नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में कानून मंत्री कपिल मिश्रा की कथित भूमिका की आगे की जांच पर रोक सोमवार को सात मई तक बढ़ा दी।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने यह आदेश तब पारित किया जब उन्हें सूचित किया गया कि नौ अप्रैल को कुछ प्रतिवादियों को अदालत द्वारा जारी नोटिस की तामील नहीं हो सकी।
मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ मंत्री द्वारा दायर आवेदन पर न्यायाधीश ने नौ अप्रैल को मिश्रा के खिलाफ जांच पर 21 अप्रैल तक रोक लगा दी थी।
न्यायाधीश बावेजा ने नौ अप्रैल को इलियास और अन्य को नोटिस जारी किया और उन्हें 21 अप्रैल तक जवाब देने का निर्देश दिया था।
मिश्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी. के. दुबे और दिल्ली पुलिस की ओर से विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद पेश हुए।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) वैभव चौरसिया ने एक अप्रैल को कहा कि ‘‘प्रथम दृष्टया’’ संज्ञेय अपराध का पता चलता है जिसकी जांच की जरूरत है।
मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि मिश्रा कथित अपराध के समय इलाके में मौजूद थे। आगे की जांच की जरूरत है।’’
मजिस्ट्रेट यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया था। दिल्ली पुलिस ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा था कि दंगे में मिश्रा की कोई भूमिका नहीं थी।
भाषा सुरभि मनीषा
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