नई दिल्ली: दुनिया के कई हिस्सों में इस दशक का आखिरी सूर्य ग्रहण देखने को मिला है. भारत के कई हिस्सों में इसे देखा गया. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण को देखने के लिए सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करें ताकि आंखों को कोई नुकसान न हो. भारत के तिरुवनंतपुरम और बंगलुरु में भी इसे देखा जा रहा है. लोगों में इसे देखने के लिए काफी उत्साह है.
दशक के आखिरी सूर्य ग्रहण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देखा और अपनी फोटो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए कहा कि मैं भी कई भारतीयों की तरह सूर्यग्रहण देखने के लिए उत्साही था.
दुर्भाग्यवश आकाश में बादल होने की वजह से मैं सूर्यग्रहण नहीं देख सका. लेकिन मैंने ग्रहण की एक झलक कोझीकोट और दूसरी जगहों पर देखे जा रहे सीधे प्रसारण की वजह से देख पाया. और विशेषज्ञों की मदद से मैंने ग्रहण को लेकर अपनी जानकारी भी बढ़ाई.
पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर जब ग्रहण देखने की अपनी जिज्ञासा शेयर की तो वह फोटो कुछ ही देर में वायरल हो गई और लोगों ने कहा कि बहुत जल्दी इस फोटो का मीम बनेगा. तो पीएम ने उस ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा, ‘आपका स्वागत है.’
Like many Indians, I was enthusiastic about #solareclipse2019.
Unfortunately, I could not see the Sun due to cloud cover but I did catch glimpses of the eclipse in Kozhikode and other parts on live stream. Also enriched my knowledge on the subject by interacting with experts. pic.twitter.com/EI1dcIWRIz
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2019
सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा आ जाता है तथा सूर्य पूरी तरह से या आंशिक रूप से ढक जाता है.
सूर्य ग्रहण के कारण केरल के सबरीमला मंदिर को चार घंटों के लिए बंद कर दिया गया है. लोग सूर्य ग्रहण को देख सकें इसके लिए प्रशासन ने कई जगह इंतेज़ाम किए हैं.
सूर्य ग्रहण देखने वालों को सुरक्षित उपकरणों का उपयोग करना चाहिए: दुआरी
एक वरिष्ठ खगोल विज्ञानी ने कहा है कि 26 दिसंबर को होने वाले सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों तथा उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं.
एम. पी. बिड़ला प्लेनेटोरियम के निदेशक देवी प्रसाद दुआरी के अनुसार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा का व्यास सूर्य से छोटा होता है और सूर्य के अधिकांश प्रकाश को ढक लेता है. इसके कारण सूर्य अग्नि की अंगूठी के समान दिखाई देता है.
दुआरी ने कहा कि किसी व्यक्ति को उचित सुरक्षा के बिना थोड़ी देर के लिए भी सीधे सूर्य की ओर नहीं देखना चाहिए. यहां तक कि जब सूर्य का 99 प्रतिशत हिस्सा आंशिक ग्रहण के दौरान चंद्रमा द्वारा ढक लिया जाता है, तब भी शेष प्रकाश आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है.
उन्होंने कहा कि विकिरण से बचाव में सक्षम ऑप्टिकल घनत्व वाले सौर फिल्टर आंखों के लिए सुरक्षित हैं और उनका उपयोग देखने के लिए करना चाहिए. नग्न आंखों से ग्रहण को नहीं देखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि वेल्डर ग्लास संख्या 14 सौर फिल्टर के रूप में एक सुरक्षित सामग्री है. उनके अनुसार, सूर्य ग्रहण देखने की सबसे अच्छी विधि उपयुक्त सतह पर दूरबीन या पिनहोल कैमरा का उपयोग है.
गुरुवार का सूर्य ग्रहण सऊदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, भारत, श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, उत्तरी मारियाना द्वीप और गुआम में दिखाई देगा.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)