नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाने के लिए शुक्रवार को नया मृत्य वारंट जारी किया.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा मामले के दोषी मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे जिसमें फांसी की तारीख को 22 जनवरी से टालने की मांग की गयी थी.
इस पर न्यायाधीश सतीश अरोड़ा ने पूछा कि, ‘यह कब तक चलेगा? सभी दिसंबर 16 में सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों को दया याचिका दायर करने का समय दिया गया था, लेकिन केवल एक ही दायर की गई .. ये देरी की रणनीति हो सकती है.’
आज इससे पहले तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की अदालत से निर्भया मामले के चारों दोषियों के खिलाफ मौत की सजा पर अमल का फरमान (डेथ वॉरंट) फिर से जारी करने की मांग की थी.
नया डेथ वारंट आने के बाद निर्भया की मां ने कहा, ‘यहां वहीं हो रहा है जो मुजरिम चाहता है. तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख, हमारा सिस्टम ऐसा है जहां दोषी की सुनी जाती है.’
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: Jo mujrim chahte the vahi ho raha hai…tareek pe tareek, tareek pe tareek. Humara system aisa hai ki jahan convict ki suni jaati hai. pic.twitter.com/y3ZdvN52mV
— ANI (@ANI) January 17, 2020
आशा देवी, 2012 की दिल्ली सामूहिक बलात्कार पीड़िता की माँ: जो मुजरिम ने वैही हो गई है … तेरी पे तेरी, तिकड़ी पे तेरी। हमरा सिस्टम अइसा है का जहान दोषी का सुनी सुनीति है।
लोक अभियोजक इरफान अहमद ने अदालत को बताया कि मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को खारिज कर दी है.
पैरामेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात को बर्बर सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी. छात्रा की 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गई थी.
(न्यूज एजेंसी भाषा और हमारे संवाददाता देबायन रॉय के इनपुट्स के साथ)