंग) की जनगणना स्लाट की गई थी, जिसमें राज्यों के साथ इस अवधि में घरों के लिस्टिंग का सर्वे करने के लिए 45 दिनों की बारी विकल्प रखा गया था.

जनसंख्या गणना के बाद 9 से 28 फरवरी 2021 के अंतिम तीन सप्ताह की अवधि में हाउस लिस्टिंग की गणना होगी.

हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग गणना आवास, अन्य सुविधाओं और परिसंपत्तियों पर डेटा उपलब्ध करती है. हाउस लिस्टिंग गणना से इकट्ठा डाटा का उपयोग गणना ब्लॉकों को ठीक करने के लिए किया जाता है, जिसका फिर जनसंख्या की गणना के चरण में इस्तेमाल किया जाता है.

हालांकि, महामारी के प्रकोप के साथ, केंद्र सरकार के पास सभी जनगणना कार्यों को निलंबित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं थे. गणनाकारों की सुरक्षा और इन गणनाकारों के जरिए संक्रमण के फैलने का खतरा, जो केंद्र के इसे रोककर रखने के कुछ कारण हैं, दिप्रिंट ने जुलाई में खबर दी थी.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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