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Sunday, 22 December, 2024
होमदेशएम्स रायपुर में कोरोना से लड़ने के लिए 200 बेड का वार्ड तैयार, बाहर गए लोगों की छत्तीसगढ़ में नो एंट्री

एम्स रायपुर में कोरोना से लड़ने के लिए 200 बेड का वार्ड तैयार, बाहर गए लोगों की छत्तीसगढ़ में नो एंट्री

25 ड्रोन, 300 कैमरों से की जा रही मॉनिटरिंग, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बैठक में अधिकारियों ने बताया रिम्स में 500 बेड का वार्ड अगले 10 दिनों में तैयार हो जाएगा और 100 बेड कं वार्ड हर जिले में होंगे.

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रायपुर: कोरोनावायरस से बचाव के लिए की जा रही तैयारियों के तहत छत्तीसगढ़ में जल्द सभी जिलों में 100 बेड के आइसोलेशन वार्ड बनाये जाएंगे. जबकि राजधानी रायपुर में अलग अलग हॉस्पिटल्स में कुल 700 से ज्यादा बेड वाले वार्ड स्थापित किये जाएंगे. रायपुर के एम्स (AIIMS) में 200 बेड का आइसोलेशन वार्ड पहले ही तैयार कर लिया गया है और आने वाले दिनों में इसकी संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है.

दिप्रिंट से कोविड-19 के संक्रमण से बचाव की तैयारी के संबंध में बात करते हुए एम्स रायपुर के प्रवक्ता एसएस शर्मा ने बताया कि संस्थान में 200 बेड का एक आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है और कोरोना निरोधक किट्स की व्यवस्था भी कर ली गई है. शर्मा ने कहा ‘200 बेड वाले आइसोलेशन वार्ड के अलावा एम्स रायपुर में कोरोना के मरीजों के लिए सात वेंटिलेटर रिज़र्व में रखे गए हैं. आवश्यकता पड़ने पर आने वाले दिनों में वार्ड का विस्तार कर बेड की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है.’

वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शुक्रवार एक उच्चस्तरीय बैठक में कोरोनावायरस से बचाव के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RIMS) में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए 500 बेड के साथ कोविड-19 अस्पताल के रूप में तैयार किया जा रहा है. अधिकारियों ने बघेल को बताया कि अगले 10 दिनों में यह अस्पताल तैयार हो जाएगा. इनके अलावा करीब 100 बेड युक्त आइसोलेशन वार्ड निजी अस्पतालों द्वारा भी बनाये गए हैं.

तैयारियों का जायजा लेते हुए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और सभी जिला कलेक्टरों को बघेल ने आदेश दिया कि ‘एहतियाती उपायों के तहत हर जिले में कोरोना प्रभावितों के इलाज लिए 100 बेड की व्यवस्था करने और प्रदेश के सभी मेडिकल काॅलेजों में कोरोना प्रभावितों के इलाज की आवश्यक व्यवस्था की जाए.’ मुख्यमंत्री ने लाॅकडाउन के दौरान सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोरोनावायरस के संक्रमण और बचाव के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जाएं जिससे लाॅकडाउन के दौरान गरीब और कमजोर तबकों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो.’

छत्तीसगढ़ से बाहर गए व्यक्तियो को दूसरे राज्यों में ही रहना होगा

दिल्ली से पलायन कर रहे कामगारों की दिल दहला देने वाली तस्वीरों को देखते हुए बघेल ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ के जो लोग दूसरे प्रदेशों में गए हैं, उन्हें वहीं रहने को कहा गया है. उनके लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं कलेक्टर के माध्यम से कराई जा रही है. इसी तरह दूसरे प्रदेशों के जो लोग छत्तीसगढ़ में आए हैं, उन्हें यहां रुकने के लिए कहा गया है. उन्हें भी सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि फल, सब्जी, दूध की आपूर्ति तथा गेंहू की कटाई और धान की खेती में लगे किसानों और मजदूरों को न रोका जाए. खाद, बीज और धान की आपूर्ति में लगे हमालों को न रोका जाए और मजदूरों को काम करते समय सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की समझाइश दी जाए. मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को फल और सब्जी की आपूर्ति बाजार और उपभोक्ताओं तक बनाए रखने से न रोका जाए, नहीं तो इन चीजों के दाम बढ़ सकते हैं. उन्होंने आटा, बेसन और शक्कर की आपूर्ति भी बनाए रखने के निर्देश दिए.

ज्ञात हो कि कुछ दिनों पहले तक राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में फंसे झारखंड के कामगारों को विशेष व्यवस्था कर उनको राज्य के लिए रावाना किया था और बाकी बचे हुए वर्कर्स को उनके राज्यों में भेजने की तैयारी चल रही थी.

25 ड्रोन, 300 कैमरों से की जा रही निगरानी

राजधानी रायपुर में लॉकडाउन के दौरान 25 ड्रोन और 300 कैमरों की मदद से भी 24 घण्टें निगरानी की जा रही है. कोरोनावायरस ( कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिये लागू लाॅकडाउन के दौरान इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मेनेजमेंट सिस्टम में बनाए गए वार रूम के जरिए पूरे शहर और इसके चारों तरफ से निगरानी रखी जा रही है. इसके लिए 25 ड्रोन कैमरों के साथ-साथ यातायात व्यवस्था में लगे 300 कैमरों की मदद से शहर में आने जाने वाले एक-एक वाहन पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. इन ड्रोन और कैमरों से प्राप्त इनपुट का वार रूम में 24 घंटे सातों दिन मानिटरिंग हो रही है.

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